Oily Skin Care Myths: ऑयली स्किन केयर से जुड़ी गलतफहमियां, जिनपर ज्यादातर लोग…


ऑयली स्किन केयर
ऑयली स्किन यानी तैलीय त्वचा…इस स्किन टाइप वालों को अक्सर ये शिकायत रहती है कि उनका चेहरा बहुत जल्दी ग्रीसी नजर आने लगता है. दरअसल जिनकी त्वचा के पोर्स से सीबम यानी एक्स्ट्रा ऑयल प्रोड्यूस होता है, जिससे चेहरे पर ज्यादा तेल नजर आने लगता है और जल्दी चिपचिपाहट होने लगती है. खासतौर पर टी-जोन, फोरहेड (माथा), नोज के आसपास ज्यादा तेल दिखाई देता है. जिन लोगों की त्वचा तैलीय होती है. उनको बहुत जल्दी ब्लैक हेड्स और वाइट हेड्स भी होने लगते हैं और पिंपल्स की समस्या हो जाती है. इसके पीछे भी कुछ गलतियां या फिर मिथ्स हो सकते हैं. ऑयली स्किन केयर से जुड़ी कई ऐसी गलतफहमियां हैं, जिनपर ज्यादातर लोग भरोसा कर लेते हैं.
ऑयली स्किन वालों के लिए गर्मी और मानसून का सीजन थोड़ा ज्यादा परेशान कर देने वाला होता है, क्योंकि उमस की वजह से पसीना ज्यादा आता है और त्वचा पर सीबम होने की वजह से धूल-मिट्टी तेजी से चिपकती है. इसलिए कुछ बातों जैसे त्वचा की सफाई, ऑयल कंट्रोल फेस वॉश समेत त्वचा के मुताबिक ब्यूटी प्रोडक्ट लगाने चाहिए. फिलहाल जान लेते हैं कि लोगों में ऑयली स्किन केयर से जुड़ी कौन सी गलतफहमियां होती हैं.
ज्यादा फेशवॉस लगाना
मिथ: त्वचा ऑयली है तो फेसवॉश करते रहना चाहिए. इससे ऑयल कंट्रोल होता है.
आप भी अगर इस बात पर भरोसा करते हैं कि ऑयली स्किन है तो बार-बार चेहरा धोने से ऑयल कंट्रोल रहेगा और चेहरा फ्रेश दिखेगा तो ये एक मिथ है. इससे त्वचा का नेचुरल ऑयल कम हो सकता है और ग्लैंड्स पर ऑयल प्रोड्यूस करने के लिए ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे सीबम का और भी ज्यादा उत्पादन हो सकता है और त्वचा ज्यादा ग्रीसी होने लगेगी. यह जरूरी है कि आप नियमित नॉर्मल साफ-सफाई का ध्यान रखें. जैसे दिन में दो बार फेसवॉश करना.
डाइट से ऑयली स्किन
मिथ: खाने की चीजों की वजह से त्वचा ऑयली हो जाती है और फैट डाइट सीधे तौर पर त्वचा तैलीय होने की वजह है.
त्वचा पर तेल होने की वजह ग्लैंड्स से ज्यादा ऑयल प्रोड्यूस करना होता है, जो आपके जेनेटिक्स या फिर हार्मोनल बदलावों पर निर्भर करता है. खानपान सीधे तौर पर आपकी त्वचा के ऑयली होने की वजह नहीं है.
सन एक्सपोजर है सही?
मिथ: ऑयली स्किन को लेकर ये भी मिथ है कि सन एक्सपोजर (त्वचा पर धूप) सही रहता है, जिससे त्वचा ड्राई होती है.
सन एक्सपोजर की वजह से आपकी त्वचा पर टेम्परेरी ड्राई इफेक्ट दिख सकता है, लेकिन इससे आपका फेस डल हो सकता है और यूवी किरणों की वजह से त्वचा को भी नुकसान होता है.
हार्श इनग्रेडिएंट यूज करना
मिथ: बहुत सारे लोगों को ये लगता है कि ऑयली स्किन पर हार्श प्रोडक्ट यूज किए जा सकते हैं, जिससे फेस का ऑयल कम हो जाता है.
हार्श इनग्रेडिएंट्स किसी भी स्किन टाइप वाले के लिए सही नहीं रहते हैं. जब आप ऑयली स्किन पर हार्श इनग्रेडिएंट्स अप्लाई करते हैं तो इससे त्वचा में नमी बनाए रखने के लिए जरूरत का नेचुरल ऑयल भी कम होने लगता है और इस वजह से आपको इरिटेशन महसूस हो सकती है साथ ही ग्लैंड्स से ज्यादा तेल प्रोड्यूस होने लगता है, जिससे बहुत जल्दी आपका फेस चिपचिपा दिखने लगता है.
मॉइस्चराजर की नहीं है जरूरत
मिथ: त्वचा प्राकृतिक रूप से तैलीय है, इसलिए मॉइस्चराइजर लगाने की जरूरत नहीं है.
बहुत सारे लोग इस मिथ पर आसानी से भरोसा कर लेते हैं कि ऑयली स्किन है तो उन्हें मॉइस्चराइजर की जरूरत नहीं है, जबकि हर स्किन को हाइड्रेशन की जरूरत होती है. अगर आपकी त्वचा तैलीय है तो वाटर या फिर जेल बेस्ड मॉइस्चराइजर का यूज करें. इससे त्वचा फ्रेश रहती है और नमी भी बनी रहेगी.