भाई की हत्या का बदला, माफिया से दोस्ती और पीपीपी मॉडल…रवि काना ने ऐसे खड़… – भारत संपर्क
रवि काना और काजल झा (फाइल फोटो)
आम भाषा में पीपीपी मॉडल का मतलब होता है पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप. लेकिन गैंगस्टर रवि काना ने जिस पीपीपी मॉडल से करोड़ों का साम्राज्य खड़ा किया, वो कुछ अलग ही है. यानी रवि ने पुलिस-पॉलिटिशियन और पत्रकार, इस मॉडल पर काम करके अपना करोड़ों का साम्राज्य फैलाया. वो भी इस मॉडल का गलत तरीके से इस्तेमाल करके. फिलहाल, रवि काना और उसकी गर्लफ्रेंड पुलिस गिरफ्त में हैं. दोनों को थाईलैंड से यूपी ने नोएडा लाया गया है. आज पुलिस दोनों को लेकर कई बड़े खुलासे करेगी, जिसमें रवि काना का पीपीपी मॉडल भी शामिल है.
साल 2014 में रवि काना के भाई हरिंदर नागर की राजनीतिक दुश्मनी के कारण हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद रवि का सिर्फ एक ही मकसद बन गया. वो था भाई हरिंदर की हत्या का बदला लेना. रवि चाहता था कि वो कैसे भी करके अपने भाई की हत्या का बदला ले. इसके लिए सबसे पहले उसने उस समय के नामी गैंगस्टर अनिल दुजाना के लिए काम करना शुरू किया. रवि से अनिल इतना प्रभावित हुआ कि आगे चलकर उसने रवि को अपना राइट हैंड बना लिया. पहले तो रवि छोटे-मोटे काम ही करता था. लेकिन बाद में अनिल दुजाना के कारण स्क्रैप के धंधे के बड़े से बड़े ऑर्डर भी रवि को ही मिलने लगे.
उसके बाद रवि ने बड़ी-बड़ी कंपनियों में चोरी का सरिया सप्लाई करना शुरू किया, जिसके बाद रवि काना ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा. अनिल दुजाना के साथ मिलकर रवि ने कई बड़े-बड़े ठेके लेने शुरू कर दिए. लेकिन पिछले साल यानी मई 2023 को अनिल दुजाना का एनकाउंटर हो गया. हालांकि, इससे रवि के धंधे पर कोई फर्क नहीं पड़ा. क्योंकि तब तक रवि काना स्क्रैप के धंधे में एक बड़ा नाम बन चुका था.
ये भी पढ़ें
पीपीपी मॉडल का लिया सहारा
फिर उसने लिया पीपीपी मॉडल (पुलिस ,पॉलिटिशियन और पत्रकार) का सहारा. यानि रवि काना स्थानीय नेताओं, पुलिस अधिकारियों और कुछ पत्रकारों की साठगांठ से स्क्रैप के बड़े-बड़े धंधे करने लगा. हर महीने रवि काना उन सभी को महीना पहुंचाता था. अधिकारियों के साथ साठगांठ होने से रवि काना को सरकारी गनर मिला. जिसका उसने गलत इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. वह सरकारी गनर के साथ कंपनियों में जाकर धौंस दिखाकर जबरन स्क्रैप का काम लेने लगा. एक दशक में रवि काना ने कबाड़ के काम से ही करोड़ों रुपए का साम्राज्य खड़ा कर लिया था.
कई आपराधिक मामले दर्ज
जनवरी 2024 से पहले रवि काना के खिलाफ रंगदारी हफ्ता, वसूली और जान से मारने की धमकी जैसे कई अपराधिक मामले दर्ज हुए. उस पर गैंगस्टर एक्ट के तहक कार्रवाई भी की गई. लेकिन जनवरी 2024 में एक मॉल की पार्किंग में महिला के साथ गैंगरेप के मामले में नोएडा-39 थाने में मामला दर्ज हुआ. उसके बाद रवि काना की उल्टी गिनती शुरू हो गई. रवि काना की अपराधिक 200 करोड़ की कमाई को नोएडा पुलिस ने सीज किया है. इसमें वो 80 करोड़ का बंगला भी शामिल है, जिसने रवि काना ने अपनी गर्लफ्रेंड काजल झा को गिफ्ट किया था.
गर्लफ्रेंड काजल झा पर भी एक्शन
नोएडा पुलिस ने रवि काना और उसके गैंग के सदस्यों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई के साथ ही साथ 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें उसकी महिला दोस्त काजल झा का भी नाम शामिल है. दिल्ली की रहने वाली काजल झा शुरुआत में रवि काना के यहां नौकरी मांगने आई थी. लेकिन बाद में वो अपने शातिर दिमाग से उसके धंधे में पार्टनर बन गई. इसके साथ ही रवि काना की गैंग में राजकुमार नागर, अमन, विशाल, आजाद नागर, राशिद अली, तरुण, प्रहलाद नागर, आकाश और पत्नी मधु भी शामिल हैं.
रवि काना की पत्नी मधु जेल में
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, करीब 18 साल पहले रवि काना और मधु नागर की शादी हुई थी. दोनों के दो बच्चे भी हैं. शुरुआत में पूरा परिवार साथ ही रहता था. लेकिन करीब 5 साल पहले रवि ने अपनी पत्नी और दोनों बच्चों को देहरादून शिफ्ट कर दिया. वो इसलिए क्योंकि फरवरी 2014 में रवि काना के भाई हरेंद्र प्रधान की हत्या हुई थी. हत्या का इल्जाम सुंदर भाटी गैंग पर लगा. ऐसे में रवि काना को पुलिस ने सुरक्षा मुहैया कराई. हालांकि, बाद में पता चला कि रवि काना इस सुरक्षा का नाजायज फायदा उठा रहा था. पुलिस ने उसकी सुरक्षा हटा ली.
पुलिस के मुताबिक, मधु नागर रवि के काले धंधों में भी बराबर की भागीदार थी. उसकी कई कंपनियों में डायरेक्टर यही मधु नागर थी. इनमें से कई कंपनियां जबरन तरीके से सरिया स्क्रैप का ठेका भी हासिल करती थीं. इन कंपनियों का मालिक बेशक रवि काना था, लेकिन इन्हें हैंडल मधु नागर ही करती थी. हालांकि, मधु को 16 फरवरी 2024 के दिन इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया. वो फिलहाल जेल में है.