बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और नरसंहार के…- भारत संपर्क


बांग्लादेश तेजी से तरक्की कर रहा था। वह दक्षिण एशिया में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया था, जो विश्व में 35वें स्थान पर है। रेडीमेड गारमेंट, फार्मास्यूटिकल और जहाज निर्माण में बांग्लादेश की तूती बोल रही थी। 7.8 की रेट से बांग्लादेश की जीडीपी विश्व में 25 में स्थान पर थी, कि तभी वहां के लोगों को याद आया कि अरे वे तो अपना असली मकसद और मूल स्वभाव ही भूल बैठे हैं । और फिर वहां के स्टूडेंट नव तालिबान बन बैठे । अमेरिका, चीन ,पाकिस्तान की शह पर बांग्लादेश में तख्तापुल्ट का खेल खेला गया लेकिन इसके पीछे हिंदू विद्वेष की भावना प्रबल थी। इसलिए तख्ता पलट के बाद ही बांग्लादेश में निरीह हिंदुओं पर कहर बरपाया गया। हिंदुओं के मंदिर जलाए जाने लगे। उनके घर और दुकानों में आग लगा दी गई। बहन बेटियों के साथ अनाचार किया गया। हिंदुओं की बार्बर हत्या की गई , इसका शेख हसीना के सत्ता में रहने या ना रहने से क्या संबंध था, यह कोई नहीं बता सकता।

जबकि भारत ने ही बांग्लादेश को आजाद कराया था लेकिन यह लोग जन्मजात गद्दार होते हैं, इसलिए ये भारत से आज भी नफरत करते हैं और उतनी ही नफरत वह हिंदुओं से करते हैं।
अफसोस कि हिंदुओं के कत्लेआम के बावजूद भी पूरी दुनिया इस मुद्दे पर खामोश है। भारत सरकार ने भी आधिकारिक रूप से इसे लेकर कोई बड़ी आपत्ति दर्ज नहीं कराई। भारतीय हिंदू साधु संतों और शंकराचार्यो से पहले ही समाज उम्मीद रखना छोड़ चुका है, इसलिए अब आम लोगों ने ही मोर्चा हाथ में दिया है।

इस मुद्दे पर हिंदूवादी संगठन लगातार विरोध प्रदर्शन कर दुनिया का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इसी क्रम में 13 अगस्त मंगलवार को बिलासपुर में भी सर्व हिंदू समाज द्वारा आक्रोश रैली निकाली जाएगी। बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार के खिलाफ शाम 5:00 बजे गांधी चौक से मशाल रैली निकलेगी, जिसमें बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने, इस मुद्दे पर भारत के दखल देने और भारत से घुसपैठिए बांग्लादेशी और रोहिंग्या को बाहर खदेड़ने की मांग की जाएगी। यह मसाल रैली गांधी चौक से देवकीनंदन पहुंचकर संपन्न होगी। हिंदू अस्मिता की रक्षा के लिए इस रैली में अधिक से अधिक लोगों के शामिल होने का आह्वान किया गया है, तो वही आयोजन को सफल बनाने के लिए युवा पूरी तरह सक्रिय है। इसे लेकर लगातार बैठके की जा रही है।
