निलंबित प्रधानपाठक को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत- भारत संपर्क
निलंबित प्रधानपाठक को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत
कोरबा। कूटरचित अंकसूची प्रस्तुत कर शिक्षक की नौकरी करने के मामले में निलंबित प्रधानपाठक को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने निलंबन आदेश पर स्थगन आदेश दिया है । जिसके बाद डीईओ ने प्रधानपाठक के प्रकरण में हाईकोर्ट से अंतिम आदेश आने तक निलंबित प्रधानपाठक को बहाल कर दिया है। बता दें कि 25 जून को जिला शिक्षाधिकारी ने कोरबा ब्लाक के चार शिक्षको निलंबित किया था। इस कार्रवाई से व्यथित निमेष कौशिक ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने सबूतों के आधार पर कार्रवाई पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट के आदेश पर डीईओ ने निमेष कौशिक को बहाल कर दिया है। पिछले डेढ़ दशक से भी अधिक समय से शिक्षक की गरिमापूर्ण नौकरी कर बच्चों को सच्चाई का पाठ पढ़ाने वाले एक प्रधान पाठक समेत चार शिक्षकों के खिलाफ फर्जीवाड़े का आरोप लगा था। शिकायत थी कि इन्होंने नौकरी पर ज्वाइनिंग के वक्त 12वीं की जो अंकसूची विभाग में प्रस्तुत की, उसके अंक सेवा पुस्तिका में दर्ज जानकारी से अलग है। विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने नोटिस जारी कर इस गड़बड़ी का जवाब मांगा। स्पष्टीकरण संतोषप्रद न मिला, जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने चारों को निलंबित कर दिया था। खंड शिक्षा अधिकारी कोरबा की ओर से यह स्पष्टीकरण शासकीय प्राथमिक शाला करमंदी के प्रधान पाठक मिनेश कौशिक, विनोद निराला, राम लाल जांगड़े व दिलीप कुर्रे को जारी किया गया था। प्राथमिक जांच के बाद सामने आए तथ्यों के आधार पर इन सभी को डीईओ टीपी उपाध्याय ने सस्पेंड कर दिया था।