ओवरथिंकिंग की आदत किस तरह हार्मोन्स को करती है इफेक्ट? एक्सपर्ट से जानें


ओवरथिंकिंगImage Credit source: Getty Images
आज के समय में हार्मोन इंबैलेंस की समस्या बहुत लोगों में देखने को मिल रही है. यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में किसी हार्मोन का स्तर सामान्य से ज्यादा या फिर कम हो जाता है. इसके कारण मेंटल और फिजिकल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. यहां तक कि पिंपल्स और मूड खराब होने जैसी परेशानियां भी होती है. हार्मोन इंबैलेंस का सबसे बड़ा कारण हमारा बिगड़ता लाइफस्टाइल और गलत खान-पान की आदत होती है.
लोग अपने काम और पर्सनल लाइफ को मैनेज करने और कई बातों का स्ट्रेस बहुत लेते हैं. हर किसी की लाइफ में परेशानी होती है, कई लोग उसका सामना हस कर करते हैं, तो कई लोग उसी के बारे में दिन रात सोचते रहते हैं. हर बात चाहे वो जरूरी हो या फिर नहीं. उसके बारे में बहुत सोचते हैं, जिसे ओवरथिकिंग भी कहा जाता है. इसका असर भी हमारे शरीर पर पड़ता है. आइए जानते हैं एक्सपर्ट से कि ओवरथिंकिंग किस तरह से हार्मोन्स को इफेक्ट करती है.
क्या कहती हैं एक्सपर्ट?
दिल्ली के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में सीनियर कंसल्टेंट, साइकोलॉजी डॉक्टर प्रशांत गोयल ने बताया कि ओवरथिंकिंग यानी बार-बार एक ही बात पर सोचते रहना हमारे शरीर के हार्मोन्स पर बुरा असर डालता है. जब लगातार या लंबे समय से स्ट्रेस में रहते हैं, तो हमारे शरीर में कॉर्टिसोल नाम का हार्मोन बढ़ जाता है, जिसे तनाव हार्मोन भी कहा जाता है. यह हार्मोन शरीर को सतर्क रहने में मदद करता है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक ज्यादा मात्रा में बना रहे तो यह सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है.

ओवरथिंकिंग से सेहत को पहुंचा सकता है नुकसान ( Credit : Pexels )
कॉर्टिसोल के बढ़ने से स्लीप क्वालिटी खराब होती है, भूख में बदलाव आता है और वजन बढ़ने या घटने की समस्या हो सकती है. इसके अलावा, तनाव से इंसुलिन हार्मोन प्रभावित होता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल इंबैलेंस हो जाता है. ओवरथिंकिंग के कारण शरीर में एड्रेनालाईन भी बढ़ता है, जिससे हार्ट की धड़कन तेज हो जाती है और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है. इसके अलावा मेंटल हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ सकता है. हार्मोन्स के असंतुलन से तनाव, चिंता, और डिप्रेशन जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं. इसलिए ओवरथिकिंग को कम करना चाहिए.
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एक्सपर्ट का कहना है किओवरथिकिंगको कंट्रोल करने के लिए रिलैक्सेशन, मेडिटेशन या व्यायाम करना चाहिए. इससे कई बीमारियों से बचाव हो सकता है. क्योंकि स्ट्रेस और हार्मोनल इंबैलेंस सेहत से जुड़ी कई बीमारी का कारण बन सकता है. इसके साथ ही बैलेंस डाइट लें और रोजाना रात में सही समय पर 7 से 8 घंटे की नींद जरूर पूरी करें.
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