ग्लोबल वार्मिंग और इसके जलवायु पर होने वाले प्रभावों का…- भारत संपर्क
ग्लोबल वार्मिंग और इसके जलवायु पर होने वाले प्रभावों का स्थाई समाधान आवश्यक, अग्रसेन महाविद्यालय में ऑनलाईन राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित, 10 से अधिक विश्वविद्यालय एवं 70 से अधिक महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने रखे विचार
कोरबा। श्री अग्रसेन कन्या महाविद्यालय द्वारा ग्लोबल वार्मिंग और वातावरण में इसके दुष्प्रभाव पर ऑनलाईन राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें पूरे देश से 10 से अधिक प्रमुख विश्वविद्यालय एवं 70 से अधिक महाविद्यालय के प्रोफेसर सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हुए। सभी के द्वारा जलवायु परिवर्तन
और ग्लोबल वार्मिंग के प्रति जागरूकता फैलाने और इसके दुष्प्रभाव के स्थाई समाधान के संबंध में चर्चा की। कार्यक्रम के संबंध में जानकारी देते हुए श्री अग्रसेन शिक्षण समिति महाविद्यालय के अध्यक्ष सुनील जैन और प्राचार्य मनोज कुमार झा ने बताया कि महाविद्यालय के तत्वाधान में देशभर में जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में मुख्य रूप से ग्लोबल वार्मिंग और इसके जलवायु पर होने वाले प्रभावों पर चर्चा की गई। आयोजन में विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, पर्यावरणविद, सरकारी अधिकारी और विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख विचारकों देव बंश सिंह असिस्टेंट प्रोफेसर एजुकेशन, रमेश झा महिला कॉलेज सहरसा बिहार, एच एस पी तोंडे असिस्टेंट प्रोफेसर कंप्यूटर साइंस, संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय अंबिकापुर, डॉ शिखा श्रीवास्तव सहायक प्राध्यापक जूला एवं मास्टर ट्रेनर ऑफ इंडियन नॉलेज सिस्टम गवर्नमेंट इंदिरा गांधी कॉलेज दुर्ग, डॉ संतोष अग्रवाल असिस्टेंट प्रोफेसर जूलॉजी गवर्नमेंट ई राघवेंद्र राव स्नातकोत्तर महाविद्यालय बिलासपुर, डॉ कावेरी दाभदकर असिस्टेंट प्रोफेसर ज्योग्राफी गवर्नमेंट बिलासा गर्ल्स कॉलेज बिलासपुर, डॉ सिद्धार्थ गंगाले सह प्राध्यापक सोशलवर्क तेलंगाना ने वैश्विक संकट के समाधान के लिए ठोस कदम उठाने के संबंध में अपने-अपने विचार रखें। संगोष्ठी में वक्ताओं ने सारगर्भित विचार रखते हुए कहा कि आज हमारे ग्रह का तापमान बढ़ रहा है, और इसका सीधा असर हमारे पर्यावरण, जीवनशैली, और कृषि पर पड़ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग, जिसे मानव गतिविधियों द्वारा उत्पन्न ग्रीनहाउस गैसों के कारण बढ़ावा मिल रहा है, न केवल पृथ्वी के तापमान को बढ़ा रहा है, बल्कि समुद्र जलस्तर को भी ऊंचा कर रहा है, प्राकृतिक आपदाओं की आवृत्ति को बढ़ा रहा है और जैव विविधता को नष्ट कर रहा है। इसका स्थाई समाधान किया जाना आवश्यक है। ताकि इस गंभीर समस्या से निपटा जा सके। ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन को कम कर वैश्विक तापमान को नियंत्रित करना आवश्यक है। आम जनता को इस मुद्दे के प्रति जागरूक करने के लिए समय-समय पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाये। जिससे समाज में पर्यावरण संरक्षण की भावना पैदा हो सके। सरकारों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के बीच सहयोग और नीतियों के सुधार की दिशा में सुझाव देते हुए पर्यावरण संरक्षण और उक्त समस्या के निराकरण की दिशा में ठोस पहल किया जाना आवश्यक है। उक्त कार्यक्रम में श्री अग्रसेन कन्या महाविद्यालय के विभिन्न संकायों के प्राध्यापक गण शोध छात्राएं स्नातकोत्तर तथा स्नातक स्तर के छात्र-छात्राएं, शिक्षा संकाय के छात्र-छात्राएं एवं अन्यत्र जगह से जुड़े सदस्य प्राध्यापकगण छात्र-छात्राओं ने भी अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम को सफल बनाने में अग्रसेन कन्या महाविद्यालय के रिसर्च सेल के समन्वयक डॉक्टर प्रशांत सिंह राजपूत, उप समन्वयक डॉ अन्नू सिंह, प्रोफेसर राजेश एक्का, प्रोफेसर राजेंद्र सोनी, मोनिका साहू, इंदु उपासना, प्रोफेसर आशुतोष राठौर, डॉ संतोष कुमार कहार, नेक कोऑर्डिनेटर एवं आइक्यूएसी इंचार्ज डॉ वसीम सहित समस्त महाविद्यालय के प्राध्यापकों, शिक्षण समिति और सभी का सराहनीय प्रयास व योगदान रहा। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल सभी वक्ताओं के प्रति महाविद्यालय के प्राध्यापक प्रो राजेश प्रकाश एक्का द्वारा आभार व्यक्त किया गया।