श्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न सम्मान ,संजय अनंत का उन से…- भारत संपर्क
राष्ट्रीय पटल पर एक मात्र सिंधी नेता, जो हमें याद दिलाते है, कभी सिंध भारत का हिस्सा था, वे हमें स्मरण कराते है हमारे राष्ट्र गीत मे पंजाब के बाद सिंध आता है और वो हम सन सैतालिस मे पंडित नेहरू की प्रधानमंत्री बनने की अंधी ललक मे खो दिए.. उल्लास नगर, कटनी से ले कर बिलासपुर सहित उत्तर भारत के अनेक नगर मे विस्थापित हुए हमारे सिंधी भाई बहन आज भी इस आस मे है, उनका सिंध कभी भारत के नक़्शे मे वापस आएगा..
लालकृष्ण जी की आत्म कथा My country my life पढ़ने योग्य ग्रंथ है, इस महान सिंधी नेता के अंतर की पीड़ा है, विभाजन के समय सिंध छोड़ने की व्यथा, नरसंहार जिस मे पंजाब सिंध, बंगाल के लाखो गैर मुस्लिम कत्ल किए गए
वे उन लाखों हिन्दुओ में से एक थे जो मुस्लिम पाकिस्तान से बच कर आज के भारत मे आए ।आपनी आत्मकथा मे सिंध का आकर्षक सामाजिक-आध्यात्मिक इतिहास बताने के बाद, आडवाणी कराची (जिसे वे अपना ‘पसंदीदा शहर’ कहते हैं) में घर और स्कूल में अपने जीवन का वर्णन करते हैं। वह अपने जीवन पर दो परिवर्तनकारी प्रभावों के बारे में भी लिखते हैं: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), एक राष्ट्रवादी संगठन जिसमें वह 14 साल की उम्र में एक स्वयंसेवक (स्वयंसेवक) के रूप में शामिल हुए, और स्वामी रंगनाथानंद, कराची में रामकृष्ण मठ के प्रमुख और एक स्वामी विवेकानन्द के दर्शन के प्रखर प्रतिपादक , जिनसे आडवाणी की पहली मुलाकात कराची में हुई थी।
आडवाणी जी का जीवन नमन योग्य है, त्याग तपस्या से परिपूर्ण.. एक पत्रकार, जनसंघ के प्रथम पीढ़ी के नायक, श्यामा प्रसाद मुख़र्जी ने जिस राष्ट्रवादी चिंतन को आधार बना जनसंघ का स्वप्न सजाया, उसे मूर्त रूप देने मे इन्होने अपना पूरा जीवन आहूत किया.. वो दौर था ज़ब ज़ब जनसंघ का कोई जन आधार नहीं था, देश मे कही कोई दो चार जगह चुनाव मे सफलता मिलती। पर अपने विश्वास के साथ वे निरंतर संगठन को मजबूत करने लगे रहे
अटल जी उनकी मित्रता भारतीय राजनीति की एक मिसाल है हमेशा साथ.. वे याद करते है ज़ब इंदिरा जी की हत्या के बाद चुनाव हुए कांग्रेस एकतरफा जीत हासिल हुई बीजेपी को मात्र दो सीट मे ही सफलता मिली, एक राष्ट्रीय पार्टी के नेतृत्व के लिए घोर निराशा के क्षण.. पर उन्होंने सब का मनोबल बढ़ाया
फिर रामजन्मभूमि आंदोलन और आडवाणी जी की रथ यात्रा, जिस ने आज की शक्तिशाली बीजेपी को जन्म दिया
बहुत कम ये जानते होंगे की आडवाणी जी एक फ़िल्म समीक्षक भी थे उन्हें फिल्मो से गहरा लगाव था
निश्चित ही वे देश के आदर्श नेता है, सुचिता स्वच्छ पवित्र जीवन
संजय अनंत ©