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भ्रष्टाचार की विधि सम्मत कार्यवाही को लेकर विधायक फूलसिंह राठिया ने कलेक्टर को लिखा पत्र, भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व सचिव के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्यवाही एकपक्षीय : फूलसिंह राठिया

कोरबा। ग्राम पंचायत रजगामार में भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व सचिव ईश्वर लाल धिरहे पर की गई कार्रवाई पर रामपुर विधायक फूलसिंह राठिया ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार की विधि सम्मत कार्यवाही को लेकर कलेक्टर को पत्र लिखा है।विधायक श्री राठिया द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि ग्राम पंचायत रजगामार में भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व सचिव ईश्वर लाल धिरहे के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्यवाही एक पक्षीय प्रतीत होती है। जिससे कई प्रश्न उत्पन्न होते हैं। ग्राम पंचायत रजगामार के पूर्व सचिव श्री धिरहे को भ्रष्टाचार के मामले में जाँच कर दोषी मानते हुए जिला पंचायत कोरबा के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी संबित मिश्रा के द्वारा सचिव को नौकरी से बर्खास्त किया गया है। जबकि सरपंच रमूला राठिया और वेंडर/ठेकेदार पर जिला प्रसाशन की इतनी मेहरबान क्यों है। अगर ग्राम पंचायत में हुए भ्रष्टाचार में सचिव दोषी है तो फिर सरपंच और वेंडर/ठेकेदार निर्दोष कैसे हो गये। श्री राठिया ने सवाल किया है कि जिला पंचायत व जनपद पंचायत कोरबा की जाँच रिपोर्ट के अनुसार ग्राम पंचायत रजगामार में हुए करोड़ो रूपये की भ्रष्टाचार को उजागर किया गया है तो फिर भाजपा से जुड़े वेंडर/ठेकेदार पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई। जिला पंचायत व जनपद पंचायत कोरबा की रिपोर्ट के अनुसार ग्राम पंचायत रजगामार के पूर्व सचिव व वर्तमान सरपंच रमूला राठिया ने भाजपा से जुड़े वेंडर/ठेकेदार को उनके फार्म की अकॉउंट में राशि जारी किया है। जबकि जिला पंचायत सीईओ कोरबा ने पूर्व सचिव को बर्खास्त करते समय अपने आदेश में लिखा है कि जारी की गई राशि से काम नहीं हुआ है। यह प्रतीत होता है कि कार्यवाही में जिला प्रशासन ने भेदभाव पूर्ण कार्यवाही की है।कार्यवाही में निष्पक्षता होनी चाहिए। तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा के द्वारा भेदभाव से की गई कार्यवाही कदापि उचित नहीं माना जा सकता। बचे हुए दोषियों पर तत्काल कार्यवाही करें और वेंडर/ठेकेदार को दिये गये राशि की तत्काल वसूली की कार्यवाही की जाए। श्री राठिया ने पत्र में लिखा है कि तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा ने एक ही व्यक्ति पर पूरी राशि गबन करने का आरोप लगाकर दोषी ठहराया यह पूर्ण रूप से गलत है। जबकि सरपंच और सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से डीएससी. से राशि जारी होता है। ऐसा प्रतीत होता है कि जिला प्रसाशन के द्वारा भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के प्रभाव में यह कार्यवाही की गई है। उन्होंने ग्राम पंचायत रजगामार में हुए भ्रष्टाचार की विधि सम्मत कार्यवाही करने पत्र में लिखा है।

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