GST की नई दरें आज से लागू, यहां आसान भाषा में समझिए सभी नियम- भारत संपर्क

22 सितंबर 2025 यानी नवरात्रि से पहले दिन से गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) में बड़े बदलाव लागू होने वाले हैं. इसे देश के टैक्स सिस्टम में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है, जिसे जीएसटी 2.0 भी कहा जा रहा है. अब जीएसटी की दो मुख्य दरें होंगी — 5% और 18%. साथ ही, शराब, तंबाकू जैसे नुकसान पहुंचाने वाली चीजों पर 40% टैक्स लगेगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बनी जीएसटी काउंसिल ने सितंबर में ये बदलाव किए थे. उनका मकसद टैक्स की दरों को आसान बनाना, खरीदारी बढ़ाना और टैक्स को ज्यादा समझदारी से लगाना है. लेकिन नए नियमों को लेकर लोगों के मन में अभी भी कई सवाल हैं. इसलिए हम आपको जीएसटी को सरल भाषा में समझाने की कोशिश करेंगे.
1- जीएसटी क्या है?
जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर भारत में वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाने वाला एक एकीकृत अप्रत्यक्ष कर है. यह पुराने उत्पाद शुल्क, वैट और सेवा कर जैसे अलग-अलग करों की जगह लेता है और पूरे देश में एक समान कर प्रणाली लागू करता है.
2. संशोधित जीएसटी दरें कब लागू होंगी?
सरकार ने 22 सितंबर, 2025 से नई जीएसटी दरें लागू करने का फैसला किया है, जो जीएसटी परिषद की सिफारिशों के आधार पर होंगी.
3. 22 सितंबर से जीएसटी में क्या बदलाव होंगे?
इस तारीख से कई वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की दरें बदली जाएंगी ताकि कर दरें सरल, स्पष्ट और समान रूप से लागू हों. इससे व्यवसायों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ मिलेगा.
4. क्या पंजीकरण नियमों में बदलाव होगा?
नहीं, जीएसटी पंजीकरण के नियम और सीमा में कोई बदलाव नहीं होगा. केवल कर दरों में संशोधन होगा.
5. नई दरों की सूचना कैसे मिलेगी?
सरकार आधिकारिक अधिसूचनाओं के माध्यम से इन दरों की घोषणा करेगी, जो सीबीआईसी की वेबसाइट पर उपलब्ध होंगी.
6. अगर आपूर्ति पहले हुई और चालान बाद में जारी हुआ तो कौन सी दर लागू होगी?
आपूर्ति की तारीख के आधार पर दर लागू होगी. अगर आपूर्ति और भुगतान दोनों 22 सितंबर से पहले हुए हैं तो पुरानी दर लागू होगी, अन्यथा नई दर.
7. अग्रिम भुगतान के मामले में कर दर क्या होगी?
अगर अग्रिम राशि 22 सितंबर से पहले मिली है तो पुरानी दर लागू होगी, लेकिन 22 सितंबर या उसके बाद मिले अग्रिम पर नई दर लागू होगी.
8. क्या ई-वे बिल को रद्द कर फिर से जारी करना होगा?
नहीं. जो ई-वे बिल दर बदलने से पहले जारी किए गए हैं, वे अपनी अवधि तक वैध रहेंगे.
9. पहले से मौजूद स्टॉक पर कौन सी दर लागू होगी?
जीएसटी आपूर्ति के समय लागू होता है, इसलिए 22 सितंबर के बाद की आपूर्ति पर नई दर ही लागू होगी, चाहे स्टॉक पहले का ही क्यों न हो.
10. पुरानी खरीद पर मिला इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) क्या होगा?
पहले की खरीद पर मिला आईटीसी वैध रहेगा और उसका उपयोग किया जा सकेगा. दरों के बदलाव से पहले का आईटीसी प्रभावित नहीं होगा.
11. अगर अब आपूर्ति पर छूट मिलती है तो पहले से मिला आईटीसी क्या होगा?
22 सितंबर से छूट मिलने वाली आपूर्ति के लिए आईटीसी का उपयोग नहीं किया जा सकेगा और इसे उलटना होगा.
12. इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के तहत आईटीसी की वापसी संभव होगी?
नहीं. केवल स्थायी कर दर अंतर होने पर ही इन्वर्टेड ड्यूटी के तहत आईटीसी वापसी मिल सकती है, दरों के अस्थायी बदलाव पर नहीं.
13. कौन सी जीवन बीमा पॉलिसियां जीएसटी से छूट पाएंगी?
सभी व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसियां जैसे टर्म प्लान, एंडोमेंट और यूएलआईपी छूट के दायरे में होंगी, साथ ही इनका पुनर्बीमा भी शामिल होगा.
14. स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों को क्या छूट मिलेगी?
प्राइवेट स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियां जैसे फैमिली फ्लोटर और वरिष्ठ नागरिक योजनाएं जीएसटी से मुक्त रहेंगी. इनके पुनर्बीमा पर भी छूट मिलेगी.
15. बीमा कंपनियों की इनपुट सेवाओं पर क्या नियम होंगे?
केवल पुनर्बीमा सेवाओं को छूट मिलेगी, लेकिन कमीशन और ब्रोकरेज पर टैक्स रहेगा, जिन पर आईटीसी का दावा नहीं किया जा सकेगा.
16. यात्री परिवहन सेवाओं पर टैक्स क्या रहेगा?
सड़क मार्ग से यात्री परिवहन पर 5% टैक्स लगेगा बिना आईटीसी के, जबकि ऑपरेटर 18% टैक्स के साथ आईटीसी का विकल्प चुन सकते हैं. हवाई यात्रा में इकोनॉमी क्लास पर 5%, बाकी श्रेणियों पर 18% टैक्स होगा.
17. मल्टीमॉडल माल परिवहन पर लागू दर क्या होगी?
हवाई यात्रा न होने पर 5% टैक्स लगेगा और आईटीसी 5% तक सीमित होगा. अगर हवाई यात्रा शामिल है, तो 18% टैक्स और पूरा आईटीसी लागू होगा.
18. ई-कॉमर्स ऑपरेटर के माध्यम से स्थानीय डिलीवरी पर टैक्स कौन देगा?
यदि सेवा प्रदाता अपंजीकृत है तो ई-कॉमर्स ऑपरेटर टैक्स का भुगतान करेगा, अन्यथा पंजीकृत प्रदाता जिम्मेदार होगा.
19. स्थानीय डिलीवरी सेवाओं पर जीएसटी दर क्या है?
18% टैक्स लगेगा. पंजीकृत आपूर्तिकर्ता खुद टैक्स देगा, अपंजीकृत होने पर ई-कॉमर्स ऑपरेटर टैक्स देगी.
20. क्या ई-कॉमर्स के जरिए दी गई स्थानीय डिलीवरी माल परिवहन एजेंसी (जीटीए) मानी जाएगी?
नहीं, इसे माल परिवहन एजेंसी नहीं माना जाएगा बल्कि सेवा की अलग श्रेणी होगी.
21. 22 सितंबर से पहले मौजूद दवाओं के एमआरपी को वापस लेना होगा?
नहीं, किसी भी स्टॉक को वापस लेने की जरूरत नहीं है. बस नई मूल्य सूची जारी कर बाजार में शेयर करनी होगी.
22. दवाओं को जीएसटी से पूरी तरह क्यों नहीं छूट दी गई?
पूरी छूट मिलने पर निर्माता इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं ले पाएंगे जिससे लागत बढ़ेगी और वह उपभोक्ताओं पर पड़ेगी. इसलिए दवाओं को रियायती 5% दर पर रखा गया है.
23. कृषि मशीनरी को पूरी तरह टैक्स मुक्त क्यों नहीं किया गया?
यदि पूरी छूट मिली तो निर्माता आईटीसी खो देंगे जिससे कीमत बढ़ेगी. इसलिए किसानों की सुविधा और उत्पादकों की व्यवहार्यता के लिए रियायती टैक्स दर रखी गई है.
24. कच्चे कपास पर जीएसटी क्यों नहीं हटाया गया?
कपास पर रिवर्स चार्ज लागू है, इसलिए किसान सीधे टैक्स नहीं देते. यह व्यवस्था उद्योग के आईटीसी को बनाए रखती है जिससे कीमत नियंत्रण में रहता है.
25. जियोटेक्सटाइल और एग्रो टेक्सटाइल पर क्या नियम हैं?
इन्हें प्लास्टिक नहीं कपड़ा माना जाता है. हालांकि कुछ उलटफेर हो सकता है, लेकिन जीएसटी इनपुट क्रेडिट की वापसी की प्रक्रिया तेजी से करता है.
26. बिना ऑपरेटर वाली लीज या किराए पर क्या टैक्स लगेगा?
इन पर वस्तुओं जैसी ही टैक्स दर लागू होगी. जैसे अगर कार पर 18% टैक्स है, तो बिना ड्राइवर के किराये पर भी उतना ही टैक्स लगेगा.
27. संशोधित जीएसटी दरें आयातित वस्तुओं पर भी लागू होंगी?
हाँ, 22 सितंबर से सभी आयातित वस्तुओं पर नई दरें लागू होंगी, सिवाय जिन पर कोई छूट हो.
28. यूएचटी दूध पर छूट है, वनस्पति-आधारित दूध पर क्या टैक्स?
यूएचटी दूध पर छूट है, लेकिन बादाम या सोया दूध जैसे प्लांट बेस्ड पेय पदार्थों पर 5% टैक्स लगेगा.
29. फेस पाउडर और शैम्पू पर टैक्स क्यों घटाया गया?
ये आम घरेलू उपयोग की वस्तुएं हैं. दरों में कटौती से कर प्रणाली सरल होगी और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, चाहे ब्रांड लग्जरी हो या सामान्य.
30. नकली जरी (धातुकृत प्लास्टिक फिल्म) पर रिफंड प्रतिबंध क्यों?
जीएसटी परिषद ने धातुकृत प्लास्टिक फिल्म से बनी नकली जरी पर रिफंड रोकने का निर्णय लिया है, जबकि अन्य प्लास्टिक या रबर आधारित कपड़ों पर यह प्रतिबंध नहीं है.