खबर का असर…..सडक़ उखडऩे और उड़ते धूल से आम लोग हो रहे…- भारत संपर्क

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खबर का असर…..सडक़ उखडऩे और उड़ते धूल से आम लोग हो रहे परेशान, तत्काल उठाएं कदम-लखन, उद्योग मंत्री ने जल्द मरम्मत और ठेकेदार पर कड़ी कार्रवाई करने कमिश्नर को लिखा पत्र, खबर प्रकाशन के बाद मंत्री ने लिया संज्ञान

 

कोरबा। शहर की आधा दर्जन सडक़ों के डामरीकरण के कुछ महीने में ही उखड़ जाने से आम लोगों को हो रही परेशानी को वाणिज्य, उद्योग और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने गंभीरता से लेते हुए कोरबा निगम आयुक्त को सडक़ की जल्द मरम्मत करने और ठेकेदार पर कड़ी कार्रवाई करने पत्र लिखा है। हमने इस संबंध में खबर का प्रकाशन किया था, जिसके बाद अब मंत्री ने संज्ञान लिया है। मंत्री श्री देवांगन ने आयुक्त को लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि नगर पालिक निगम क्षेत्र अंतर्गत कोसाबाड़ी, सीएसईबी चौक से बुधवारी, वीआईपी मार्ग, निहारिका मार्ग पर 8 महीने पहले ही डामरीकरण निगम द्वारा कराया गया था। गुणवत्ताहीन एवम् भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाने के कारण उक्त मार्ग डामरीकृत गिट्टी उखड़ गई है, इससे धूल उडऩे के कारण आम जनता को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मंत्री श्री देवांगन ने सडक़ मरम्मत की नितांत आवश्यकता को देखते हुए जल्द सडक़ मरम्मत प्रारंभ करने कहा है। उन्होंने इतनी जल्दी सडक़ के पूरी तरह से उखड़ जाने पर निर्माण एजेंसी के घोर लापरवाही और भ्रष्टाचार में लिप्त होने का भी अंदेशा जताया है।
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विधानसभा चुनाव से पहले किए गए भ्रष्टाचार का खामियाजा भुगत रहा शहर
मंत्री ने कहा कि ठीक विधानसभा चुनाव से पहले निगम द्वारा सडक़ डामरीकरण के नाम पर किए गए भ्रष्टाचार का आज जनता खामियाजा भुगत रही है। ऐसा पहली बार नहीं है, पिछले 5 वर्षो से हर बारिश के बाद शहर की सडक़ें इसी तरह उखड़ जा रही है।

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कोसाबाडी मंडल ने मेयर को दिया 15 दिन का अल्टीमेटम

0 कहा ठेकेदार पर की जाए कानूनी कार्रवाई, नहीं तो होगा आंदोलन

भाजपा कोसाबाड़ी मंडल अध्यक्ष अजय विश्वकर्मा ने महापौर के नाम ज्ञापन सौंपा है। जिसमें कहा गया है कि नगर निगम के द्वारा विगत वर्ष डीएमएफ फंड से कोरबा शहर की प्रमुख सडक़ों का डामरीकरण किया गया था और कुछ ही दिन पश्चात यह डामरीकरण परत छोडऩे लगी। गिट्टी उखडऩे लगी थी जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अनेक बार आंदोलन भी किया। जब मामला बहुत ज्यादा आगे बढ़ा तो नगर निगम ने संबंधित ठेकेदार की सिक्योरिटी डिपॉजिट और परफॉर्मेंस आधारित जमा राशि को जप्त करके औपचारिकता का पालन कर लिया, लेकिन जिस तरह शहर की पूरी की पूरी सडक़ गिट्टी छोड़ रही है और आने वाले समय में नगर निगम को पुन: पूरी सडक़ का निर्माण फिर से करना ही पड़ेगा। जिसमें जनता के टैक्स का पैसा चंद लोगों के लालच में बर्बाद हो गया है। उसके विरोध में कोसाबाडी मंडल ने महापौर के नाम से ज्ञापन दिया है। जिसमें कहा गया है कि 15 दिवस के अंदर घटिया सडक़ निर्माण करने वाले ठेकेदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें। उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराए अन्यथा कोसाबाडी मंडल के नेतृत्व में भारतीय जनता उनके विरुद्ध आंदोलन करेगी।
गौरतलब है कि इस मामले में अब लोग सवाल उठा रहे हैं कि प्रदेश में सरकार भाजपा की है। ठेकेदारों पर कार्रवाई निगम आयुक्त द्वारा की गई है। ऐसे में महापौर के खिलाफ आन्दोलन और ज्ञापन को लोग सिसासी चश्मे से देखने लगे हैं।

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संदेह के दायरे में निगम के अधिकारी भी

सूत्रों की मानें तो कोरबा शहर में बालको से निहारिका, निहारिका से दादर, पोडीबहार, निहारिका से पावर हाउस रोड़, पावर हाउस से सीतामणी तक 4-5 ठेकेदारों ने काम किया है। सभी रोड़ का एक साथ उखड़ना कहीं ना कहीं निगम के उच्च अधिकारियों के बनाए हुए इस्टीमेट/प्राकलन के ऊपर सवालिया निशान लगा रहे हैं।ऐसे में ये सवाल उठता है की क्या निगम के उच्च अधिकारियों द्वारा बनाया गया प्राकलन कोरबा की मुख्य सड़कों के मुताबिक था या नहीं था। सड़क डामरीकरण के कार्यों में निगम के अभियंता डामर प्लांट से सड़क निर्माण होने वाली साइट तक अपनी देख रेख में इस कार्य को करवाया या नहीं? डामर प्लांट से आने वाली गाड़ियों का टेंपरेचर चेक करने से पैवर मशीन से बिछने वाले डामर तक का नापी अभियंताओं द्वारा लिया गया या नहीं? सड़क निर्माण कार्यों के दौरान दिन में 3 से 4 बार निरक्षण करते हुए अधीक्षण अभियंता के निगरानी में सभी कार्य करवाए गए या नहीं? कार्यों की गुणवत्ता का मूल्यांकन अभियंताओं द्वारा किया गया या नहीं? क्या लोगों की जान से खेलते हुए कम पैसे में मुख्य सड़कों का कार्य करवाना चाह रहे थे निगम के अधिकारी?ऐसे में निगम आयुक्त का अधिकारियों को बचाना और ठेकेदारों पर कार्यवाही करना गंभीर विषय है, जबकि संदेह के दायरे में अधिकारी भी हैं। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो कुछ वर्ष पहले जिन अफसरों का तबादला कर दिया गया था, इस खास काम के लिए उनकी निगम मुख्यालय में वापसी के बाद पूरा खेल किया गया है।

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