Raigarh: ग्राम पंचायत डोलेसरा में 26वां वर्ष भव्य कलश यात्रा के साथ माँ दुर्गा पूजन… – भारत संपर्क न्यूज़ …

रायगढ़। तमनार विकासखंड के ग्राम पंचायत डोलेसरा में इस वर्ष दुर्गा पूजन का 26वां आयोजन बड़े ही हर्षोल्लास एवं धार्मिक आस्था के वातावरण में प्रारंभ हुआ। शुभारंभ अवसर पर एक भव्य कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें ग्रामवासियों सहित आस-पास के अंचलों से आए श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
सुबह से ही गाँव का वातावरण भक्तिमय हो गया था। महिलाएँ सिर पर कलश धारण कर माँ दुर्गा की स्तुति करते हुए यात्रा में शामिल हुईं। कलश यात्रा की शुरुआत डोलेसरा दुर्गा मंडप से हुई। परंपरा अनुसार उत्तर दिशा में स्थित गाँव के बड़े तालाब से विधि-विधानपूर्वक जल भरकर कलश स्थापित किए गए। ढोल-नगाड़ों, बाजे-गाजे और जयकारों से पूरा गाँव गूंज उठा।
इस अवसर पर ग्राम डोलेसरा दुर्गा समिति के पदाधिकारियों एवं गाँव के सम्मानित व्यक्तियों की विशेष उपस्थिति रही। अध्यक्ष मणिक चन्द्र पटनायक, उपाध्यक्ष दुर्योधन पटेल, कोषाध्यक्ष मनीष पटनायक, संयोजक परमेश्वर पटनायक, संरक्षक नान्ही राम पैंकरा (सरपंच डोलेसरा), उपसरपंच कन्हैया पटेल, महा संरक्षक महादेव राज पटनायक, सलाहकार पंडित रंतीदेव कर शर्मा, प्रिंस पटनायक, लुकेश पटेल, नरेंद्र पटनायक,विकाश चौधरी, मनीष पटनायक,आर्यन,हरीश, बंटी,आयुष,एवं अजय पटनायक, मकरध्वज पटनायक, विजयशंकर पटनायक, तुलसी निषाद सहित अनेक समिति सदस्य और क्षेत्रीय श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल हुए।
ग्राम की माता-बहनों ने पारंपरिक वेशभूषा में सैकड़ों की संख्या में कलश धारण कर यात्रा की शोभा बढ़ाई। विभिन्न मार्गों से गुजरते समय गाँव की गलियों, मोहल्लों और चौक-चौराहों पर श्रद्धालु बड़ी संख्या में खड़े होकर इस शोभायात्रा का स्वागत करते रहे। घर-घर के आँगन दीपक एवं कलश से सजाए गए थे। कई स्थानों पर श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा कर भावपूर्ण स्वागत किया गया।
कलश यात्रा अंततः दुर्गा पंडाल पहुँचकर सम्पन्न हुई, जहाँ मंत्रोच्चार एवं वैदिक विधि से कलश की स्थापना की गई। इसके साथ ही शारदीय नवरात्र महापर्व का शुभारंभ हो गया।
दुर्गा पूजा में कलश का महत्व
दुर्गा पूजन में कलश स्थापना का विशेष महत्व है। शुभारंभ के दिन पवित्र स्थान पर वेदी बनाकर उसमें जौ, गेहूँ बोए जाते हैं, जिसे नवरात्रि भर बढ़ते हुए देखकर शुभ एवं मंगलकारी माना जाता है।
कलश के भीतर पान का पत्ता, लौंग, फूल, सुपारी, सिक्का, हल्दी आदि सामग्री रखी जाती है। इसे देवी दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। यही कारण है कि प्रत्येक दुर्गा पूजा की शुरुआत कलश स्थापना से होती है।
कलश यात्रा एवं पूजन कार्यक्रम के दौरान पूरे गाँव में भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। गाँववासियों ने इसे अपनी परंपरा, संस्कृति और एकता का प्रतीक बताते हुए माँ दुर्गा से सुख-समृद्धि और मंगलकामना की।