बिहार सरकार की बड़ी सौगात, केंद्र की तर्ज पर राज्य कर्मियों को भी मिलेगा…

बिहार सरकार ने केंद्रीय कर्मियों की तर्ज पर राज्य सरकार के सभी वर्ग के कर्मियों और पेंशनधारकों के महंगाई भत्ता (डीए) में बढ़ोतरी कर दी है. डीए को 55 प्रतिशत से बढ़ाकर 58 प्रतिशत कर दिया गया है. इसका निर्णय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई राज्य कैबिनेट की विशेष बैठक में लिया गया. कैबिनेट में लिए निर्णयों की जानकारी मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने सूचना भवन के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान दी.
उन्होंने बताया कि बिहार कैबिनेट में 129 प्रस्तावों पर मुहर लगी. इसमें कई विभागों में बहाली से संबंधित प्रस्ताव से लेकर सड़क निर्माण समेत कई अहम एजेंडे शामिल हैं.अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सरकारी कर्मियों के साथ ही पेंशनधारकों को बढ़े हुए डीए का लाभ 1 जुलाई 2025 के प्रभाव से मिलेगा. इस बढ़ोतरी से राज्य सरकार के खजाने पर 917 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा.
मुख्यमंत्री की घोषणाओं को पहनाया गया अमलीजामा
– मुख्यमंत्री बालक/बालिका छात्रवृत्ति योजना के तहत राशि में बढ़ोतरी करते हुए 1800 रुपये वार्षिक से बढ़ाकर 3600 कर दी गई है. यह वार्षिक बढ़ोतरी क्लास 9 से 10 तक के लिए की गई है. इसी तरह क्लास 1 से 4 तक के लिए 600 रुपये से बढ़ाकर 1200 वार्षिक, 5 से 6 क्लास के लिए 1200 से 2400 रुपये और क्लास 7 एवं 8 के लिए 1800 से बढ़ाकर 3600 रुपये वार्षिक कर दी गई है.
– सात निश्चय के तहत आर्थिक हल युवाओं को बल के अंतर्गत मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना के तहत अब स्नातक उतीर्ण को शामिल करते हुए 1 हजार रुपये मासिक दो वर्षों तक स्वयं सहाय भत्ता दिया जाएगा. पहले यह राशि सिर्फ इंटर पास युवाओं को ही दी जाती थी.
– अधिवक्ताओं को तीन वर्ष तक 5 हजार रुपये महीने स्टाइपन देने पर कैबिनेट की मुहर लगाई. 1 जनवरी 2024 को या इसके बाद नामांकित अधिवक्ताओं को यह राशि दी जाएगी.
– राज्य के अधिवक्ता संघों को ई-लाइब्रेरी स्थापित करने के लिए 5 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी. इसके लिए बिहार अधिवक्ता कल्याण न्यास समिति को एकमुश्त सहायता के लिए 30 करोड़ रुपये दी जाएगी. इसके लिए समग्र नीति तैयार की गई है.
– बिहार स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए अहम संशोधन किए गए हैं. इसके तहत मुख्य बिन्दुओं में अधिकतम 4 लाख रुपये का शिक्षा ऋण को ब्याज रहित कर दिया गया है. साथ ही 2 लाख रुपये तक के ऋण के भुगतान के लिए समयावधि को 60 महीने से बढ़ाकर 84 महीने कर दी गई है. इसके अलावा 2 लाख रुपये से अधिक के शिक्षा ऋण की देय अवधि को 84 महीने से बढ़ाकर 120 महीने कर दी गई है. लाभुक की मृत्यु होने की स्थिति में बची हुई राशि का ऋण माफ कर दिया जाएगा.
– महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के तहत कार्यरत शिक्षा सेवक या तालिमी मरकज तो प्रतिवर्ष दी जाने वाली राशि को 3405 रुपये से बढ़ाकर 12 हजार रुपये कर दी गई है. स्मार्ट फोन खरीदने के लिए 10 हजार रुपये दिए जाएंगे.
– आपात सहायक तंत्र (ईआरएसएस) परियोजना के तहत चलने वाले वाहनों के परिचालन कार्य के लिए आर्मी वेलफेयर प्लेसमेंट ऑर्गनाइजेशन एजेंसी से सेना के रिटायर्ड चालकों की स्वीकृत मानदेय की राशि को 25 हजार 750 रुपये से बढ़ाकर 30 हजार रुपये मासिक करने की स्वीकृति दी गई है.
– अनुसूचित जाति एवं जनजाति के तहत बहाल विकास मित्रों को टैबलेट खरीदने के लिए 25 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी. इसके लिए 24 करोड़ 54 लाख 25 हजार रुपये स्वीकृत किए गए हैं. 1 सितंबर 2025 के प्रभाव से परिवहन भत्ता एवं स्टेशनरी भत्ता में भी बढ़ोतरी करते हुए इसे क्रमशः 1900 से 2500 तथा 900 से 1500 रुपये कर दी गई है.
– शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान सुदृढ़ करने के लिए संविदागत एएनएम कर्मियों का मानदेय 11,500 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रतिमाह करने और 5 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि का प्रावधान करने की स्वीकृति दी.
इन स्थानों पर होगी इतनी बहाली
– राष्ट्रीय डॉल्फिन शोध केंद्र, पटना के संचालन के लिए 45 पद का सृजन किया गया है.
– संजय गांधी जैविक उद्यान में वन जीवों के प्रबंधन, देखभाल एवं संपदाओं की देखभाल के लिए 172 पद की स्वीकृति
– वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रशासकीय प्रबंधकीय तंत्र को मजबूत करने के लिए, वाणिकी कार्यों के नियंत्रण एवं जन समुदाय से बेहतर समन्वय के लिए संबंधित 9 नए वन प्रमंडल का सृजन किया गया है. इनमें 927 पदों को स्वीकृति किया गया है.
– वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के तहत सचिवालय एवं संबंधित कार्यालयों में 78 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है.
– अग्निशमन मुख्लाय में बिहार सचिवालय सेवा, बिहार सचिवालय आशुलिपिकीय सेवा, बिहार सचिवालय लिपिकीय सेवा तथा कार्यालय परिचारी/परिचारी के 42 पदों का सृजन किया गया है.
– बेल्ट्रॉन में सेवानिवृत लिपिक के 40 पद और संविदा आधारित कंप्यूटर ऑपरेटर के 40 पद का सृजन किया गया है.
– बिहार सिविल कोर्ट, कोर्ट मैनेजर (चयन, नियुक्ति एवं अन्य सेवा शर्त) नियमावली 2025 की स्वीकृति का निर्णय लिया गया है.
– राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) में फॉलोअर श्रेणी के तहत पहले से स्वीकृत 177 पदों के अतिरिक्त 73 नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है.
– गव्य विकास निदेशालय अंतर्गत गैर योजना मद में 9 जिलों में नए जिले गव्य विकास कार्यालय की स्थापना एवं विभिन्न कोटि के 72 नए पदों का सृजन की स्वीकृति.
– संग्रहालय निदेशालय (मुख्यालय) तथा अन्य राजकीय संग्रहालयों को सुचारू रूप से चलाने के लिए विभिन्न कोटि के 139 नए पदों का सृजन किया गया है.
हवाई अड्डा का अध्ययन के लिए राशि जारी
राज्य सरकार ने मोतिहारी, छपरा एवं भागलपुर में हवाई अड्डा का पूर्व व्यवहार्यता अध्ययन (प्री फिजिब्लिटी स्टडी) के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से कराने तथा इनका चयन कराने के लिए 1 करोड़ 21 लाख 58 हजार रुपये स्वीकृति दी गई है. भागलपुर के सुल्तानगंज के तहत ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा के निर्माण के लिए 931 एकड़ भूमि अर्जित करने के लिए 472 करोड़ 12 लाख रुपये की प्राशसनिक स्वीकृति दी गई है. सहरसा में हवाई अढ्डा के रनवे विस्तार के लिए 12.08 एकड़ जमीन अर्जित करने के लिए 147 करोड़ 76 लाख रुपये मुआवजा राशि की स्वीकृति दी गई है.
कैबिनेट की अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं
– कैबिनेट ने पेंशनधारियों के वार्षिक जीवन प्रमाणीकरण को सरल बनाने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर ई-गवर्नेन्स सर्विसेस इंडिया लिमिटेड को इसके सत्यापन स्थल के तौर पर चयनित करने का निर्णय लिया, जिससे पेंशनधारी निकटतम कॉमन सर्विस सेंटर पर मुफ्त प्रमाणीकरण करा सकेंगे.
– बिहार प्रशासनिक सेवा नियमावली 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई है.
– मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण छात्र योजना संबल के अंतर्गत बैट्री चालित ट्राइसाइकिल के प्रावधानों तथा कृत्रिम अंग, सहायक उपकरण के प्रकार एवं उनकी संख्या में विस्तारीकरण एवं प्रावधानों में संशोधन किया गया है. इसके लिए 8 करोड़ 11 लाख 57 हजार रुपये की अतिरिक्त स्वीकृति दी गई है.
साइबर अपराध एवं सुरक्षा इकाई का हुआ गठन
राज्य में साइबर अपराध के तेजी से बढ़ते मामलों की समुचित तरीके से जांच करने और संबंधित अपराधियों को सजा दिलाने के लिए एक अलग साइबर अपराध एवं सुरक्षा इकाई का गठन किया गया है. वर्तमान में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के अंतर्गत कार्यरत इस इकाई को अलग कर दिया गया है. यह सीधे पुलिस मुख्यालय के अधीन काम करेगा. इसके संचालन के लिए 23 नए पदों का सृजन किया गया है और पूर्व से सृजित एवं विमुक्त विभिन्न कोटि के 321 पदों को कर्णांकित तथा 207 पदों को हस्तांतरित किए जाने की स्वीकृति दी गई है.
इसके अलावा किसी तरह की अपराधिक गतिविधि से जमा की गई अपराधियों या भ्रष्टचारियों के स्तर पर जमा की गई संपत्ति को जब्त करने के लिए नए कानून के तहत विस्तृत प्रक्रिया निर्धारित की गई है. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत नियमावली का गठन किया गया है. बिहार में आपराधिक न्यायालयों और दंडाधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत की गई संपत्ति जब्ती के प्रस्तावों पर विचारण, जांच और अन्वेषण करने के लिए खास नियमावली तैयार की गई है. ताकि संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया को तेज किया जा सके.
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