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युक्तियुक्तकरण की गिनाई खामियां, सौंपा ज्ञापन, युक्तियुक्तकरण को निरस्त करने शिक्षक साझा मंच ने खोला मोर्चा
कोरबा। शिक्षक साझा मंच ने युक्तियुक्तकरण को निरस्त कर 2008 के सेटअप के आधार पर युक्तियुक्तकरण, क्रमोन्नति का जनरल आर्डर जारी करने, पूर्व सेवा अवधि के आधार पर पेंशन व अन्य लाभ देने की मांग की है। इस संबंध में शिक्षकों ने ज्ञापन सौंपा है। शिक्षकों का कहना है कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में दावा आपत्ति नहीं लिया गया, कई मामलों में वरिष्ठ को कनिष्ठ एवं कनिष्ठ को वरिष्ठ बनाया गया। समस्त रिक्त पदों की जानकारी सार्वजनिक नहीं किया गया। कालखंड के अनुसार रिक्त पद की गणना का मापदंड ब्लॉक में अलग अलग निर्धारित किया गया। अतिशेष घोषित करने की प्रक्रिया में कुछ शिक्षकों को जबरदस्ती अतिशेष घोषित किया गया। विद्यार्थी दर्ज संख्या में हेरफेर किया गया। इसके साथ ही युक्तियुक्तकरण में व्यापक विसंगतियां है। दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही किया जाए। उपरोक्त व्यापक विसंगति को देखते हुए 2 अगस्त 2024 को जारी नियम के तहत हुए विद्यालय एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को तत्काल निरस्त किया जाए।युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया सेटअप 2008 के विपरीत है। विद्यालय में सेटअप 31/03/2008 में वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत पद के अनुरूप प्राथमिक विद्यालयों में 60 विद्यार्थियों पर एक प्रधान पाठक एवं दो सहायक शिक्षक तथा पूर्व माध्यमिक शाला में 105 विद्यार्थियो पर एक प्रधान पाठक व चार शिक्षक का पद यथावत रखा जाए। हायर सेकेंडरी स्कूल में वाणिज्य संकाय के पूर्ववत 2 पद रखा जाए। क्रमोन्नत वेतनमान उच्च न्यायालय बिलासपुर डबल बैच के पारित निर्णय अनुसार श्रीमती सोना साहू शिक्षक पंचायत/शिक्षक एल बी को पंचायत व शिक्षा विभाग का पूर्व सेवा अवधि की गणना कर एरियर्स सहित क्रमोनत वेतनमान भुगतान किया गया है। इसी तरह प्रदेश के सभी पात्र शिक्षक एल. बी. संवर्ग के लिए एरियर्स सहित क्रमोनत वेतनमान भुगतान के लिए जनरल आर्डर जारी किया जाए। शिक्षक एल. बी. संवर्ग को प्रथम नियुक्ति तिथि से पूर्व सेवा गणना कर पेंशन व अन्य लाभ प्रदान किया जाए। पदोन्नति में बीएड प्रशिक्षण की अनिवार्यता को शिथिल किया जाए। पूर्व की भांति शिक्षक से व्याख्याता एवं व्याख्याता से प्राचार्य पदोन्नति के लिए बी. एड प्रशिवण अनिवार्यता शिथिल कर डी. एड. प्रशक्षित शिक्षक संवर्ग को पदोनति के लिए अवसर प्रदान किया जाए। प्राचार्य के सीधी भर्ती के 10 फीसदी पदों को विभागीय परीक्षा लेकर पद पूर्ति किया जाए।