पबजी की लत ने छीना युवक का हाथ, रेलवे ट्रैक पर खेल रहा था गेम; ट्रेन की चपे… – भारत संपर्क

अस्पताल में भर्ती युवक.
डिजिटल युग में रील्स और मोबाइल गेमिंग की लत अब लोगों की जान पर भारी पड़ रही है. मोबाइल गेमिंग की लत ने एक युवक को जीवनभर के लिए अपंग बना दिया. दिल दहला देने वाली यह घटना मध्य प्रदेश के जबलपुर के घमापुर थाना क्षेत्र से सामने आई है, जहां रेलवे ट्रैक के किनारे बैठकर मोबाइल पर पबजी गेम खेल रहा युवक गेम में इतना खो गया कि उसे सामने से आ रही ट्रेन की आहट तक सुनाई नहीं दी. ट्रेन की चपेट में आकर उसका दाहिना हाथ बुरी तरह जख्मी हो गया. हालत इतनी गंभीर थी कि डॉक्टरों को उसका हाथ काटना पड़ा.
यह दर्दनाक घटना घमापुर क्षेत्र के दो नंबर पुल के पास की है, जहां युवक अपने दोस्तों के साथ घूमने के लिए रेलवे ट्रैक के किनारे चला गया और समय बिताने के लिए वह दोस्तों के साथ ट्रैक के किनारे बैठकर कान में ईयरबड्स लगाकर गेम की दुनिया में पूरी तरह से डूब गया. इस दौरान युवक को इस बात का अहसास तक नहीं हुआ कि वो कितने खतरनाक स्थान पर बैठा है. जब तक आसपास के लोग कुछ समझ पाते तेज रफ्तार से आ रही ट्रेन युवक के पास से गुजर चुकी थी. इस दौरान युवक का हाथ ट्रेन से टकरा गया, जिससे उसकी हड्डियां चकनाचूर हो गईं और वह बुरी तरह घायल हो गया.
ताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में हुई सर्जरी
घटना के तुरंत बाद मौके पर मौजूद लोगों ने युवक को उठाकर नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया, जहां उसे गंभीर हालत में आर्थोपेडिक विभाग में भर्ती किया गया. डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि हाथ की नसें और हड्डियां इतनी बुरी तरह से टूट चुकी थीं कि उसे बचाना संभव नहीं था. डॉक्टरों की टीम ने फौरन सर्जरी कर उसका दाहिना हाथ काटकर अलग कर दिया, जिससे युवक की जान तो बचाई जा सकी, लेकिन वह हमेशा के लिए अपाहिज हो गया.
आर्थोपेडिक विभाग के प्रमुख डॉ. अशोक विद्यार्थी ने जानकारी देते हुए बताया कि युवक को जब लाया गया, तब उसकी हालत बेहद नाजुक थी. हाथ का निचला हिस्सा बुरी तरह कुचल चुका था और उसे बचाने के प्रयासों के बावजूद संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ था. मरीज की जान बचाने के लिए ऑपरेशन कर हाथ को अलग करना ही एकमात्र विकल्प था.
ऑनलाइन गेम्स के प्रति बढ़ती लत गंभीर चिंता का विषय
यह घटना न केवल उस युवक के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक गहरी चेतावनी है. आज के दौर में युवा वर्ग में ऑनलाइन गेम्स के प्रति बढ़ती लत गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है. पबजी जैसे गेम्स बच्चों और युवाओं की सोच दिनचर्या और मानसिक स्थिति पर गहरा असर डाल रहे हैं. वे गेम की आभासी दुनिया में इतने खो जाते हैं कि हकीकत की दुनिया से उनका संपर्क टूटने लगता है.
यह पहला मामला नहीं है, जब ऑनलाइन गेमिंग और रील्स के कारण कोई बड़ा हादसा हुआ हो. देशभर में ऐसे सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं, जहां बच्चों ने आत्मघाती कदम उठा लिए या जानलेवा दुर्घटनाओं का शिकार हो गए. अभिभावकों और शिक्षकों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे बच्चों की डिजिटल आदतों पर नजर रखें और समय रहते उन्हें मार्गदर्शन दें.