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श्वेता हॉस्पिटल का लाइसेंस 15 दिन के लिए सस्पेंड, एनकेएच पर लगाया गया 20 हजार का जुर्माना

कोरबा। स्वास्थ्य विभाग ने जून के पहले सप्ताह में रिस्दी स्थित श्वेता हॉस्पिटल में प्रसव के बाद प्रसूता की हुई इलाज में लापरवाही और मौत के मामले को गंभीरता से लिया है। अस्पताल के लाइसेंस को 15 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंड ऑर्डर एक जुलाई से 15 जुलाई तक जारी रहेगा। इस अवधि में अस्पताल का प्रबंधन न तो मरीजों की जांच कर सकेगा और न ही किसी मरीज को भर्ती कर सकेगा। यह पहली बार हुआ है, जब स्वास्थ्य विभाग ने नियम कानून को ठेंगा दिखाकर कार्य करने पर किसी निजी अस्पताल के लाइसेंस को पखवाड़े भर के लिए निलंबित किया है। एनकेएच पर 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
रजगामार रोड पर रिस्दी स्थित जिला जेल के पास श्वेता हॉस्पिटल स्थित है। अस्पताल में एक गर्भवती महिला को प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। बच्चे के जन्म के बाद प्रसूता की तबीयत बिगड़ गई थी। उसे आनन-फानन में अस्पताल की ओर से कोरबा के एक दूसरे अस्पताल में रेफर किया गया था। इलाज के दौरान प्रसूता की मौत हो गई थी। घटना से आक्रोशित परिवार ने हंगामा किया था। इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया था। इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की गई थी। जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से कार्रवाई की मांग की गई थी। घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने श्वेता हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। नर्सिंग एक्ट के मानकों पर अस्पताल को परखा गया। इसकी जांच की गई थी कि श्वेता हॉस्पिटल का संचालन नर्सिंग एक्ट में किए गए प्रावधानों के अनुसार हो रहा है या नहीं। इस टीम ने तीन डॉक्टरों को शामिल किया गया था। टीम ने नर्सिंग एक्ट के मानकों को निरीक्षण किया। यहां तैनात डॉक्टरों से लेकर अन्य स्टॉफ के संबंध में जानकारी एकत्र किया। मामले से संबंधित रिपोर्ट जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दी गई थी।अस्पताल में नर्सिंग एक्ट का उल्लंघन पाए जाने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय की ओर से एक नोटिस जारी किया गया था। अस्पताल प्रबंधन से 24 घंटे में जवाब मांगा गया था। श्वेता हॉस्पिटल के प्रबंधन ने निर्धारित समय के भीतर जवाब जमा किया था, लेकिन इस जवाब से चिकित्सा विभाग संतुष्ट नहीं हुआ। श्वेता हॉस्पिटल पर कार्रवाई के लिए फाइल कलेक्टर के पास प्रस्तुत की गई। उनसे अनुमति मिलने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में श्वेता हॉस्पिटल के लाइसेंस को निंलबित करने का आदेश शुक्रवार को दिया। हालांकि यह आदेश एक जुलाई से प्रभावशील होगा, जो 15 जुलाई तक जारी रहेगा। इस अवधि में श्वेता हॉस्पिटल का प्रबंधन किसी भी मरीज का इलाज नहीं कर सकेगा, न ही उन्हें भर्ती कर सकेगा। विभाग की ओर से बताया गया है कि यह कार्रवाई इस कारण से की गई है कि तीन दिन में अस्पताल का प्रबंधन अपने यहां भर्ती मरीजों को किसी अन्य अस्पताल में शिफ्ट कर सके। प्रबंधन चाहे तो यहां के मरीजों को सरकारी अस्पताल में या जिले के किसी अन्य या बाहर के अस्पताल में मरीजों की इच्छा के अनुसार रेफर कर सकता है। श्वेता अस्पताल पर हुई इस कार्रवाई से मुश्किलें बढ़ गई है। दूसरी ओर न्यू कोरबा हॉस्पिटल द्वारा भी दिए गए जवाब से असंतुष्ट विभाग ने 20 हजार का जुर्माना लगाया है।

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