*जनपद सदस्य से दुर्व्यवहार पर बवाल : जनपद उपाध्यक्ष ने तहसीलदार सन्ना रोशनी…- भारत संपर्क
 
                जशपुर, 30 अक्टूबर 2025। सन्ना तहसील की महिला तहसीलदार एक बार फिर विवादों में हैं। जनपद सदस्य राकेश गुप्ता के साथ कथित दुर्व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होते ही मामला तूल पकड़ चुका है। वीडियो में तहसीलदार को जनप्रतिनिधि से तीखे लहजे में बात करते और गुस्से में नसीहत देते हुए देखा जा सकता है। हालांकि इस वीडियो की पुष्टि ग्राउंड ज़ीरो ई न्यूज़ नहीं करता है। तहसीलदार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
जानकारी के अनुसार, यह विवाद हाल ही में एक जमीन मामले के दौरान हुआ, जब जनपद सदस्य राकेश गुप्ता तहसीलदार से चर्चा करने पहुंचे थे। इसी दौरान दोनों के बीच कहासुनी बढ़ गई और माहौल तनावपूर्ण हो गया। राकेश गुप्ता का कहना है कि तहसीलदार ने जनप्रतिनिधि के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया, जो अस्वीकार्य है।
जनपद उपाध्यक्ष अरविंद गुप्ता की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई
इस विवाद पर जनपद उपाध्यक्ष बगीचा अरविंद गुप्ता ने व्हाट्सऐप ग्रुप BDC जनपद पंचायत परिवार बगीचा में तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे पूरे जनपद के प्रतिनिधियों का अपमान बताया और तहसीलदार को तत्काल निलंबित करने की मांग की है।
> 🔥 जनपद की गरिमा पर हमलाबर्दाश्त नहीं! 🔥
हमारे जनपद सदस्य श्री राकेश गुप्ता जी के साथ सन्ना तहसीलदार रोशनी तिर्की द्वारा किया गया दुर्व्यवहार, धमकी और आदिवासी एक्ट में फंसाने का प्रयास निंदनीय है और जनता एवं जनपद के सभी चुने हुए निर्वाचित प्रतिनिधियों का अपमान है।
हम जनता की सेवा के लिए चुने गए प्रतिनिधि हैं — हमें कोई भी अधिकारी ऊँची आवाज़ में बात करने या डराने की हिम्मत नहीं कर सकता। यह केवल राकेश गुप्ता जी का नहीं, बल्कि पूरे बगीचा जनपद के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का अपमान है।
अब समय आ गया है कि हम सब बगीचा के अध्यक्ष उपाध्यक्ष समस्त DDC एवं समस्त BDC सदस्य और सरपंच उपसरपंच जनपद प्रतिनिधि एकजुट होकर तहसील सन्ना का घेराव करें और तहसीलदार रोशनी तिर्की को तुरंत निलंबित (सस्पेंड) करने की मांग करें।
आज यह घटना हमारे साथी के साथ हुई है — कल हमारे ऊपर एवं किसी और जनप्रतिनिधि के साथ भी हो सकती है!
इसलिए एकजुट रहकर अपने सम्मान और अधिकार की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाना अनिवार्य है।” – अरविंद गुप्ता,उपाध्यक्ष जपं बगीचा
यह पहला मौका नहीं है जब तहसीलदार सन्ना विवादों में आई हों। विश्वसनीय सूत्रों ने यह भी बताया कि बगीचा में पदस्थापना के दौरान भी उन पर पटवारियों ने निजी कामों और राशन की मांग करने जैसे आरोप लगाए थे। उस समय भी यह मामला चर्चा में रहा था और उनकी कार्यशैली पर सवाल उठे थे। बाद में अधिवक्ता संघ द्वारा उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया था। सूत्रों के मुताबिक, तहसील के कर्मचारियों ने भी कुछ समय पहले दुर्व्यवहार की शिकायत की थी, जिसे जिला स्तर पर सुलझाया गया था।
इस ताज़ा घटनाक्रम ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है। कई संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। राकेश गुप्ता ने कहा कि “किसी भी अधिकारी को जनता के प्रति जवाबदेह रहना चाहिए, न कि अहंकारपूर्ण व्यवहार करना चाहिए।”
सोशल मीडिया पर भी तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठ रही है। फेसबुक पर कई यूजर्स ने जिला प्रशासन से तुरंत जांच की मांग की है।
बहरहाल,जनप्रतिनिधि के साथ दुर्व्यवहार के आरोप के बाद अब नज़र जिला प्रशासन पर टिकी है। फिलहाल कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन वायरल वीडियो और बढ़ते जन असंतोष को देखते हुए संभावना है कि जल्द ही इस मामले पर जांच या कार्रवाई की घोषणा की जा सकती है।

 
                                             
                                             
                                             
                                         
                                        