Medical Courses: 12वीं के बाद मेडिकल में कई करियर ऑप्शन, जानें कौन-कौन से हैं…
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Medical Courses: अगर आप भी 12वीं के बाद मेडिकल की फील्ड में करियर बनाने का सपना देखते हैं तो यह खबर आपके लिए जरूरी है. हालांकि नीट यूजी में सफल होकर MBBS करना अधिकतर छात्रों का लक्ष्य होता है, लेकिन ये एकमात्र विकल्प नहीं है. हर साल लाखों छात्र नीट की परीक्षा देते हैं, लेकिन कुछ ही इसमें पास हो पाते हैं, ऐसे में जो स्टूडेंट्स नीट को पास नहीं कर पाते, लेकिन वो मेडिकल के ही क्षेत्र में काम करना चाहते हैं तो नीट के बिना भी कई बेहतरीन कोर्स उपलब्ध हैं, जिनमें वो अपना बेहतर करियर बना सकते हैं.
आइए जानते हैं कि मेडिकल सेक्टर में करियर बनाने के लिए कौन से कोर्स उपलब्ध हैं? नीट और बिना नीट वाले कोर्स कौन से हैं?
नीट पास करने के बाद मेडिकल कोर्स
MBBS
MBBS करने के लिए उम्मीदवारों को NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) पास करना जरूरी होता है. इस कोर्स की अवधि लगभग 5.5 साल होती है, जिसमें 4.5 साल की पढ़ाई और 1 साल की इंटर्नशिप शामिल होती है. MBBS पूरा करने के बाद आप डॉक्टर बन सकते हैं और इसके साथ ही सर्जन या मेडिकल रिसर्चर जैसे करियर विकल्प भी चुन सकते हैं.
BDS (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी)
BDS कोर्स के लिए NEET परीक्षा पास करना जरूरी होता है. यह कोर्स कुल 5 वर्षों का होता है, जिसमें 4 वर्ष एकेडमिक पढ़ाई और 1 साल की इंटर्नशिप शामिल होती है. इस कोर्स को पूरा करने के बाद उम्मीदवार प्रोफेशनल डेंटिस्ट के रूप में काम कर सकते हैं.
BMS
एक ग्रेजुएट लेवल का प्रोफेशनल कोर्स है जो आयुर्वेदिक चिकित्सा और सर्जरी के क्षेत्र में उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करता है. इसमें लगभग 5½ वर्ष (4½ साल की एकेडमिक पढ़ाई + 1 साल की इंटर्नशिप) है. 12वीं में विज्ञान (PCB फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) में पास होना अनिवार्य है. कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रवेश के लिए NEET परीक्षा जरूरी है.
बिना नीट पास करने के बाद मेडिकल कोर्स
नर्सिंग (Nursing)
नर्स बनने के लिए आपको नर्सिंग कॉलेज से ANM या GNM का कोर्स करना होगा. ANM (Auxiliary Nurse Midwife) 2 साल का डिप्लोमा कोर्स है. इसमें सहायक नर्स और मिडवाइफ बनने की ट्रेनिंग दी जाती है. 10+2 पास होना जरूरी है, विषय Arts या Science के साथ. GNM (General Nursing and Midwifery) यह 3.5 साल का डिप्लोमा कोर्स है. इस कोर्स के बाद आप अस्पताल में नर्स के रूप में नौकरी कर सकते हैं. 10+2 पास होना अनिवार्य है, विषय Arts या Science के साथ और अंग्रेजी में न्यूनतम 40% अंक जरूरी हैं.
B.Sc. मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी (MLT)
B.Sc. MLT एक ग्रेजुएट लेवल का कोर्स है, जो छात्रों को मेडिकल लैब में डायग्नोस्टिक टेस्ट और प्रयोगशाला तकनीकों में प्रशिक्षित करता है. लगभग 3 वर्ष का होता है. इसमें 12वीं में विज्ञान (PCB Physics, Chemistry, Biology) में पास होना जरूरी है, कुछ कॉलेजों में एडमिशन के लिए एंट्रेंस परीक्षा होती है, जबकि अन्य संस्थान मेरिट के आधार पर एडमिशन देते हैं.
फार्मेसी (Pharmacy)
फार्मेसी में ड्रग सेफ्टी, ड्रग डिस्कवरी, मेडिकल केमिस्ट्री, औद्योगिक फार्मेसी और अन्य विषयों की पढ़ाई करवाई जाती है. जो छात्र फार्मासिस्ट बनना चाहते हैं, उनके लिए 12वीं के बाद बी. फार्मेसी एक बेहतर ऑप्शन है. इस कोर्स में एडमिशन के लिए NEET एग्जाम में शामिल होना जरूरी नहीं होता. जिसमें छात्रों को दवाओं की कंपोजिशन, निर्माण, उपयोग और सुरक्षा से जुड़ा बेसिक ज्ञान दिया जाता है. इस कोर्स को पूरा करने के बाद उम्मीदवार केमिकल टेक्नीशियन, ड्रग इंस्पेक्टर, हेल्थ इंस्पेक्टर, या फार्मासिस्ट जैसे पदों पर करियर बना सकते हैं. बी. फार्मेसी को ग्रेजुएशन की डिग्री वाले स्टूडेंटस कर सकते हैं.
फिजियोथेरेपी (Physiotherapy)
फिजियोथेरेपी मेडिकल साइंस का एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें भौतिक बलों जैसे हीट बिजली, मकैनिकल प्रेशर और मसल्स पर दबाव डालकर बीमारियों का इलाज किया जाता है. यह नीट परीक्षा दिए बिना किया जा सकने वाला अच्छा करियर ऑप्शन माना जाता है. बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी एक ग्रेजुएट कार्यक्रम है, बीपीटी करने के बाद उम्मीदवार के लिए कई करियर विकल्प खुलते हैं.
वेटरनरी डॉक्टर
पशु चिकित्सा विज्ञान जानवरों की बीमारियों के इलाज से जुड़ा होता है. जो उम्मीदवार जानवरों के स्वास्थ्य और इलाज के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, वो 12वीं के बाद बैचलर इन वेटरनरी साइंस कोर्स कर सकते हैं. यह ग्रेजुएट प्रोग्राम 5.5 साल का होता है, जिसमें आखिरी 6 महीने की इंटर्नशिप जरूरी होती है. B.V.Sc. पूरा करने के बाद छात्र डॉक्टर ऑफ वेटरनरी साइंस बनते हैं. इसके बाद वो कई क्षेत्रों में काम कर सकते हैं.
साइकोलॉजी (Psychology)
साइकोलॉजी मन और व्यवहार की साइंटिफिक स्टडी है. इस कोर्स में मानव के विकास, खेल, हेल्थ, क्लिनिकल, सोशल बिहेवियर जैसे कई क्षेत्रों की पढ़ाई होती है. उम्मीदवार 12वीं के बाद बिना नीट के बीए ऑनर्स साइकोलॉजी कर सकते हैं. यह एक पूर्णकालिक तीन वर्षीय ग्रेजुएट डिग्री है. इसके बाद उम्मीदवार सरकारी और प्राइवेट क्षेत्रों में आसानी से नौकरी पा सकते हैंये भी पढ़ें-Internship: जल शक्ति मंत्रालय में करें इंटर्नशिप, 15,000 रुपये का स्टाइपेंड भी मिलेगा
