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परिसीमन से वार्डों के नंबर, सीमाएं और आबादी बदली, वार्डों के बदले स्वरूप से पार्षद परेशान
कोरबा। नगर निगम के वार्डों के परिसीमन में कई तरह की खामियां सामने आने लगी है। कोरबा नगर निगम में 59 से 67 वार्ड हो गए हैं। मंगलवार को वार्ड परिसीमन का प्रारंभिक प्रकाशन किया गया। इसमें वार्डों के नंबर, सीमाएं और आबादी भी बदल गई है। अभी सबसे अधिक परेशान पार्षद हैं। लोगों को भी इसमें परेशानी होगी। सीएसईबी कॉलोनी कोरबा पूर्व की सीमाएं तीन वार्डों में बंट गई है। यही नहीं, पथर्रीपारा वार्ड में तो पहले काशी नगर के क्षेत्र को जोड़ा था।। उसे हटाकर अब फिर से पुराने क्षेत्र डबरीपारा को जोड़ दिया है। इधर, राज्य शासन ने दावा-आपत्ति के लिए तिथि बढ़ाते हुए 22 जुलाई कर दी है। पहले 15 जुलाई तय थी। एक पूर्व पार्षद का कहना है कि वार्ड में मानस नगर की दूरी सबसे अधिक है। उसे आसपास के वार्ड में जोडऩा था। यही नहीं, इस वार्ड में सीएसईबी कॉलोनी की टीएफ क्वार्टर को भी जोड़ा है। अब यह वार्ड 17 से 19 हो गया है। वार्ड क्रमांक 20 छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल क्रमांक 2 की सीमाएं अब कोसाबाड़ी तक पहुंच गई है। इसमें भी सीएसईबी की कॉलोनी का क्षेत्र आएगा। इसका नंबर पहले वार्ड क्रमांक 18 था। सीएसईबी कॉलोनी क्रमांक 3 में पहले से ही कॉलोनी का क्षेत्र शामिल रहा है। यह अब वार्ड क्रमांक 21 हो गया है। इसकी सीमाएं वीआईपी रोड होते हुए कोसाबाड़ी चौक तक गई है। पार्षद अभी वार्ड की सीमाओं को ही समझने में लगे हैं। इसके साथ ही दावा-आपत्ति के लिए भी सामने आ रहे हैं। दादर खुर्द इस बार नया वार्ड बना है, लेकिन यहां की आसपास की बस्तियों को जोड़ा नहीं गया है। कुछ क्षेत्र एसईसीएल और कुछ हिस्सा रिस्दी वार्ड में शामिल कर दिया है। सीमा के निर्धारण में सडक़ और नदी को भी आधार बनाया है। परिवहन नगर वार्ड में सीएसईबी चौक क्षेत्र को शामिल किया है।वार्डों की जितनी आबादी उतने ही होंगे मतदाता वार्ड परिसीमन 2011 की जनगणना के अनुसार कराया है, लेकिन अभी की स्थिति में वास्तविक आबादी नहीं है। जब मतदाता सूची बनेगी, तब हकीकत सामने आएगी। दरअसल, जितनी अभी आबादी बताई जा रही है, उतने ही मतदाता होंगे। इसका प्रमुख कारण आबादी का बढऩा भी है। 14 साल में डेढ़ से 2 हजार तक आबादी बढ़ चुकी है।