VIDEO: दुनिया का अनोखा गांव, जहां के लोग देख सकते हैं भविष्य, पढ़ लेते हैं किसके मन…


इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर बादुई जनजाति का अनोखा गांवImage Credit source: Instagram/@khan.isa
दुनिया में कई जगहें ऐसी हैं, जो अपने अनोखेपन के लिए जानी जाती हैं. इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर बादुई जनजाति (Indonesia Baduy Tribe) का ऐसा ही एक अनोखा गांव है. यह गांव नक्शे पर तो दिखाई देता है, लेकिन बाहरी दुनिया से अलग-थलग है. इस गांव में मोबाइल फोन, रेडियो या बिजली जैसी कोई चीज नहीं है. यहां रहने वाले बादुई लोगों को ‘धरती का पहला इंसान’ कहा जाता है. इस जनजाति के लोगों की खास बात यह है कि इनके धर्मगुरुओं के पास अलौकिक शक्तियां हैं. वे किसी के मन में क्या चल रहा है, बड़ी आसानी से पढ़ सकते हैं. इतना ही नहीं, किसी का भविष्य भी बता सकते हैं.
ट्रैवल व्लॉगर ईसा खान ने सोशल मीडिया पर हाल ही में इस गांव से जुड़ा एक वीडियो शेयर किया है. इसमें वह बादुई लोगों के जीवन और उनकी शक्तियों का इतिहास बता रहे हैं. वीडियो में दी गई जानकारी देखकर लोग हैरान हैं. बादुई लोगों के बारे में कहा जाता है कि वे सीधे ईश्वर से संवाद कर सकते हैं. आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं.
बादुई जनजाति, बांतेन प्रांत के कंधारसी गांव के पास रहती है. यह 12,000 लोगों का एक समूह है, जो सुंडानी भाषा बोलते हैं. वे खुद को दुनिया के पहले इंसान के तौर पर खुद को मानते हैं, इसलिए वे प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाकर रहना पसंद करते हैं.
व्लॉगर ईसा खान ने बताया कि बादुई जनजाति में शिक्षा, शराब, चप्पल पहनना, पानी का बहाव बदलना और चौपाया पशुओं को पालना वर्जित है. इसके अलावा हत्या, चोरी, झूठ बोलना, नशा करना, रात में खाना, गाड़ी चलाना, फूल या इत्र लगाना, सोना या चांदी स्वीकार करना, पैसे छूना या बाल कटवाने पर गांव से निकाले जाने जैसी सख्त सजा का प्रावधान है.
उन्होंने आगे बताया कि बादुई समुदाय दो भागों में बंटा हुआ है. एक बाहरी बादुई है, जहां आधुनिकीकरण ने घुसपैठ कर ली है और दूसरा आंतरिक बदुई, जहां अभी भी परंपराओं का सख्ती से पालन किया जाता है. यहां बाहरी लोगों को आंतरिक बादुई में प्रवेश की अनुमति नहीं है.
कहते हैं कि आंतरिक गांव में लगभग सभी लोगों में किसी के मन को पढ़ने और भविष्य देखने की अद्भुत क्षमता है! ‘पुउन’ नामक धार्मिक नेताओं के पास अलौकिक शक्तियां मानी जाती हैं. इससे वे मन को पढ़ सकते हैं. भविष्यवाणी कर सकते हैं, और किसी का भाग्य बदल सकते हैं. बाहरी लोगों को उनके अनुष्ठानों को देखने की अनुमति नहीं है.
इन अनुष्ठानों के माध्यम से वे प्रकृति की पूजा करते हैं. अपने पूर्वजों को याद करते हैं. बादुई लोगों की मान्यताएं सांगा सारी (सुंडानी हिंदू) परंपरा से ली गई हैं, जहां प्रकृति को दिव्यता प्रदान की जाती है. ये लोग सफेद कपड़े पहनते हैं. लंबे बाल रखते हैं. ये लोग लकड़ी के औजारों से खेती करते हैं. कृषि से चावल और मक्का उगाते हैं. इसके अलावा जंगल से फल और सब्जियां इकट्ठा करना उनकी आजीविका का मुख्य साधन है.