स्नेक मैन जितेंद्र 35 हजार सांपों को दे चुके हैं नया जीवन,…- भारत संपर्क
स्नेक मैन जितेंद्र 35 हजार सांपों को दे चुके हैं नया जीवन, जहरीले से जहरीले सांपों को भी पलक झपकते कर लेते हैं काबू
कोरबा। एक दस साल का बच्चा, जिसने अपने परिवार को बचाने के लिए पहली बार सांप पकड़ा था, उसे तब अंदाजा भी नहीं था कि भविष्य में वह एक स्नेक रेस्क्यूर बन जाएगा। जिले में जितेंद्र सारथी को लोग ‘स्नेक मैन’ के नाम से जानते हैं और इसके पीछे एक ठोस वजह है। जितेंद्र सांपों को न केवल समझते हैं बल्कि उनसे दोस्ताना व्यवहार भी करते हैं। जहरीले से जहरीले सांपों को भी वह पल भर में काबू कर लेते हैं। अपनी इसी अद्वितीय क्षमता के कारण उन्होंने अब तक लगभग 35 हजार सांपों को बचाया है। सांपों के प्रति जितेंद्र सारथी का लगाव इतना गहरा हो गया कि सांपों को पकडक़र बचाना उनका शौक बन गया। आज कोरबा ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में उन्हें ‘स्नेक मैन’ के नाम से पहचान मिली है। आए दिन जहरीले सांप जंगलों से भटककर रिहायशी इलाकों में प्रवेश कर जाते हैं। ऐसे में मनुष्य और सांप का टकराव होना स्वाभाविक है और इस टकराव में दोनों में से किसी एक को नुकसान पहुंचना तय है, लेकिन कोरबा में स्नेक रेस्क्यू टीम द्वारा जागरूकता फैलाने के बाद से लोग अब सांपों को मारने के बजाय सर्पमित्रों को सूचित करते हैं। ये सर्पमित्र सांपों को पकडक़र वापस जंगल में छोड़ देते हैं। जितेंद्र सारथी का दावा है कि उन्होंने अब तक 35 हजार सांपों को रेस्क्यू करके सुरक्षित जंगलों में पहुंचाया है। उन्होंने 10 साल की उम्र में पहली बार एक कोबरा सांप पकड़ा था। इसके बाद से ही उन्हें जीव-जंतुओं के प्रति विशेष लगाव महसूस होने लगा और तभी से उन्होंने निस्वार्थ भाव से सांपों का रेस्क्यू करना शुरू कर दिया। जिले के लोग अब काफी जागरूक हो गए हैं। उन्हें कहीं भी सांप दिखाई देने पर वे तुरंत रेस्क्यू के लिए सूचना देते हैं।
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इन सांपों का किया रेस्क्यू
जितेंद्र ने कहा कि जैसे ही उन्हें कहीं सांप निकलने की सूचना मिलती है, वह वन विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंचते हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करते हैं। उनके अनुसार बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा सांपों का रेस्क्यू किया जाता है। उन्होंने किंग कोबरा जैसे सबसे बड़े विषधारी सांपों सहित इंडियन कोबरा, रैट स्नेक, स्पेक्टबल कोबरा, इंडियन पाइथन, सामान्य करैत, वुल्फ स्नेक, बैंडेड करैत, सेंड बोवा, कुकरी, लिजर्ड, ट्री स्नेक जैसी कई प्रजातियों के सांपों का रेस्क्यू किया है। उनके इस सराहनीय कार्य के लिए उन्हें कई बार सम्मानित भी किया गया है।