दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही मानसिक रोगियों की संख्या – भारत संपर्क
दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही मानसिक रोगियों की संख्या
कोरबा। शहर में दिन-ब-दिन मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। परिजन इलाज नहीं कराने की स्थिति में घर से बाहर निकाल दे रहे हैं। चौक-चौराहों और सडक़ों पर ऐेसे रोगियों की जिंदगी कट रही है। कई बार रोगी हिंसक रुप लेते हुए हमला करने से भी बाज नहीं आते। तो कभी आम लोगों के गुस्से का शिकार भी इन्हें होना पड़ता है। शहर में जगह-जगह ऐसे मानसिक रोगी दिख जाएंगे जो बिना कपड़ों के भूख प्यास से तड़पते हुए पड़े होते हैं। पिछले कुछ महीनों में तेजी से इनकी संख्या बढ़ी है। इसके पीछे की वजह बताई जा रही है कि दुर्घटनावश या फिर दिमागी स्थिति खराब हो जाने पर परिजन कुछ दिन तक तो इलाज कराते हैं, फिर इलाज कराने में असमर्थता जताते हुए घर से निकाल देते हैं। बहुत सारे ऐसे मानसिक रोगी भी शहर में हैं जिनका इलाज तक शुरु नहीं हुआ है। परिवार की माली हालत ठीक नहीं होने पर इलाज कराने की हिम्मत भी नहीं उठाते। ऐसे मानसिक रोगियों से जहां आम लोगों को भी खतरा है तो वहीं आम लोगों से रोगियों को भी खतरा है। ये कभी भी उग्र हो जाते हैं, तो इन्हें भगाने के लिए लोग भी कोई कसर नहीं छोड़ते। बिना कपड़ों के ये सार्वजनिक स्थानों पर घूमते रहते हैं। इससे बच्चे और महिलाएं भी असहज हो जाते हैं। जिन मानसिक रोगियों का इलाज सही तरीके से कराया जा रहा है वे ठीक भी हो रहे हैं। बस उन्हें सही इलाज इलाज की जरुरत है। खुले-बिखरे बाल, फटे कपड़ों के साथ मानसिक रोगी कभी भी सडक़ों पर गाडिय़ों के सामने दौड़ जाते हैं। इससे आम लोग भी परेशान हो रहे हैं। कई बार दुकानों, शोरुम, एटीएम और होटलों के भीतर तक प्रवेश कर जाते हैं।