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केएन कालेज के विद्यार्थियों ने देश-प्रदेश में हासिल किया मुकाम, कमला नेहरु महाविद्यालय में दीक्षारंभ समारोह का किया गया आयोजन

कोरबा। आज समय है पढऩे का, कुछ करने का है। कॉलेज के ये सुनहरे दिन एक बार गुजर गए तो कभी वापस लौटकर नहीं आएंगे। एक विद्यार्थी होने के नाते आपको जीवन में कौन सा लक्ष्य प्राप्त करना है, इसका फैसला तो आप करेंगे पर आपको आपके लक्ष्य की ओर अग्रसर करने कमला नेहरु महाविद्यालय हर संभव प्रयास सतत करता रहेगा, ऐसा मेरा विश्वास है। यह कोरबा का सबसे पुराना महाविद्यालय है, जहां स्कूल के दिनों में हम घूमने आया करते थे। उस दौर में यहां से डिग्री लेकर निकलने वाले बड़ी संख्या में ऐसे नागरिक हैं, जिन्होंने देश-प्रदेश में एक मुकाम हासिल किया, कोरबा और छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया। आपको भी अपने लक्ष्य के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी और अपने शिक्षक-प्राध्यापक से जुड़े रहकर उनके पूछना और सीखते रहना होगा। जब आप यहां से निकलकर किसी बड़े मुकाम पर पहुंच जाएंगे, आपको स्मरण किया जाएगा और इसी प्रांगण में आपका भी नाम बार-बार दोहराया जाएगा। उक्त बातें कमला नेहरु महाविद्यालय कोरबा में आयोजित दीक्षारंभ समारोह के मुख्य अतिथि रहे भाजपा जिला कोषाध्यक्ष गोपाल मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के विषय पर छात्र-छात्राओं व उनके पालकों को मार्गदर्शन प्रदान करते हुए कही। सर्वप्रथम वंदनगान के साथ विद्या की देवी मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम शुरु किया गया। इसके बाद सभी ने छत्तीसगढ़ के राजगीय गीत अरपा-पैरी के धार का सामूहिक गान किया।महाविद्यालय समिति के वरिष्ठ सदस्य एवं समाजसेवी श्री मोदी ने अपने छात्र जीवन के अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब हम स्कूल से कॉलेज गए, उस समय बच्चों का स्वागत रैगिंग से होता था। बहुत बार ऐसा होता था, जब बच्चे डिप्रेशन में आ जाते थे। माता-पिता डर में होता था कि कैसे हमारा बच्चा कॉलेज में पढ़ाई करता होगा। हमने भी रैगिंग सहा है पर आज के दौर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के रुप में जो सकारात्मक बदलाव आया है, कि माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर निश्चिंत रहें। उनका तिलक लगाकर स्वागत कर रहे हैं। कॉलेज परिवार उन पर पुष्पवर्षा कर अभिनंदन कर रहे हैं और आपस में उनका परिचय हो रहा है। आज जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बूते जो सबसे बड़ा बदलाव है वह यह है कि आप सभी विषय को पढ़ सकते हैं। पुराने समय में अगर आट्र्स लिया तो साइंस या कॉमर्स नहीं पढ़ सकते थे। आज इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति में परिवर्तन हुआ है। विद्यार्थी चाहें तो विज्ञान के साथ कॉमर्स या आर्ट्स के विषय भी पढ़ सकते हैं। हमें अपने सांस्कृतिक धरोहर को जानना-समझना और जीवन में शामिल करना है, आत्मसात करना है। मंचस्थ अतिथियों में प्रमुख रुप से श्री मोदी, कमला नेहरु महाविद्यालय समिति के अध्यक्ष किशोर शर्मा, सहसचिव उमेश लाम्बा एवं प्राचार्य डॉ प्रशांत बोपापुरकर मौजूद रहे।
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एमएसडब्ल्यू कोर्स शुरु कराने किया जा रहा प्रयास-किशोर शर्मा
कमला नेहरु महाविद्यालय समिति के अध्यक्ष किशोर शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थी के पास असीमित ज्ञान, असीमित भाषा होगी और असीमित तौर पर आप अपने व्यक्तित्व को निखार पाने में सक्षम बन सकेंगे। विद्यार्थी जितनी ज्यादा गंभीरता से गहन अध्ययन करेंगे, देश का अच्छा और जिम्मेदार नागरिक बनने का लक्ष्य मिल सकेगा। इस महाविद्यालय में बीबीए की सीटें बढक़र 45 हो गई हैं। अभी इस विषय में 30 सीटें हैं। इसी तरह पीजीडीसीए में सीट वृद्धि हुई है और दोनों विषयों पर शासन से आदेश भी आ चुका है। इसके अलावा दस सीट वाले एमएससी प्राणीशास्त्र में बढ़ाकर 30 सीट किए जाने और नए कोर्स के रुप में एमएसडब्ल्यू शुरु कराने के प्रयास भी चल रहे हैं। उम्मीद है कि आगामी दिनों में शासन से आदेश प्राप्त हो जाएगा।

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