अभी भी दो हजार क्विंटल से अधिक धान अलग-अलग केंद्रों में जाम- भारत संपर्क

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अभी भी दो हजार क्विंटल से अधिक धान अलग-अलग केंद्रों में जाम

कोरबा।धान की खरीदी खत्म हुए लगभग डेढ़ माह पूरा होने को है, लेकिन उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव नहीं हो सका है। अभी भी दो हजार क्विंटल से अधिक धान अलग-अल केंद्रों पर जाम हैं। इससे सहकारी समितियां परेशान हैं। समितियों ने धान उठाने के लिए उप पंजीयक से मदद मांगी है। जिन केंद्रों में धान की बोरियों अभी भी पड़ी हुई है। उसमें कुदमुरा, पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड़ का पोड़ी, नवापारा, चनवारी नवापारा, रामपुर बोईदा और बेहरचुआं शामिल है। इन समितियों में 180 क्विंटल से लेकर 480 क्विंटल तक धान पड़ा हुआ है। बार-बार मौसम के रंग बदलने और समय पर धान का उठाव नहीं होने से सहकारी समितियां परेशान हैं। उन्हें धान के खराब होने की चिंता सता रही है। समितियों का कहना है कि समय पर धान का उठाव नहीं हुआ तो इससे नुकसान होगा और प्रशासन इसकी भरपाई समितियों से ही करेगा। इस स्थिति में समितियों की आर्थिक स्थिति खराब होगी। परेशानी बढ़ेगी। सहकारी समितियों ने उप पंजीयन सहकारिता और विपणन विभाग से धान की बोरियां जल्द उठाने की मांग की है।0 110 राइस मिलर्स कोरबा के बजाए दूसरे जिले से उठा रहे धान हैं।धान की मिलिंग के लिए कोरबा जिले के 110 मिलर्स ने प्रशासन के साथ अनुबंध किया है। धान खरीदी चार फरवरी को खत्म हो गई है। इसके पखवाड़े भर के भीतर धान का उठाव करना था। लेकिन विपणन विभाग की उदासीनता के कारण राइस मिलर्स ने सहकारी समितियों के उपार्जन केंद्रों से धान की बोरियों का उठाव नहीं किया, बल्कि इस अवधि में जांजगीर-चांपा, मुंगेली, बिलासपुर जिले से धान को उठाकर अपने यहां भर दिया। कोरबा के मिलर्स अभी भी जिले के उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव नहीं कर रहे हैं। इससे समितियां चिंतित है। आर्थिक नुकसान की भरपाई से परेशान हो रही हैं।

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