केवल अयोध्या, काशी और मथुरा तक सीमित नहीं रहने वाली सनातन की…- भारत संपर्क
आजादी के बाद भारत में बने कुछ हिंदू विरोधी कानून के चलते हिंदू समाज सभी साक्ष्य के बाद भी अपने आस्था स्थलों को हासिल नहीं कर पा रहा है। ऐसे में जैन पिता पुत्र किसी वरदान की तरह सामने आए, जिन्होंने एक के बाद एक कानूनी लड़ाई लड़कर हिंदू समाज में आशा जगाई है। ऐसे ही अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के बिलासपुर पहुंचने की खबर से ही सनातन समाज उल्लासित हो उठा। रविवार को बिलासपुर पहुंचे सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का रायपुर एयरपोर्ट से ही स्वागत आरंभ हो गया । बिलासपुर में भी जगह-जगह उनका स्वागत सत्कार हुआ। विशिष्ट जनों ने उनसे भेंट मुलाकात की। वंदे मातरम मित्र मंडल बिलासपुर की स्थापना के 3 वर्ष पूरे होने पर रविवार को सिम्स ऑडिटोरियम में व्याख्यान का आयोजन किया गया। हिंदू धर्म, चुनौती और संभावनाएं विषय पर बोलने मुख्य वक्ता के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन पहुंचे, जिन्हें सुनने बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित हुए
धर्म को लेकर आरंभ से ही भारत में संकट की स्थिति रही है, जिसकी परिणति में भारत विभाजन हुआ, लेकिन आजादी के 77 सालों में स्थिति बेहतर होने की बजाय और बदतर होती चली गई। हिंदू अपने ही देश में सिमटता जा रहा है। आसपास के मुस्लिम देशों में हिंदू को पलायन करना पड़ा है या फिर उनकी आबादी खत्म कर दी गई । नई पीढ़ी में संस्कार की कमी है। दलित स्वयं को उपेक्षित महसूस कर धर्म विमुख हो रहा है । इसे देखते हुए हिंदू संगठित करने और उनमें संस्कार जगाने के लिए वंदे मातरम मित्र मंडल बिलासपुर की स्थापना की गई है। स्थापना के 3 साल पूरे होने पर हिंदू जागरण हेतु व्याख्यान का आयोजन किया गया। हिंदू धर्म, चुनौतियां और संभावनाएं विषय पर अपनी बात रखने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन पहुंचे । ये वही है जिन्हें आपने अक्सर टीवी पर देखा होगा, जिन्होंने ज्ञान व्यापी मुद्दे पर देश भर में अपनी छाप छोड़ी है। बिलासपुर पहुंचने पर उनका अभूतपूर्व स्वागत हुआ। भगवा जैकेट गणवेश में संगठन के सदस्यों ने उनका आत्मीय स्वागत किया। स्वागत सत्कार के पश्चात शाम को सिम्स ऑडिटोरियम में व्याख्यान का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र संघ चालक डॉक्टर पूर्णेन्दु सक्सेना, संयोजक महेंद्र जैन सम्मिलित रहे। खचाखच भरे हॉल में संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आज हमारा समाज घोर आपातकाल से गुजर रहा है। स्थिति भयावह है। श्री राम मंदिर, मथुरा सहित सभी मंदिर हमारी आस्था के केंद्र है। ज्ञानव्यापी और मथुरा श्री कृष्ण मंदिर हमारी आस्था से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि यह भीड़ बता रही है कि इसकी सबको पीड़ा है। हमारे आध्यात्मिक ऊर्जा के केंद्र काशी और मथुरा को न्यायालयिन प्रक्रिया से मुक्त कराना है। उन्होंने 22 जनवरी 2024 को हिंदुओं के लिए सबसे बड़ा दिन बताया, क्योंकि इसी दिन श्री राम मंदिर की स्थापना हुई। उन्होंने कहा कि कलम की ताकत से बढ़कर कोई ताकत नहीं। उनके ही प्रयास से 370 साल बाद ज्ञानवापी में भगवान शिव के दर्शन हुए हैं । उन्होंने दावा किया कि यहां जल्द ही रुद्राभिषेक भी होगा। उन्होंने कहा कि मथुरा में अप्रत्यक्ष रूप से भगवान श्री कृष्ण मौजूद है, जल्द ही उन्हें प्रत्यक्ष रूप से भी स्थापित किया जाएगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इन सभी मामलों का ट्रायल फास्ट्रेक में हो। श्री जैन ने आशा जागते हुए कहा कि सनातन समाज की लड़ाई सिर्फ अयोध्या, काशी और मथुरा तक ही सीमित नहीं रहने वाली। आगरा के ताजमहल यानी तेजो महालय और दिल्ली के कुतुब मीनार, लखनऊ की टीले वाली मस्जिद, अजमेर के ढाई दिन की झोपड़ी और बंगाल के अजिना मस्जिद को भी कोर्ट में चुनौती दी जाएगी । लीगल टीम ने सभी फाइल तैयार कर ली है, जिसे जल्द ही सबमिट किया जाएगा।
बिलासपुर पहुंचे सनातनी शेर विष्णु शंकर जैन ने बताया कि जब उन्होंने ज्ञानव्यापियों को लेकर शास्त्रों का अध्ययन किया तो पता चला कि 12 ज्योतिर्लिंग में से पांच ज्योतिर्लिंग स्वयंभू है। इसमें सबसे पहला ज्योतिर्लिंग काशी का है। ज्ञान व्यापी को लेकर उन्होंने याचिका लगाई है। ज्ञान व्यापी को लेकर सबसे पहले एडवोकेट कमिश्नर से जांच करने की मांग की गई। ज्ञानवापी पहुंचे और जांच शुरू हुई तो एक-एक करके परते खुलती चली गई। संस्कृत के श्लोक दीवारों पर मिले। वजू टैंक के अंदर पहुंचे तो 370 साल बाद शिव के दर्शन हुए। बिलासपुर में अपने स्वागत से अभिभूत विष्णु शंकर जैन ने कहा कि बिलासपुर में जन उत्साह से उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है।
इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के सर संघ संचालक पूर्णेन्दु सक्सैना भी ने संबोधित करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड की तर्ज पर हिंदू मंदिरों के लिए भी कमेटी बनाने के लिए मुकदमे को लेकर विष्णु जैन चर्चा में आए थे। वाराणसी में मंदिर पक्ष का मुकदमा लड़ रहे सर्वोच्च न्यायालय के वकील विष्णु शंकर जैन ने स्वर उठाया था कि जिस तरह मस्जिदों और मदरसों के संरक्षण के लिए सरकार ने वक्फ बोर्ड का गठन किया है, उसी तरह मंदिरों के संरक्षण के लिए हिंदू बोर्ड का गठन क्यों नहीं होना चाहिए। श्री जैन ने सुझाव दिया था कि हिंदू बोर्ड का गठन कर शंकराचार्यो, महामंडलेश्वरो और विभिन्न मठों के महंतों को इसमें प्रतिनिधित्व देना चाहिए।
इस दौरान वंदे मातरम मित्र मंडल के संयोजक महेंद्र जैन ने कहा कि अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन हिंदू धर्म की लड़ाई निशुल्क लड़ रहे हैं। उन्होंने हिंदुओं को जगाने का आह्वान किया ।उन्होंने कहा कि हमें अपने देश और अस्तित्व के लिए लड़ना होगा। कानून और न्यायालयिन प्रक्रिया से अपने आस्था के केंद्र हासिल करने होंगे। पार्कों को असामाजिक तत्वों से मुक्त कराना होगा। मंदिर में हर मंगलवार हनुमान चालीसा का पाठ इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कथित रूप से उपेक्षित दलित भाइयों को भी साथ जोड़ने पर जोर दिया।
बिलासपुर पहुंचे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और हिंदू आस्था केंद्रों के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे विष्णु शंकर जैन को देखने बड़ी संख्या में सनातनी पहुंचे, जिन्होंने उन्हें इस दौर का भागीरथी बताया। इस दौरान सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति अशोक चक्रवाल, डॉ सीवी रमन यूनिवर्सिटी के कुलपति आर पी दुबे, अटल यूनिवर्सिटी के कुलपति एडीएम वाजपेई ,पंडित सुंदरलाल शर्मा ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति वंश गोपाल सिंह सहित शिक्षाविद, जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
राम मंदिर न्यास अयोध्या ज्ञान वापी मामले के सुप्रीमकोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन से अमरजीत सिंह दुआ ने की सौजन्य मुलाकात
श्री माधव प्रेरणा केंद्र कालकर कुंज जूना बिलासपुर के भवन विस्तार कार्यक्रम एवम वंदेमातरम सेवा संस्था बिलासपुर के कार्यक्रम मे पहुंचे सुप्रीमकोर्ट मे वरिष्ठ वकील श्री विष्णु शंकर जैन से अमरजीत सिंह दुआ एवम डा चरनजीत सिंह गंभीर ने सौजन्य मुलाकात की।