JNUSU Election: ABVP ने घोषित किए अपने उम्मीदवार, दो स्कूलों में काउंसलर…

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JNUSU Election: ABVP ने घोषित किए अपने उम्मीदवार, दो स्कूलों में काउंसलर…
JNUSU Election: ABVP ने घोषित किए अपने उम्मीदवार, दो स्कूलों में काउंसलर निर्विरोध विजेता

जेएनयूImage Credit source: Social Media

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. अध्यक्ष पद के लिए विकास पटेल, उपाध्यक्ष पद के लिए तान्या कुमारी, सचिव पद के लिए राजेश्वर कांत दुबे और संयुक्त सचिव पद के लिए अनुज डमारा को अभाविप ने अपना प्रत्याशी नामित किया है, चुनाव से पहले ही एबीवीपी को बड़ी खुशखबरी भी मिली है. दो स्कूलों में काउंसलर प्रत्याशियों ने निर्विरोध जीत दर्ज की है.

इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय के 16 स्कूलों और विभिन्न संयुक्त केंद्रों के 42 काउंसलर पदों के लिए और IC के तीन पदों के लिए भी अभाविप ने अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं, जिसमें महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है. अभाविप ने इसमें अपने तीन प्रत्याशी मनीषा डाबला, कनिष्क गौर और प्रतिष्ठा को मैदान में उतारा है. अभाविप इस चुनाव में अभाविप द्वारा छात्रसंघ में रहते हुए किए गए कार्यों और जेएनयू परिसर के आधारभूत ढांचे के सुधार, महिला सुरक्षा, सस्ती व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, और एक सक्रिय व उत्तरदायी छात्रसंघ के गठन जैसे प्रमुख मुद्दों को लेकर जेएनयू के विद्यार्थियों के बीच पहुंचेगी.

सेंट्रल पैनल के उम्मीदवार

अध्यक्ष पद के लिए विकास पटेल

विकास पटेल उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के निवासी हैं. उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से कोरियन भाषा में ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन उपाधि प्राप्त की है. इसके अतिरिक्त, उन्होंने राजनीति विज्ञान में पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की है. वर्तमान में वो जेएनयू में पीएच.डी. के थर्ड ईयर के शोधार्थी हैं. विकास राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा पास हैं. विकास वर्ष 2014 से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं. उन्होंने 2016 और 2017 में स्कूल ऑफ लैंग्वेज से काउंसलर पद के लिए चुनाव लड़ा था. वो पूर्व में एबीवीपी, जेएनयू इकाई मंत्री के दायित्व का निर्वहन कर चुके हैं और वर्तमान में जेएनयू विभाग संयोजक एवं प्रदेश सह मंत्री के रूप में कार्यरत हैं.

उपाध्यक्ष पद के लिए तान्या कुमारी

तान्या कुमारी मूलतः बिहार के मुंगेर जिले की निवासी हैं और एक ग्रामीण परिवेश से आती हैं. इन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस कॉलेज से दर्शनशास्त्र में स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है. इसके बाद इन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ सोशल सिस्टम्स से समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की. वर्तमान में, इसी केंद्र से समाजशास्त्र विषय में पीएच.डी. शोधार्थी हैं. तान्या वर्ष 2019 से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सक्रिय कार्यकर्ता रही हैं. वर्ष 2024 में उन्होंने एबीवीपी के उम्मीदवार के रूप में स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज़ से काउंसलर पद हेतु चुनाव लड़ा था. वो एक उत्कृष्ट वक्ता और लेखिका हैं, तथा बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को गर्व के साथ अभिव्यक्त करती हैं.

सचिव पद के लिए राजेश्वर कांत दुबे

राजेश्वर कांत दुबे मूलतः गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के निवासी हैं. उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के स्कूल ऑफ लैंग्वेज, लिटरेचर एंड कल्चरल स्टडीज के सेंटर ऑफ रशियन स्टडीज से अपनी स्नातक एवं स्नातकोत्तर शिक्षा पूरी की है. वर्तमान में वो सेंटर फॉर रशियन एंड सेंट्रल एशियन स्टडीज़, जेएनयू में शोधार्थी हैं. राजेश्वर रूस के सोची शहर में आयोजित विश्व युवा महोत्सव में भारतीय सांस्कृतिक राजदूत के रूप में शामिल हुए थे. पूर्व में वे राष्ट्रीय सेवा योजना , जेएनयू के सक्रिय सदस्य रहे हैं.

संयुक्त सचिव पद के लिए अनुज डमारा

अनुज डमारा हरियाणा के जींद जिले के निवासी हैं. इनकी प्रारंभिक शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय से हुई है. अनुज ने दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज से फिजिक्स विज्ञान में स्नातक, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से बी.एड. की पढ़ाई पूरी की है. उन्होंने CTET, HTET एवं JRF परीक्षाएं सफलतापूर्वक पास की हैं. वर्तमान में अनुज, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ फिजिकल साइंसेज में फिजिक्स साइंस के रिसर्च छात्र हैं.

ABVP उम्मीदवारों की निर्विरोध जीत

16 स्कूलों में से दो स्कूलों में अभाविप के काउंसलर प्रत्याशियों ने निर्विरोध विजय प्राप्त की है. स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज से आयुषी बजाज और हिमांशु तथा स्पेशल सेंटर फॉर मॉलिक्युलर मेडिसिन से गोवर्धन सिंह ने बिना किसी विरोधी प्रत्याशी के जीत दर्ज की है. यह अभाविप के प्रति छात्रों के गहरे विश्वास और संगठन की बढ़ती स्वीकृति का प्रतीक है.

ABVP का लेफ्ट पर प्रहार

अभाविप का स्पष्ट मानना है कि वर्तमान लेफ्ट नीत जेएनयूएसयू की विफलताओं ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता, संरचनात्मक सुविधाओं और लोकतांत्रिक संवाद पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े किए हैं. विगत वर्ष के कार्यकाल के दौरान छात्रहितों की अनदेखी, परिसर में बढ़ती अव्यवस्था और शैक्षणिक वातावरण के क्षरण को देखते हुए अभाविप ने छात्रों के सामने एक वैकल्पिक नेतृत्व प्रस्तुत किया है, जो न केवल समस्याओं की सही पहचान करेगा बल्कि उसका व्यावहारिक समाधान भी सुनिश्चित करेगा. अभाविप ने पिछले चुनाव में छात्रसंघ में संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल की थी.

केंद्रीय चुनाव संयोजक अरुण श्रीवास्तव का बयान

अभाविप के जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के केंद्रीय चुनाव संयोजक अरुण श्रीवास्तव ने कहा, “अभाविप ने पिछले वर्ष छात्रसंघ में संयुक्त सचिव पद पर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी और उस जिम्मेदारी को पूरे वर्ष छात्रहितों के लिए संघर्ष में रूपांतरित किया. हम इस वर्ष एक बार फिर संवाद, सेवा और संगठन की भावना के साथ चुनाव मैदान में हैं. हमारा लक्ष्य जेएनयू को शैक्षणिक रूप से और ज्यादा मजबूत बनाना, छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना, और सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है.

“वामपंथी संगठनों ने छात्रों के लिए कुछ नहीं किया”

अभाविप की राष्ट्रीय मंत्री शालिनी वर्मा जी ने कहा, “देशभर के विश्वविद्यालय, एचसीयू, गुवाहाटी, पंजाब आदि में विद्यार्थी परिषद का पैनल लगातार जीत दर्ज कर रहा है, जो इस बात का प्रमाण है कि देश का छात्र समाज अब राष्ट्रवादी और रचनात्मक छात्र राजनीति के साथ खड़ा है. जेएनयू में वैभव मीना की जीत के बाद परिषद ने रेलवे आरक्षण काउंटर को फिर से शुरू कराने, छात्र सुविधाओं और बुनियादी ढांचे में सुधार जैसे कई ठोस कार्य किए, जबकि वामपंथी संगठनों ने वर्षों की राजनीति के बावजूद छात्रों के लिए कुछ नहीं किया. आज विद्यार्थी परिषद छात्रों के विश्वास और कार्य के बल पर देशभर में नई दिशा तय कर रही है.”

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