रामभद्राचार्य के मिनी पाकिस्तान वाले बयान का मंत्री ने किया समर्थन, कहा- बा… – भारत संपर्क

जगदगुरु रामभद्राचार्य पिछले कुछ समय से लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. हाल में उन्होंने कुछ ऐसे बयान दिए जिसकी वजह से जमकर बवाल मचा. कुछ दिन पहले उन्होंने पश्चिम उत्तर प्रदेश की तुलना मिनी पाकिस्तान से की थी. उनके इस बयान को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. कई लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं. इश बीच यूपी के ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर ने रामभद्राचार्य के बयान का समर्थन किया है.
शनिवार (20 सितंबर) को पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद पहुंचे ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि रामभद्राचार्य जी बहुत ही विद्वान हैं और जिस तरह से पश्चिम की स्थिति है उस पर उन्होंने जो कथन किया है वह वास्तव में सही है. मंत्री ने कहा कि जिस तरह का यहां (पश्चिम उत्तर प्रदेश) बदलाव आ रहा है उसे देखते हुए रामभद्राचार्य द्वारा सही बात कही गई है.
‘समाज को एक दिशा देने का काम कर रहे स्वामी’
मंत्री ने रामभद्राचार्य की आलोचना किए जाने पर कहा कि यह उनकी मानसिकता है भगवान ने जिसको जैसा बनाया है. उन्होंने कहा कि दिव्यांगों का एक अलग अपना महत्व है और वह एक बहुत विद्वान है और समाज को एक दिशा देने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग रामभद्राचार्य का मजाक उड़ा रहे हैं उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. दरअसल सोशल मीडिया पर स्वामी रामभद्राचार्य की दिव्यांगता का मजाक उड़ाया गया था जबकि वह जन्म से नेत्रहीन हैं.
क्या कहा था रामभद्राचार्य ने
वहीं बात करें रामभद्राचार्य के बयान की तो बीते दिनों रामभद्राचार्य ने मेरठ में रामकथा के दौरान पश्चिमी यूपी को मिनी पाकिस्तान बताया था. उन्होंने कहा था कि यहां आकर मिनी पाकिस्तान जैसा लगता है. उन्होंने कहा था कि देश में हिंदू संकट के दौर से गुजर रहे हैं और उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है. रामभद्राचार्य ने आह्वान किया था कि हर हिंदू परिवार को अपनी संतानों को धर्मशिक्षा देनी होगी और प्रत्येक घर में धर्म की पाठशाला शुरू करनी होगी. उन्होंने कहा, हम किसी को छेड़ते नहीं, लेकिन अगर कोई छेड़ेगा तो छोड़ेंगे भी नहीं.
चंद्रशेखर आजाद ने की सख्त टिप्पणी
इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ कई तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिली थी. समाजवादी पार्टी से लेकर नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने उनके बयान की आलोचना करते हुए विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने जगद्गुरु रामभद्राचार्य का नाम लिए बिना कहा था कि एक ऐसे संत है जिनकी आंखें नहीं है, सोचिए उनके कितने पाप होंगे? . उन्होंने रामभद्राचार्य के बयान को समाज के विरुद्ध बताया था.
इनपुट/रविन्द्र सिंह (मुफ्फरनगर)