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ठंड में हरी सब्जियों के दामों ने लगाई आग, लोकल सब्जियों की आवक होने के बाद भी चिल्हर में मनमर्जी के दाम, बिगड़ रहा रसोई का बजट

 

कोरबा। लोकल सब्जियों की आवक होने के बाद भी सब्जियों के दाम में चिल्हर में गिरावट नहीं हो रही है। व्यापारियों के मुताबिक अभी लोकल सब्जियां आने के बावजूद आवक कम है और अभी शादी- ब्याह का सीजन होने से खपत अधिक हो रहा। जिसके कारण दाम में बहुत ज्यादा गिरावट नहीं हो रही है। दिसंबर में लोकल सब्जियों की तादात बढ़ेगी जिससे दाम में काफी गिरावट होने का अनुमान है। सब्जियों में फूल गोभी की कीमत विशेष कमी नहीं आ रही है, लोकल गोभी आ रही परन्तु आवक कम है। थोक व्यापारियों ने बताया कि अभी फूल गोभी थोक में 35 रूपए किलो बिक रहा है, और चिल्हर में 60 से 80 रूपए दाम है, शहर में फूल गोभी पहले महाराष्ट्र से आ रहे थे, इस समय लोकल आवक के साथ एमपी के सागर से एवं यूपी, आगरा, लखनऊ, कानपुर, सिवनी आदि शहरों से गोभी आ रही है, इस समय इसकी डिमांड अधिक है और आवक कम है इसलिए भी दाम में विशेष परिवर्तन नहींहो रहा है। इसी तरह मटर हरा थोक में 45 से 50 रूपए किलो है और चिल्हर में 70 से 80 रूपए बिक रहा है, हरा मटर इस समय जबलपुर से आ रहा जो दो-तीन माह चलता है उसके बाद रांची का मटर आने लगेगा जिसके बाद रेट गिरेगा। टमाटर का भी यहीं हाल है, इस समय टमाटर बैंगलोर से आ रहा जो हर दिन अप-डाउन हो रहा आज थोक में टमाटर 30 रूपए किलो बिका है जो चिल्हर में 50 से 55 बेच रहे। मुनका गुजरात और एमपी के सागर से आ रहा जो 80 रूपए किलो है। परवल 45 रूपए किलो है जो बंगाल और गोपालपुर से आ रहा और करेला 45 रूपए किलो चल रहा जो जगदलपुर से आता है। सामान की कीमत का सही रेट थोक में रहता है इसके बाद चिल्हर में जिसकी जैसी मर्जी वैसा रेट तय कर बिक्री करते हैं। आम आदमी चिल्हर में ही खरीदी करता है, व्यापारी वर्ग ही हैं जो थोक खरीदी करते हैं। चिल्हर में बिक्री करने वाले कालोनियों के हिसाब से भी रेट तय करके बिक्री करते हैं, वीआईपी कालोनियों में जहां लोग बाजार तक नहीं जा पाते अनाप-शनाप रेट में खरीदते हैं।
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प्याज के दाम अब भी निकाल रहे आंसू
एक बार फिर से प्याज आंख से आंसू बहा रहा है। प्याज के दाम में बढ़ोत्तरी हो रही है, जिसके कारण लोगो के आंख से प्याज का आंसू निकल रहा है। वर्तमान में प्याज का चिल्हर में 60 रूपये में बिक रहा है। ऐसे में गरीब एवं मध्यम वर्ग से थाली से प्याज का सलाद भी गायब हो गया है, इसके अलावा थोक बाजार में भी प्याज का शार्टेज हो गया है। बता दें कि दैनिक उपयोग की वस्तुओ में दिनो-दिन भाव बढ़ते जा रहा है, जिसके कारण लोगो को परेशानी हो रही है, पहले से ही हरी सब्जियों के भाव आसमान छू रहा है तो वही अब प्याज के भाव भी बढ़ गये हैं। ऐसे में सब्जी एवं दाल पर प्याज का तड़गा लगाना लोगो को महंगा पड़ेगा। स्थानीय बाजार में प्याज 60 रूपये चल रहा है। वही अच्छे क्वालिटी का प्याज लेंगे तो उसके लिए 70 रूपये देना होगा। व्यवसायियों ने बताया कि अभी नासिक से प्याज की आवक कमजोर हो गई है जिसके कारण यह स्थिति निर्मित हो गई है। बाजार में प्याज कम आने से उसके दाम भी बढ़ गये हैं। व्यापारी बताते हैं कि बाजार में लोकल प्याज आना शुरू नहीं हुआ है। एक माह बाद बाजार में लोकल प्याज भाजी पूरी तरह व्यापक पैमाने पर आना शुरू हो जायेगा। जिससे कि प्याज कांदा का दाम भी गिर सकता है।

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