साहू समाज ने मनाई भक्त शिरोमणि मां कर्मा की जयंती , समाज ने…- भारत संपर्क

साहू समाज की आराध्य, उद्धारक ,भक्त शिरोमणि मां कर्मा की जयंती शुक्रवार को मनाई गई, इस अवसर पर गोड़ पारा स्थित कैरू मंदिर में सुबह से ही मां का साज श्रृंगार कर विशेष पूजा सेवा की गई। मां कर्मा वह थीं, जिनके हाथों से भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं खिचड़ी खाई थी। इस मौके पर समाज द्वारा विभिन्न आयोजन किये गए । भगवान श्री कृष्ण की भक्त, माता कर्मा का जन्म चैत्र कृष्ण पक्ष की पापमोचनी एकादशी को साहू परिवार में हुआ था। कहते हैं बाल्यकाल से ही वह भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में लीन भजन गाती रहती थी। उनका विवाह पदम जी साहूकार के साथ हुआ था लेकिन गृहस्थ जीवन में उनका मन नहीं लगा और एक दिन वह अपने पति के कहने पर भगवान की तलाश में निकल पड़ी। बताया जाता है कि उनकी निश्छल भक्ति से समाज के पाखंडी लोग जलने लगे और उन्होंने तरह-तरह का षड्यंत्र किया, लेकिन वह हर बार, हर परीक्षा में उत्तीर्ण होती चली गई। जगन्नाथ पुरी पहुंचकर उन्होंने भगवान के दर्शन करने चाहे, लेकिन उनके फटे पुराने कपड़े देखकर द्वारपाल ने उन्हें मंदिर में जाने से रोक दिया, मगर माता कर्मा की पुकार सुनकर भगवान भी मंदिर छोड़कर उनके पास आ गए।वहीं पर भगवान जगन्नाथ ने उन्हें वरदान दिया कि मां कर्मा की खिचड़ी का ही उन्हें प्रथम भोग लगाया जाएगा, तब से जगन्नाथपुरी में भगवान को मां कर्मा की खिचड़ी का ही भोग लगाने की परंपरा है। साहू तेली समाज माँ कर्मा को अपना आराध्य मानता है और हर वर्ष उनकी जयंती को धूमधाम से मनाने की परंपरा है

मां कर्मा जयंती के अवसर पर समाज द्वारा विविध स्पर्धाएं आयोजित की गई, जिसमें खेलकूद और स्लोगन प्रतियोगिता शामिल थी। तो वही यहां समाज में बढ़ते प्री वेडिंग कल्चर को लेकर भी परिचर्चा हुई जिसमें इस अपसंस्कृति को रोकने के लिए साहू समाज द्वारा प्री वेडिंग शूट नहीं कराए जाने पर निर्णय लिया गया। समाज के सदस्यों ने विविध स्पर्धाओ में भी भाग लिया।