बालको में हादसे के बाद चक्काजाम, दो एफआईआर दर्ज पुलिस ने…- भारत संपर्क
बालको में हादसे के बाद चक्काजाम, दो एफआईआर दर्ज
पुलिस ने जुर्म दर्ज कर पहचान की कार्रवाई शुरू की
कोरबा। बालको के परसाभाठा मार्ग में नवधा पंडाल के पास हुए हादसे में ऑटो चालक की मौत के मामले में चक्काजाम करने व शव को सडक़ पर रखकर प्रदर्शन को लेकर दो अलग-अलग अपराध दर्ज किया गया है।एक शिकायत में कहा गया है कि 14 अप्रेल को शाम करीब 6 बजे कुछ अज्ञात 5-10 लोगों के द्वारा परसाभाठा मेन रोड में शव को रखकर नारेबाजी, अपशब्द बोल कर एवं आने -जाने वाले लोगों से विवाद किया गया।अज्ञात शव का इस प्रकार अपमान रोड में करना जो आने-जाने की सडक़ है जिस पर सैकडों वाहनों एवं लोगों व पशुओं का आवागमन होता है एवं गंदगी रहती है उस पर अज्ञात शव को रखकर शव का अपमान किया गया जिससे मानवीय भावनाओं को क्षति पहुंची है। बालको पुलिस ने धारा 279,34 के तहत अज्ञात के बिरुद्ध जुर्म दर्ज किया है।इसी तरह वाहन चालक नीलांबर की रिपोर्ट पर 40-50 व्यक्तियों पर धारा 294, 34, 341 आईपीसी का जुर्म दर्ज किया गया है। आरोप है कि 13 अप्रैल को एक्सीडेंट की बात को लेकर कुछ असामाजिक तत्व परसाभाठा बजरंग चौक पास चक्का जाम किये थे। प्रार्थी अपना कैम्पर वाहन लेकर बालको से कैम्प आर.के.टी.सी. की ओर जा रहा था।परसाभाठा के पास 40-50 असामाजिक तत्वों के द्वारा एक्सीडेंट की घटना को मुद्दा बनाकर चक्काजाम कर रास्ता बंद कर आवागमन 24 घंटे से भी ज्यादा समय तक अवरूद्ध किया गया था। जो भी ड्रायवर जाम में फंसे थे उनके साथ दुर्व्यवहार, गाली गलौच किया गया। इनके द्वारा बिना किसी कारण के आने जाने वाले लोगों का रास्ता जबरदस्ती रोका गया एवं कार्य में जबरदस्ती बाधा उत्पन्न की गई जिससे हमें मानसिक और आर्थिक परेशानियां हुई है। ग्रीष्म ऋतु होने के कारण अभी गर्मी चरम में है ऐसे स्थिति में भी ड्राइवर जो कि लोहे के 6गुणा 4 के केबिन में जाम में फंसे होते है एवं अत्यधिक गर्मी के कारण उनके स्वास्थ्य पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है एवं 13 अप्रैल को जाम लगने के कारण लगभग हजारों गाडिय़ां प्रभावित हुई, जिसके कारण कई ड्राइवरों की तबियत गर्मी अत्यधिक होने से खराब हो गई थी। 40-50 असामाजिक तत्व चक्काजाम कर अपने लाभ का अवसर बनाते है और अपने निजी स्वार्थ के कारण हजारों गाड़ी मालिक एवं ड्राइवरों को परेशान करते है, इन असामाजिक तत्वों को इसकी कोई भी चिंता नहीं होती कि जाम के कारण ड्राइवर एवं गाड़ी मालिक को आर्थिक एवं मानसिक परेशानी होती है और लगभग सभी गाड़ी मालिक अपने गाडिय़ो का किश्त भी जमा करते है। जाम के कारण आर्थिक नुकसान की भरपाई नहीं हो पाती है, ऐसे असामाजिक तत्वों के विरूद्ध कार्यवाही की जावे। शिकायत पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर पहचान की कार्रवाई शुरू कर दी है।