Kannauj: एंटी करप्शन का फर्जी एक्शन, दूसरी DVR से सामने आया सच… बाबू ने न… – भारत संपर्क

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Kannauj: एंटी करप्शन का फर्जी एक्शन, दूसरी DVR से सामने आया सच… बाबू ने न… – भारत संपर्क

एंटी करप्शन ब्यूरों की फर्जी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में एंटी करप्शन की कार्रवाई का एक ऐसा शर्मनाक और सनसनीखेस मामला सामने आया है, जिसके बाद जांच एजेंसी के ऊपर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. एंटी करप्शन द्वारा फर्जीवाड़ा करके एक बेकसूर को ₹10,000 की रिश्वत के मामले में फंसा कर जेल भेज दिया. मामला पूरी तरह से खत्म हो गया था लेकिन बीएसए कार्यालय में लगे कैमरों के दो डीवीआर की वजह से सच सबके सामने आ गया. सीसीटीवी का एक डीवीआर कुछ लोगों ने बेसिक शिक्षा विभाग के बीएसए कक्ष से निकाल लिया था. हालांकि शातिर लोग दूसरा डीवीआर नहीं निकाल पाए और इसी वजह से एंटी करप्शन की टीम की पोल सबके सामने खुल गई.
गुरुवार को बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात विमल पांडे नाम के बाबू को एंटी करप्शन की टीम ने एक रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा. एंटी करप्शन टीम ने अपनी एफआईआर में लिखा कि उन्होंने बाबू को रंगे हाथों पैसे लेते हुए पकड़ा है. वहीं उन्होंने यह भी लिखा है की बाबू को जिस पीड़ित ने पैसे दिए उसने अपनी जेब से पैसे निकाले और बाबू ने पैसे गिने. इसके बाद एंटी करप्शन टीम ने उस बाबू को पैसे लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. बाबू को लखनऊ ले जाकर जेल भेज दिया गया.
ऐसे खुली एंटी करप्शन की पोल
शिक्षा विभाग के लोग लगातार जांच की बात कर रहे थे लेकिन एंटी करप्शन की पोल उस वक्त खुली जब बीएसए कार्यालय में लगे सीसीटीवी के दूसरे डीवीआर का एक वीडियो सामने आया. इस वीडियो ने सनसनी फैला दी. बीएसए कार्यालय में जितने भी सीसीटीवी लगे हैं उनमें एक की बजाय विभाग के लोगों ने दो डीवीआर लगाए थे. एक डीवीआर बीएसए के कमरे में लगाया गया था जबकि दूसरा डीवीआर एक बाबू के कक्ष में लगा था. एंटी करप्शन द्वारा जब कार्रवाई की गई तो कुछ अज्ञात लोगों ने बीएसए कक्ष में लगे डीवीआर को उखाड़ लिया.
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अपने ही जाल में फंसी एंटी करप्शन
बीएसए कार्यालय से डीवीआर कैसे निकाला यह भी दूसरे डीवीआर में रिकॉर्ड हो गया. डीवीआर के वीडियो में साफ दिख रहा है कि कैसे बाबू को जबरन रिश्वत कांड में फंसाया गया है. एंटी करप्शन टीम पूरी तरह से अपने ही बिछाए हुए फर्जी जाल में फंसती हुई नजर आ रही है. एंटी करप्शन टीम ने जो कार्यवाही की है उस पर भी बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. वीडियो के मुताबिक बाबू कोई पैसे नहीं ले रहा जबकि एफआईआर में लिखा है बाबू अपने हाथ से पैसे गिन रहा था.
FIR से अलग कहानी
वीडियो के सामने आने के बाद एंटी करप्शन के द्वारा लिखी गई एफआईआर पूरी तरह से गलत साबित हो रही है. एंटी करप्शन लखनऊ की एडिशनल एसपी इंदु प्रभा सिंह कन्नौज पहुंची और बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात कर्मचारियों से बातचीत की. इस दौरान एंटी करप्शन की टीम के चेहरे की हवाइयां उड़ी हुई नजर आईं. फिलहाल मामले में अब एक के बाद एक वीडियो सामने आ रहे हैं जिसमें कैसे डीवीआर निकाला गया यह भी वीडियो सामने आया है.

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