एक ही रात 9 से अधिक मंदिरों में प्रतिमाओं को खंडित करने वाला…- भारत संपर्क


चैत्र नवरात्रि के पहले दिन ही सीपत थाना क्षेत्र के ग्राम सेलर में सुबह-सुबह लोगों ने देखा कि वहां 9 से 10 मंदिरों में प्रतिमाओं को खंडित किया गया है। मंदिर के ऊपर लगे त्रिशूल तोड़ दिए गए। मंदिर के पर्दे जला दिए गए। जिससे पूरे गांव में आक्रोश फैल गया। रात में असामाजिक तत्वों ने शिवलिंग और नंदी बैल को उखाड़ फेंका था। गांव के अन्य मंदिरों में भी इसी तरह से तोड़फोड़ की गई , जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुई।


पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और इस घटना को अंजाम देने वालों की तलाश शुरू की। पुलिस गांव में कैंप लगाकर सीसीटीवी कैमरे के फुटेज तलाशने में लग गयी, साथ ही कई संदिग्धों से भी पूछताछ की गई। इसी दौरान पुलिस की नजर में ग्राम सेलर के फलगोपारा निवासी रविराज साहू लगा, जिसके खिलाफ पुलिस को ठोस सबूत मिले। जब रविदास साहू को हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया तो उसने अपनी करतूत स्वीकार कर ली। उसने बताया कि उसे लगता था की शिवलिंग के नीचे सोना चांदी गड़ा हुआ है, इसीलिए उसने ग्राम सेलर के विभिन्न मंदिरों के शिवलिंग में तोड़फोड़ कर उन्हें क्षतिग्रस्त किया। आरोपी रविराज के बताए अनुसार ग्राम सेलर के नया तालाब में दो शिवलिंग भी बरामद किए गए। शेष शिवलिंग को इसने हथौड़े से तोड़कर गहरे पानी में फेंक दिया था। पुलिस ने इस मामले में 25 वर्षीय रवि साहू को गिरफ्तार किया है।

लेकिन पुलिस की यह दलील लोगों के गले नहीं उतर रही। अगर किसी को सोना चांदी ढूंढना होता तो वह शिवलिंग के नीचे खुदाई करता। अगर शिव लिंग खंडित भी करता तो भी उन्हें तालाब में ले जाकर तो नहीं फेंकता। अगर उसे शिवलिंग के नीचे से सोना ढूंढना होता तो वह अन्य देवी देवताओं की प्रतिमाओं को खंडित नहीं करता। सोना अगर शिवलिंग के नीचे दबा है तो फिर मंदिर के त्रिशूल को तोड़ने और पर्दों में आग लगाने का क्या उद्देश्य है ? इस पर से पर्दा अभी तक नहीं उठा है । इससे समझ में आ रहा है कि उसकी मंशा कुछ और रही होगी , जिसे लेकर गांव में चर्चाओं का बाजार गर्म है। लोगों को यह भी लग रहा है कि इस मामले में रवि साहू के अलावा और भी लोग संलिप्त होंगे।
