इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से सेहत पर पड़ता है बुरा असर, स्टडी में दावा
इंटरमिटेंट फास्टिंग का सेहत पर असरImage Credit source: Peter Dazeley/The Image Bank/Getty Images
आजकल लोग खुद को फिट रखने के लिए कई तरीके अपना रहे हैं, जिसमें सबसे पॉपुलर है इंटरमिटेंट फास्टिंग. इसका मतलब होता है एक टाइम का खाना छोड़ना या कुछ घंटों के लिए बिना कुछ खाए-पिए रहना. कई लोग सुबह का नाश्ता छोड़कर इसे अपनी डेली लाइफ का हिस्सा बनाते हैं. सोशल मीडिया पर भी इस तरीके को खूब पसंद किया जा रहा है, और लोग इसे फॉलो भी कर रहे हैं. लोगों का मानना है कि वजन कम करने के लिए ये तरीका काफी मददगार साबित हो रहा है.
वेट लॉस के अलावा इससे पाचन भी सही रहता है. लेकिन क्या सच में ऐसा है?….क्योंकि सामने आई एक स्टडी में इसके नतीजे कुछ और ही पाए गए हैं. इस स्टडी में दावा किया गया है कि अगर सुबह का नाश्ता छोड़ते हैं तो इससे शरीर पर बुरा असर पड़ता है. चलिए इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं.
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क्या होती है इंटरमिटेंट फास्टिंग?
इंटरमिटेंट फास्टिंग का मतलब होता है एक ऐसा हाइट पैर्टन, जिसमें लोग कुछ घंटे या दिन तक खाना छोड़ देते हैं और लिमिटिड चीजों का सेवन करते हैं. इसमें सबसे पॉपुलर तरीका है 16:8, यानी 16 घंटे उपवास और 8 घंटे खाने का समय
कुछ लोग 5:2 पैटर्न अपनाते हैं, जिसका मतलब है पांच दिन सामान्य खाना और दो दिन बहुत सीमित कैलोरी वाली डाइट लेना. वैसे तो लोग इसे वजन कम करने और फिट रहने के लिए अपनाते हैं. लेकिन कई बार नाश्ता न करने की वजह से ये गलत असर कर सकता है.

क्या कहती है स्टडी?
न्यूट्रियंट्स नामक जर्नल में एक पब्लिश एक रिपोर्ट में बताया गया है कि, बार-बार नाश्ता छोड़ने की आदत सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकती है. इसमें पाया गया कि, जो लोग सुबह का नाश्ता स्किप करते हैं उन्हें मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा ज्यादा रहता है. इससे होने वाली समस्याए हैं, पेट के आसजपास चर्बी जमना, हाई ब्लड प्रेशर, शुगर लेवल का बढ़ना और हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल. ये सभी समस्याएं हार्ट डिजीज और डायबिटिज का खतरा बढ़ाती हैं.
किन बीमारियों का रहता है ज्यादा खतरा?
इस स्टडी 9 देशों जैसे कोरिया, जापान, ईरान, ब्राजील और अमेरिका के कुल 1.18 लाख पार्टिसिपेंट का डेटा विश्लेषण किया गया है. इस रिसर्च में पाया गया कि, जो लोग सुबह का नाश्ता छोड़ते हैं उनमें मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा करीब 10% ज्यादा होता है. पेट की चर्बी का खतरा 17% , हाई ब्लड प्रेशर का खातरा 21% , ब्लड लिपिड्स (कोलेस्ट्रॉल) में गड़बड़ी का खतरा 13% और ब्लड शुगर बढ़ने का खतरा 26% तक रहता है.
नाश्ता करना कितना जरूरी है?
कई लोग सोचते हैं कि नाश्ता न करना कौन-सी बड़ी बात है. लेकिन वैज्ञानिक का मानना है कि रात के खाने और अगले दिन के नाश्ते के बीच का गैप बहुत ज्यादा होता है. ऐसे में जब लोग सुबह की खाना नहीं खाते हैं तो शरीर को सर्कै़डियन रिद्म और इंसुलिन सेंसेटिविटी बिगड़ सकती हैं. इससे बॉडी शुगर को ठीक से कंट्रोल नहीं कर पाती है , जिससे मेटाबॉलिक गडबड़िया शुरु हो जाती है.
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