ईरान ने फिर शुरू किया न्यूक्लियर प्रोजेक्ट, रिपोर्ट में दावा- छिपाया 10 बमों जितना… – भारत संपर्क

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ईरान ने फिर शुरू किया न्यूक्लियर प्रोजेक्ट, रिपोर्ट में दावा- छिपाया 10 बमों जितना… – भारत संपर्क

अमेरिका और इजराइल के हालिया हमलों से भारी नुकसान झेलने के बावजूद ईरान के परमाणु ठिकानों पर फिर से हलचल शुरू हो गई है. वॉशिंगटन स्थित सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक फॉर एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) की नई सैटेलाइट तस्वीरों के एनालिसिस से यह जानकारी सामने आई है. इन तस्वीरों ने एक बार फिर ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को लेकर चिंता बढ़ा दी है.

CSIS की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने नतांज के दक्षिण में पिकऐक्स माउंटेन नाम की जगह पर अंडरग्राउंड कंस्ट्रक्शन तेज कर दिया है. यह प्रोजेक्ट 2020 से चल रहा है. सैटेलाइट तस्वीरों में एक मजबूत सुरक्षा दीवार और तीन दिशाओं में जा रही सुरंगें दिखाई दी हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह जगह शायद नया सेंट्रीफ्यूज असेंबली प्लांट, परमाणु परियोजना का विस्तार या फिर सीक्रेट यूरेनियम संवर्धन केंद्र हो सकती है.

ईरान के पास गुप्त यूरेनियम भंडार

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरान ने 400 किलोग्राम उच्च संवर्धित यूरेनियम (HEU) को एक गुप्त स्थान पर छिपा दिया है, जो करीब 10 परमाणु बमों के लिए पर्याप्त है. एक ईरानी अधिकारी ने जून में बताया था कि हमलों से पहले यह सामग्री सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दी गई थी.

CSIS के एक्सपर्ट्स ने कहा कि ईरान तकनीकी रूप से परमाणु बम बना सकता है, लेकिन उसे कई तकनीकी चुनौतियों का सामना करना होगा. ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि अगर अमेरिका बराबरी और ईमानदारी से बातचीत करना चाहता है, तो ईरान नए समझौते के लिए तैयार है.

जून में अमेरिका-इजराइल ने हमले किए थे

जून में अमेरिका और इजराइल ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों नतांज, इस्फहान और फोर्डो पर हवाई हमले किए थे. इन हमलों में वहां की प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर तबाह हो गई थी और फिलहाल यूरेनियम संवर्धन की प्रक्रिया रुक गई थी.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तब कहा था कि ईरान परमाणु बम बनाने के बेहद करीब पहुंच चुका था. इसी बीच अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ईरान के पास इतना संवर्धित यूरेनियम है, जिससे वह परमाणु हथियार बना सकता है.

ईरान ने इन सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि उसका न्यूक्लियर प्रोग्राम सिर्फ शांति और ऊर्जा उत्पादन के लिए है. 18 अक्टूबर को 2015 का परमाणु समझौता JCPOA (जॉइंट कंप्रेहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन) खत्म हो गया, जिससे नए समझौते पर बातचीत फिर से रुक गई है.

अब आगे क्या होगा?

CSIS ने चेतावनी दी है कि ईरान गुप्त रूप से अपने परमाणु कार्यक्रम को फिर से खड़ा कर सकता है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की गई है कि वह ईरान पर NPT (Non-Proliferation Treaty) और IAEA के नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए दबाव बनाए, ताकि भविष्य में कोई विश्वसनीय परमाणु वार्ता हो सके.

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