नेतन्याहू का ऐलान- गाजा में कौन सी इंटरनेशनल फोर्स आएगी, इजराइल तय करेगा – भारत संपर्क
इजराइल और हमास के बीच सीजफायर को 16 दिन बीत चुके हैं, लेकिन इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अब भी गाजा के भविष्य को लेकर फैसला नहीं कर पाए हैं. रविवार को नेतन्याहू ने कहा कि गाजा में तैनात की जाने वाली अंतरराष्ट्रीय फोर्स में कौन-कौन से विदेशी सैनिक शामिल होंगे, इसका निर्णय इजराइल खुद करेगा. यह बयान उस समय आया जब हमास ने अपने हथियार नहीं डाले हैं. हमास अभी भी अपने विरोधी गुटों पर कार्रवाई कर रहा है.
10 अक्टूबर को ट्रंप की 20 सूत्रीय योजना के तहत युद्धविराम लागू हुआ था. कैबिनेट बैठक में नेतन्याहू ने कहा, ‘हम अपनी सुरक्षा पर पूरा नियंत्रण रखते हैं. अंतरराष्ट्रीय बलों को लेकर हमने स्पष्ट किया है कि इजराइल तय करेगा कि कौन-सी फोर्स हमें मंजूर नहीं है. हम इसी तरह काम करते रहेंगे.’ उन्होंने आगे कहा कि यह नीति अमेरिका को भी मंजूर है, उसके बड़े अधिकारी हाल ही में ऐसा कह चुके हैं.
गाजा पर कौन करेगा नियंत्रण?
गाजा में युद्धविराम के बाद कौन-सी अंतरराष्ट्रीय फोर्स नियंत्रण करेगी, इस पर फैसला अभी बाकी है. पिछले हफ्ते नेतन्याहू ने संकेत दिया था कि वे गाजा में किसी तुर्किये की भागीदारी के खिलाफ हैं. इजराइल और तुर्किए के संबंध पहले अच्छे थे, लेकिन गाजा युद्ध के दौरान तुर्किये राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन ने इजराइल की आलोचना की थी और दोनों देशों के संबंध बिगड़ गए.
अभी यह तय नहीं है कि कौन से अरब या अन्य देश अपने सैनिक भेजेंगे. प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय फोर्स में मिस्र, इंडोनेशिया और खाड़ी देशों के सैनिक शामिल हो सकते हैं. ट्रंप प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अमेरिका अपने सैनिक गाजा नहीं भेजेगा. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय फोर्स उन देशों की होनी चाहिए, जिन पर इजराइल को भरोसा हो. उन्होंने कहा कि गाजा का भविष्य इजराइल और उसके सहयोगी तय करेंगे, इसमें हमास शामिल नहीं होगा.
युद्धविराम में क्या चुनौतियां हैं?
सीजफायर के तहत हमास को सभी इजराइली बंदियों के शव लौटाने हैं. अब तक इजराइल ने 195 फिलिस्तीनी शव लौटाए हैं, जबकि हमास ने सिर्फ 18 इजराइली बंदियों के शव सौंपे हैं. समझौते के अनुसार, इजराइल हर एक इजराइली शव के बदले 15 फिलिस्तीनी शव लौटाता है.
ट्रंप ने चेतावनी दी कि वह बहुत करीब से निगरानी कर रहे हैं और हमास को 48 घंटे में और शव लौटाने चाहिए. इसके बाद मिस्र ने गाजा में खोज अभियान के लिए विशेषज्ञों और मशीनरी भेजी. हमास ने कहा कि भारी तबाही के कारण कई शव मलबे में दबे हैं.
इस बीच, शनिवार रात इजराइली आर्मी ने गाजा के नुसेरात रिलीफ कैंप पर हमला किया. सेना ने कहा कि उसने फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद के आतंकियों को निशाना बनाया, लेकिन इस संगठन ने किसी हमले की योजना से इनकार किया. यह एक हफ्ते में दूसरी हवाई कार्रवाई थी.
हमास ने इस हमले को सीजफायर का उल्लंघन बताया और नेतन्याहू पर ट्रंप की शांति योजना को कमजोर करने का आरोप लगाया. इससे पहले 19 अक्टूबर को इसी इलाके में हुए हमले में 36 फिलिस्तीनी मारे गए थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे.
