मेला पारा चांटीडीह में अतिक्रमण कर बनाए गए 742 मकान को हटाने…- भारत संपर्क

आकाश मिश्रा
बिलासपुर के चांटीडीह मेला पारा में अतिक्रमण कर बनाए गए 742 घरों पर शुक्रवार को बुलडोजर चला। इसे पूर्व विधायक शैलेश पांडे ने अमानवीय करार दिया।
शुक्रवार सुबह जैसे ही यहां बुलडोजर चलना शुरू हुआ लोग सामने खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। उग्र होती भीड़ में से सरकंडा पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया। कुछ लोगों ने दावा किया कि उनके पास काबिज जमीन का पट्टा होने के बावजूद उन्हें बारिश से पहले बेदखल किया जा रहा है। इसके बावजूद बुलडोजर ने 40 से अधिक मकान हटा दिए।
शुक्रवार को चांटीडीह मेला पारा में अतिक्रमण कर बनाए गए 742 मकान को ढहाने के लिए निगम और पुलिस के 100 से ज्यादा अधिकारी, कर्मचारी, दो जेसीबी, पोकलेन, 4 काऊ कैचर, 5 टिपर लेकर पहुंचे । भले ही पूर्व विधायक इसे अमानवीय करार दे रहे हैं लेकिन इसकी सच्चाई कुछ और ही है।

मेला पारा में बेजा कब्जा कर बसे 1160 लोगों को पहले ही खमतराई, बहतराई में बने प्रधानमंत्री आवास में शिफ्ट करने के लिए मकान आवंटित किए जा चुके हैं। यह प्रक्रिया 2 साल से चल रही है। यहां के 400 परिवार पहले ही सरकारी आवास में शिफ्ट हो चुके हैं, लेकिन इस फैसले के आड़े 40 परिवार आ रहे हैं। नगर निगम का कहना है कि इन लोगों को पहले ही आवास आवंटित किया जा चुका है, लेकिन वे यहां से भी नहीं हटना चाह रहे। अतिक्रमण कारियो के पुनर्वास के लिए 4.75 लाख की लागत से बने पक्का मकान में उन्हें शिफ्ट किया जा रहा है । आवंटन के बावजूद जब लोग अशोकनगर, खमतराई , बहतराई के मकान में नहीं गए तो फिर उन्हें शिफ्टिंग के लिए मजबूर होना पड़ा। शुक्रवार को केवल अवैध निर्माण ही नहीं ढहाए गए बल्कि यहां रहने वाले लोगों की शिफ्टिंग में भी मदद की गई । बताया जा रहा है कि खाली कराई गई जमीन का उपयोग प्रधानमंत्री आवास , उद्यान निर्माण ,बाजार आदि विकसित करने में किया जाएगा। फिलहाल यहां बने 742 मकान को हटाने की प्रक्रिया अगले कुछ दिन भी जारी रह सकती है।

नगर निगम की कार्यवाही का विरोध केवल स्थानीय लोगों ने ही नहीं किया बल्कि विपक्ष ने भी बरसात से पहले इन लोगों को हटाने को अमानवीय कहा है, लेकिन इन्हें बेघर नहीं किया जा रहा। इन्हें पहले ही पक्के मकान आवंटित किए जा चुके हैं, इसलिए इस तरह के आरोप बेबुनियाद है।