OMG! थाईलैंड के जंगल में मिला दुनिया का सबसे अनोखा केकड़ा, चटकदार रंग देख हैरान हुए…

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OMG! थाईलैंड के जंगल में मिला दुनिया का सबसे अनोखा केकड़ा, चटकदार रंग देख हैरान हुए…
OMG! थाईलैंड के जंगल में मिला दुनिया का सबसे अनोखा केकड़ा, चटकदार रंग देख हैरान हुए लोग

थाईलैंड में मिला अनोखा केकड़ा

थाईलैंड के काएंग क्राचन राष्ट्रीय उद्यान में एक बेहद दुर्लभ और अनोखी प्रजाति का केकड़ा देखा गया है, जिसकी चमकदार बैंगनी रंग ने इंटरनेट पर लोगों को हैरान कर दिया. सोशल मीडिया पर वायरल हुई कुछ तस्वीरों में इस केकड़े की खूबसूरती साफ दिखाई देती है. बताया गया कि पार्क के रेंजरों ने गश्त के दौरान इन खास केकड़ों को देखा और कैमरे में कैद कर लिया. इसे पार्क प्रशासन ने इस खोज को प्रकृति का अनमोल तोहफ़ा बताया और फेसबुक पर इनकी तस्वीरें शेयर की है.

कैंग क्राचान नेशनल पार्क ने इस मौके का इस्तेमाल यह बताने के लिए भी किया कि ऐसी दुर्लभ प्रजातियों की उपस्थिति जंगल के पारिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता के लिए कितना मायने रखती है. उनका मानना है कि किंग क्रैब का जीवित रहना इस बात का संकेत है कि यहां का जंगल स्वस्थ और सुरक्षित है, और यह उनके संरक्षण प्रयासों की सफलता को दर्शाता है.

क्या है इसका संकेत?

पार्क के सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा गया, किंग क्रैब की मौजूदगी न सिर्फ एक दुर्लभ जीव की खोज है, बल्कि यह पार्क के इकोसिस्टम तंत्र की मजबूती का अहम संकेत भी है. यह विश्व धरोहर स्थल अपनी अद्भुत जैव विविधता के लिए अब पूरी दुनिया में जाना जाएगा और इस संरक्षित वन्यजीव का अस्तित्व जंगल के उत्कृष्ट पर्यावरण का प्रमाण है.

किंग क्रैब, जिसे सिरिंधोर्न क्रैब भी कहा जाता है, का नाम थाईलैंड की राजकुमारी महा चक्री सिरिंधोर्न के नाम पर रखा गया है. दिलचस्प बात यह है कि यह प्रजाति पांडा परिवार से जुड़ी है. आमतौर पर पांडा केकड़े अपने सफेद और काले पैटर्न के लिए जाने जाते हैं, लेकिन बैंगनी रंग वाला यह संस्करण बेहद दुर्लभ है. पांडा केकड़ों के बारे में वैसे भी कम जानकारी उपलब्ध है, और उनके इस बैंगनी रूप के बारे में तो और भी कम जानकारी लोगों के पास है.

नेशनल ज्योग्राफिक की 2012 की एक रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी के सेनकेनबर्ग म्यूज़ियम ऑफ़ जूलॉजी के वैज्ञानिक हेंड्रिक फ्राइटैग ने अध्ययन में बताया था कि इस केकड़े का बैंगनी रंग संभवतः ‘संयोग से’ विकसित हुआ है. उनके अनुसार, ‘यह खास बैंगनी रंग शायद किसी विशेष कारण या कार्य के लिए नहीं, बल्कि केवल पहचान के एक सामान्य दृश्य संकेत के रूप में विकसित हुआ होगा.’

इस अनोखे और भाग्यशाली दर्शन ने इंटरनेट पर उत्सुकता और हैरानी दोनों पैदा कर दी है. लोग न केवल इसकी रंगत से मोहित हैं, बल्कि इसकी दुर्लभता ने भी इसे चर्चा का विषय बना दिया है. प्रकृति में ऐसे जीवों का जीवित रहना हमें यह याद दिलाता है कि जैव विविधता की रक्षा और संरक्षण के लिए किए गए प्रयास कितने महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यही प्रयास इन अद्भुत जीवों और उनके आवास को आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखते हैं.

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