Sambhal Report: संभल हिंसा में लोगों की जान कैसे गई और सपा नेताओं का इसमें … – भारत संपर्क

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Sambhal Report: संभल हिंसा में लोगों की जान कैसे गई और सपा नेताओं का इसमें … – भारत संपर्क

संभल में हिंसा.
संभल हिंसा पर न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट में कई बड़े और चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि नमाजियों को उकसाने में सपा सांसद बर्क की बड़ी भूमिका रही है. बर्क ने कहा था कि हम इस देश के मालिक हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 24 नवंबर, 2024 की हिंसा पूर्वनियोजित और षड्यंत्र का नतीजा था.
सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि सांसद बर्क ने तुर्कों को बताया था कि देश का मालिक, बाकियों को नौकर और गुलाम, रिपोर्ट में इस तरह के बयान का जिक्र है. तुर्क और कन्वर्टेड हिंदू पठानों के बीच हुई फायरिंग में 4 लोगों की मौत हुई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि पहली बार पुलिस की सख्ती की वजह से संभल में दंगा नहीं हुआ.

रिपोर्ट में कहा गया कि कथित रूप से इस बार भी दंगे की योजना थी और बाहरी उपद्रवियों को बुलाया गया था, लेकिन पुलिस की मौजूदगी से बड़ा नुकसान टल गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि संभल में कई आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं. मौलाना आसिम उर्फ सना-उल-हक को अमेरिका द्वारा आतंकवादी घोषित किए जाने का भी जिक्र रिपोर्ट में है. रिपोर्ट में कहा गया कि वहां अवैध हथियार और नशे का धंधा भी फलफूल रहा है.
संभल दंगों में हिंदुओं को टार्गेट किया गया
सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि संभल में हुए सभी दंगों में टार्गेट करके हिंदुओं का कत्लेआम किया गया. 1936 से 2019 तक संभल में हुए दंगों एवं उपद्रव में 213 लोगों की मौत हुई. संभल हुए कुल 15 दंगों में 209 हिंदुओं को उन्मादी भीड़ ने निर्मम तरीके से हत्या की थी. 29 मार्च 1978 में होली के बाद हुए दंगों में 184 हिंदुओं की निर्मम तरीके से हत्या की गई थी. 1978 में संभल हुए दंगों किसी भी मुस्लिम की मौत नहीं हुई थी. हिंदुओं चुन-चुनकर निशाना बनाया गया था.
संभल में अब तक हुए हुए दंगों में हिंसा करने के दौरान चार मुस्लिमों की मौत हुई थी. संभल में दो मुस्लिमों की मौत 2019 में सीएए उपद्रव के दौरान हुई थी, वहीं, 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद हुई हिंसा में दो मुस्लिम मारे गए थे.
रिपोर्ट पर सपा प्रवक्ता ने उठाए सवाल
संभल हिंसा की रिपोर्ट को लेकर सपा प्रवक्ता फकरुल हसन चांद ने कहा कि वसीम बरेलवी जी की दो पत्तियां हैं फैसला लिखा रखा है पहले से खिलाफ, तो आप क्या खाक सफाई देंगे. भाजपा सरकार में संभल हिंसा की गोपनीय रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जाती है. संभल हिंसा की रिपोर्ट मीडिया के सामने रखी जाती है, कमेटी के लोग रखते हैं, लेकिन रिपोर्ट गोपनीय है.
उन्होंने कहा कि कमेटी के हेड मीडिया के सामने चर्चा करते हैं, रिपोर्ट में क्या लिखा है लेकिन रिपोर्ट गोपनीय है. उस गोपनीय रिपोर्ट में क्या लिखा हुआ है. सूचना विभाग बताता है क्या चलाना क्या नहीं चलाना है. ऐसी गोपनीय रिपोर्ट के बारे में जनता जानती है. ऐसी गोपनीय रिपोर्ट सिर्फ मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए आती है.
इनपुटः अभिजीत ठाकुर

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