निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस में तीन जिला अध्यक्ष की…- भारत संपर्क
ठीक नगरीय निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने तीन जिला अध्यक्ष बदल दिएम बस्तर ग्रामीण में प्रेम शंकर शुक्ला, मुंगेली में घनश्याम वर्मा और रायगढ़ ग्रामीण में नागेंद्र नेगी को पार्टी की कमान सौंपी गई है। नगर निगम चुनाव से पहले कांग्रेस ने संगठन में बदलाव शुरू कर दिया है, जिसकी शुरुआत तीन जिलों में जिला अध्यक्ष की नियुक्ति से हुई। मुंगेली में घनश्याम वर्मा को जिला अध्यक्ष बनाया गया है। यह आदेश दिल्ली से जनरल सेक्रेटरी के वेणु गोपाल ने जारी किया है। इसके साथ ही कई शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में 30 से ज्यादा जिला अध्यक्ष बदले जाने की चर्चा शुरू हो गई है।
मुंगेली जिला अध्यक्ष के नाम ने सबको चौंकाया
इधर सबको चौंकाते हुए मुंगेली जिले से घनश्याम वर्मा को जिला अध्यक्ष बनाया गया है। माना जा रहा है कि लोधी समाज को खुश करने के लिए घनश्याम वर्मा का नाम आगे बढ़ाया गया है। बिना जिला अध्यक्ष के ही कांग्रेस ने मुंगेली में विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ा और शिकस्त हांसिल की। कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष सागर सिंह बैस खुद पार्टी से बगावत कर विधानसभा चुनाव लड़ने मैदान में उतर गए थे, तब से अध्यक्ष विहीन मुंगेली में भाजपा चुनाव दर चुनाव जीतती चली गई। इस बार भी उम्मीद की जा रही थी कि जिला मुख्यालय से ही किसी बड़े कांग्रेसी नेता को जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, लेकिन ऐसा न होने पर लोग हैरान रह गए।
कौन नाम थे जिला अध्यक्ष की रेस में शामिल
कांग्रेस से जिला अध्यक्ष की दौड़ में पूर्व पार्षद संजय जायसवाल, पार्षद रोहित शुक्ला , संजय यादव, स्वतंत्र मिश्रा जैसे कई चर्चित नाम थे लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उन्हें नजर अंदाज कर पथरिया क्षेत्र से गुमनाम श्याम वर्मा को जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
कांग्रेस जिला अध्यक्ष की नियुक्ति से भाजपा में जश्न का माहौल
इस चौंकाने वाले फैसले से भीतर खाने में नाराजगी भी देखी जा रही है । माना जा रहा है कि इससे असंतुष्ट कांग्रेसी आगामी निकाय चुनाव में पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं और पार्टी की राह आगे भी कठिन होगी । हालांकि इस नियुक्ति के बाद मुंगेली कांग्रेस जिला अध्यक्ष के दावेदार पूर्व पार्षद संजय जायसवाल ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि इससे संगठन मजबूत होगा। साथ ही नगर निगम चुनाव में कांग्रेस का परचम लहराने का भी उन्होंने दावा किया । लेकिन जिला अध्यक्ष की नियुक्ति में मुंगेली को नजर अंदाज किए जाने से भीतर खाने में नाराजगी देखी जा रही है। इसे इस तरह से भी समझा जा सकता है कि फैसले से विरोधी खेमे में यानी कि भाजपा में खुशी की लहर है। आश्चर्यजनक ढंग से कांग्रेस जिला अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद भाजपा में मनाने की चर्चाएं है, क्योंकि भाजपा का मानना है कि इस फैसले से नगर पालिका चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित हो गई है ।
क्या है इस फैसले के मायने
राजनीति के जानकारों का भी मानना है कि जिला अध्यक्ष बनाए गए घनश्याम वर्मा की ना तो व्यापक पकड़ है और ना ही बड़े नेताओं में उनका नाम शामिल है। इसलिए मुंगेली जिले के दिग्गजों को संभालना उनके लिए आसान नहीं होगा। वही महत्वाकांक्षी नेताओं का अंतर्कलह भी उनके लिए सर दर्द साबित हो सकता है । ऐसे में आसन्न नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस की मुश्किलें और भी बढ़ने वाली है । पहले ही विधानसभा और लोकसभा चुनाव हार चुकी कांग्रेस अगर नगर पालिका और पंचायत चुनाव भी हार जाती है तो उसका सुपड़ा साफ होना तय है। पहले से ही मुंगेली जिले में कमजोर कांग्रेस के लिए इसके बाद उबरना आसान नहीं होगा। इसीलिए मुंगेली जिला कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति से हर्ष कम और हैरानी अधिक नजर आ रही है। लोगों ने भी इसे चौंकाने वाला फैसला बताया है। कुछ लोगों का तो यहां तक कहना है कि कांग्रेस ने इस नियुक्ति से न केवल भाजपा को वॉकओवर दे दिया है बल्कि उसने पॉलिटिकल सुसाइड भी कर ली है।
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