गाजा शांति योजना को भारत का समर्थन…राष्ट्रपति ट्रंप से मिलकर बोले कीर्ति वर्धन सिंह – भारत संपर्क

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गाजा शांति योजना को भारत का समर्थन…राष्ट्रपति ट्रंप से मिलकर बोले कीर्ति वर्धन सिंह – भारत संपर्क
गाजा शांति योजना को भारत का समर्थन...राष्ट्रपति ट्रंप से मिलकर बोले कीर्ति वर्धन सिंह

डोनाल्ड ट्रंप से मिले कीर्ति वर्धन सिंह.

विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने सोमवार को मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित शांति शिखर सम्मेलन में भाग लिया. बयान में कहा गया है कि इस शिखर सम्मेलन की संयुक्त मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने की. इसमें कई विश्व नेता शामिल हुए. भारत मिडिल ई्स्ट में शांति और बातचीत एवं कूटनीति के माध्यम से मुद्दों के समाधान का पक्षधर है. बयान में कहा गया है कि भारत राष्ट्रपति ट्रंप की गाजा शांति योजना का समर्थन करता है.

बयान में आगे कहा गया है कि गाजा पट्टी में सभी शेष बंधकों की रिहाई और युद्धविराम के बाद आयोजित इस शिखर सम्मेलन का मकसद क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के प्रयासों को मजबूत करना था, जो क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के नजरिए के अनुरूप है. यह बातचीत के जरिए दो-राज्य समाधान के लिए भारत के लंबे समय से समर्थन के अनुरूप भी है.

स्थायी शांति के लिए सभी प्रयासों का समर्थन

इस बात की पुष्टि की गई कि भारत क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए सभी प्रयासों का समर्थन करेगा. इस प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने शर्म अल शेख में गाजा शांति शिखर सम्मेलन के दौरान मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की, जो शांति और स्थिरता के साझा लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में प्रमुख क्षेत्रीय भागीदारों के साथ भारत की निरंतर भागीदारी को दर्शाता है.

मिस्र और भारत रणनीतिक साझेदारी

उन्होंने कहा कि शर्म अल शेख में गाजा शांति शिखर सम्मेलन के दौरान मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी से मिलना सौभाग्य की बात थी. मिस्र और भारत एक महत्वपूर्ण और जीवंत रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं. अल-सीसी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ-साथ कतर और तुर्की के नेताओं को भी धन्यवाद दिया.

अपने घरों को लौट रहे नागरिक

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वर्षों की पीड़ा और रक्तपात के बाद गाजा में युद्ध खत्म हो गया है. मानवीय सहायता अब आ रही है, जिसमें सैकड़ों ट्रक भोजन, चिकित्सा उपकरण और अन्य आपूर्ति शामिल हैं, जिनमें से अधिकांश का भुगतान इस कमरे में मौजूद लोगों द्वारा किया गया है. नागरिक अपने घरों को लौट रहे हैं, बंधक अपने परिवारों के साथ फिर से मिल रहे हैं. उन्होंने कहा, अरब और मुस्लिम राष्ट्रों के प्रति अपनी अत्यधिक कृतज्ञता व्यक्त करते हैं जिन्होंने इस अविश्वसनीय सफलता को संभव बनाने में मदद की.

संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में इजराइल के साथ बातचीत

लेबनान ने अतीत में अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में इजराइल के साथ बातचीत की थी. दोनों देशों के बीच समुद्री सीमा पर 2022 के समझौते के लिए वार्ता हुई. औन ने पूछा, लंबित मामलों का समाधान खोजने के लिए एक ही बात को दोहराने से क्या रोकता है, खासकर जब युद्ध के परिणाम नहीं निकले? लेबनानी राष्ट्रपति की टिप्पणी उनके अमेरिकी समकक्ष द्वारा गाजा में दो साल के युद्ध को खत्म करने के लिए इजराइल और हमास के बीच युद्ध विराम की मध्यस्थता के कुछ दिनों बाद आई है.

मिस्र के शर्म अल-शेख नहीं पहुंचे नेतन्याहू

अल जजीरा के अनुसार, इजराइल-हमास की लड़ाई ने क्षेत्र में अन्य संघर्षों को जन्म दिया, जिसमें 14 महीने का इजराइल-हिजबुल्लाह युद्ध भी शामिल है. इन कूटनीतिक घटनाक्रमों के बीच, इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने सोमवार को कहा कि वह शेमिनी अत्ज़ेरेट-सिमचैट तोराह अवकाश की शुरुआत से पहले समय की कमी का हवाला देते हुए, वैश्विक नेताओं के साथ गाजा शांति शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मिस्र के शर्म अल-शेख की यात्रा नहीं करेंगे.

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