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रविवार से एक माह के लिए थम जाएगी शहनाइयों की गूंज, 15 दिसंबर से खरमास की हो रही शुरुआत
कोरबा। 15 दिसंबर से खरमास की शुरुआत होने वाली है, इस दिन रात 10 बजकर 19 मिनट पर सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करेंगे, जिसका समापन साल 2025 में मकर सक्रांति के दिन होगा। इसी के साथ शहनाइयों की गूंज अब थमने वाली है।ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस बार 15 दिसंबर की रात 10:19 बजे भगवान सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास लग जाएगा। इसके साथ ही एक माह के लिए सभी मांगलिक व शुभ कार्य रुक जाएंगे। 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास की अवधि समाप्त हो जाएगी। खरमास के समय भगवान विष्णु व भगवान शंकर की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि दान-पुण्य करने से हमारे अच्छे कर्म बढ़ते हैं और इसका फल हमें मृत्यु के बाद भी मिलता है। खासतौर पर खरमास में जब शुभ काम करने की मनाही होती है तब दान-पुण्य जरूर करना चाहिए। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों के राजा सूर्यदेव जब भी गुरु की राशि धनु या मीन में प्रवेश करते हैं, तो खरमास लगता है। यह समय साल में दो बार आता है, जिसकी अवधि एक माह की होती हैं। खरमास में सूर्यदेव का तेज कम होता है, जिस कारण पृथ्वी पर भी उनका तप कम पड़ता है।सूर्य की स्थिति कमजोर होने के कारण घरों में शादी-विवाह, सगाई और ग्रह प्रवेश जैसे अन्य मांगलिक कार्यों पर भी रोक लगा दी जाती है। हिंदू धर्म में सूर्य के प्रभाव को बेहद शुभ माना गया है, उनकी कृपा से व्यक्ति के यश, सौभाग्य, सुख-समृद्धि और प्रभाव में वृद्धि होती हैं। इसलिए खरमास में भी सूर्य उपासना करनी चाहिए। इससे कुंड़ली में उनकी स्थिति मजबूत होती हैं, साथ ही साधक को करियर, व्यापार और नौकरी में मनचाहे परिणाम हासिल होते हैं।