Kyu WHO ne viral hepatitis ko bataya health emergency.- क्यों एशियन देशों…
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हेपेटाइटिस दुनिया की दूसरी संक्रामक बीमारी है, जो टीबी के आंकड़ों को पार करके आगे निकल चुकी है। इससे रोज़ाना 3,500 लोगों की जान जा रही है। जानिए वायरल हेपेटाइटिस से कैसे करें बचाव
हेपेटाइटिस डिज़ीज़ वैश्विक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चुनौती है। तेज़ी से दुनिया भर में फैल रहे वायरल हेपेटाइटिस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कुछ नए खुलासे किए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हेपेटाइटिस (Hepatitis) दुनिया की दूसरी संक्रामक बीमारी है, जो टीबी के आंकड़ों को पार करके आगे निकल चुकी है। इससे रोज़ाना 3,500 लोगों की जान जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World health organization) ने एशियाई देशों में इस बीमारी के फैलने और खात्मे कि दिशा में हो रहे प्रयासों पर चिंता जताई है। एचबीवी (HBV) के लिए परीक्षण और उपचार के लिए प्रयासों और तेज करना होगा। ठीक वैसे ही जैसे कोविड को मेडिकल इमरजेंसी मानकर उसके लिए कदम उठाए गए।
डब्ल्यूएचओ (WHO) की रिपोर्ट में वैश्विक वायरल हेपेटाइटिस बी और सी के दो.तिहाई मामले चीन, भारत, इंडोनेशिया, नाइजीरिया, पाकिस्तान, इथियोपिया, बांग्लादेश, वियतनाम, फिलीपींस और रूस समेत 10 देशों से आ रहे हैं। इसके अलावा विश्व स्वस्थ्य संगठन का मानना है कि एशिया पेस्फिक के देशों को 2030 तक हेपेटाइटिस को खत्म करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए इस समस्या को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित करना पड़ेगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी संक्रमण की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश
- वयस्कों और किशोरों के लिए एक्सपेंडिड ट्रीटमेंट क्राइटीरिया
- एचबीवी के गर्भवती महिला से उसके बच्चे में पहुंचने को रोकने के लिए गर्भवती महिलाओं के लिए एंटीवायरल प्रोफिलैक्सिस की शुरूआत
- एचडीवी संक्रमण के लिए परीक्षण और उच्च गुणवत्ता वाली सर्विसिज़ को बढ़ावा देने के लिए दृष्टिकोण
- दीर्घकालिक एंटीवायरल थेरेपी के पालन और देखभाल के लिए भी रणनीतियां
- एचबीवी परीक्षण और उपचार में आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए उपचार के लिए सरलीकृत उपचार मानदंड
हेपेटाइटिस की रोकथाम के लिए 2030 तक अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने परीक्षण और उपचार को व्यापक रूप से अपनाने पर ज़ोर दिया है। इस बारे में ग्लोबल डेटा के अनुसार 50 से अधिक कंपनियां एचबीवी से प्राप्त एचबीवी पेप्टाइड्स का विकास और उपयोग कर रही हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ग्लोबल हेपेटाइटिस रिपोर्ट 2024 के अनुसार हर साल वायरल हेपेटाइटिस से 1.3 मिलियन लोग ग्रस्त हो रहे हैं। हेपेटाइटिस बी यानि एचबीवी और सी संक्रमण के कारण विश्व स्तर पर हर दिन 3,500 लोग मर रहे हैं। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने एक रिपोर्ट जारी कर जानकारी दी है कि 187 देशों से प्राप्त नए आंकड़ों से पता चलता है 83 फीसदी मौतें हेपेटाइटिस बी के कारण हुई थीं।
डब्ल्यूएचओ (World health organisation) की 2020 के रिसर्च के अनुसार विश्वभर में लगभग 300 मिलियन लोगों को प्रभावित करने वाली क्रोनिक एचबीवी (chronic HBV) को रोकने, डायग्नोज़ और उपचार पर नई गाइडलाइंस जारी की है। एचबीवी गाइडलाइंस के आधार पर ये अनुमान लगाया गया है कि क्रोनिक हेपेटाइटिस बी संक्रमण वाले 50 फीसदी से अधिक व्यक्तियों को विभिन्न कारकों के आधार पर उपचार की आवश्यकता हो सकती है।
क्या है वायरल हेपेटाइटिस?
लिवर को नुकसान पहुंचाने वाला वायरल हेपेटाइटिस अल्कोहल इनटेक, दूषित पानी, अत्यधिक दवाओं का सेवन और संक्रमित व्यक्ति से सेक्सुअल रिलेशन में रहने से बढ़ने लगता है। आर्टिमिस अस्पताल गुरूग्राम में सीनियर फीज़िशियन डॉ पी वेंकट कृष्णन के अनुसार इस समस्या से ग्रस्त व्यक्ति को लिवर में इंफ्लेमेशन का सामना करना पड़ता है।
लंबे वक्त तक सूजन से ग्रस्त रहने के चलते फाइब्रोसिस, सिरोसिस और कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। इस बीमारी की रोकथाम के लिए बच्चे को जन्म के बाद हेपेटाइटिस बी की खुराक दी जाती है। उसके बाद 6 से 18 महीने की उम्र में सभी डोज़ दी जाती हैं। ऐसे में इस स्वास्थ्य समस्या के लक्षण बच्चों की अपेक्षा बड़ों में तेज़ी से फैलने लगते हैं। खून के ज़रिए लिवर में पहुंचने वाले हेपेटाइटिस वायरस सूजन का कारण बनने लगते हैं।
हेपेटाइटिस से ग्रस्त व्यक्ति में पाए जाते हैं ये लक्षण
- ऐसे लोगों को फ्लू और खांसी जुकाम का सामना करना पड़ता है। मामूली दिखने वाला कोल्ड हेपेटाइटिस का भी लक्षण हो सकता है।
- पेट में दर्द की संभावना बनी रहती है। साथ ही खाने को पचाने में भी दिक्कत होती है। डाइजेशन कमज़ोर हो जाता है और एपिटाइट पर उसका प्रभाव दिखता है।
- स्किन और नाखूनों पर पीलापन दिखने लगता है। इसके अलावा व्यक्ति आलस्य और थकान महसूस करता है।
- पीड़ित व्यक्ति का वजन बहुत तेजी से गिरता है। भूख न लगने से शरीर में हर पल कमज़ोरी बनी रहती है, जिससे वज़न कम होने लगता है।
पुरुषों में पाए गए हेपेटाइटिस के अधिक मामले
साल 2022 की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि 254 मिलियन लोग हेपेटाइटिस बी और 50 मिलियन लोग हेपेटाइटिस सी से पीड़ित हैं। क्रोनिक हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण से सबसे ज्यादा 30 से 54 वर्ष की आयु के लोग ग्रस्त हैं। वहीं 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की तादाद 12 फीसदी है। इन मामलों में पुरुषों की संख्या 58 फीसदी है।
नए मामलों का अनुमान 2019 की तुलना में कम पाया जाता हैं। 2022 में ये मामले 2.2 मिलियन थे, जो 2019 में 2.5 मिलियन पाए गए थे।
इस बीमारी की रोकथाम के लिए कुछ बातों का रखें ख्याल
सेक्स संबंध सोच समझकर बनाएं। दरअसल, अनप्रोटेक्टेड सेक्स इस समस्या के खतरे को बढ़ा सकता है।
मूलभूत चीजों जैसे ब्रश और रेज़र को अन्य लोगों से शेयर करने से बचें। साथ ही दूसरों के सामान के संपर्क में आने से भी बचें।
संक्रमित खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें। मॉनसून के दिनों में अधपके फूड आइट्म्स और बर्फ नुकसान पहुंचाती है।
दूषित पानी पीने से बचें। हेपेटाइटिस के वायरस से बचाव के लिए पानी काे उबालकर पीना बेहद लाभकारी है।
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