जंग नहीं, सुकून चाहिए…आखिर क्यों वेनेजुएला के राष्ट्रपति मादुरो ने की शांति की… – भारत संपर्क
निकोलस मादुरो
अमेरिका और वेनेज़ुएला के बीच तनाव एक बार फिर खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से वेनेज़ुएला के खिलाफ गुप्त कार्रवाई की मंजूरी देने के बाद, दोनों देशों के बीच हालात तेजी से बिगड़ते दिख रहे हैं. ट्रंप ने अपनी बयानबाजी भी तेज कर दी है.
इस बीच, वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने अंग्रेजी में अपील करते हुए कहा कि, नो क्रेजी वॉर, प्लीज़! यानी पागलपन भरी जंग नहीं, शांति चाहिए. लेकिन सवाल यह है कि आखिर मादुरो को यह अपील क्यों करनी पड़ी?
अमेरिकी दबाव में हैं मादुरो
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अमेरिका के सबसे ताकतवर बमवर्षक विमान B-1B लांसर को वेनेज़ुएला के नजदीक भेजकर शक्ति प्रदर्शन किया. ये विमान टेक्सास के डाइएस एयरफोर्स बेस से उड़ान भरकर वेनेज़ुएला की सीमा तक पहुंचे. हर B-1B विमान करीब 75,000 पाउंड बम ले जाने में सक्षम है. यानी एक उड़ान ही पूरे शहर को तबाह करने की ताकत रखती है.
हालांकि ट्रंप ने इन उड़ानों से इनकार किया है, लेकिन Flightradar24 के डेटा ने कुछ और ही कहानी बताई. विमान वेनेज़ुएला की हवाई सीमा के बेहद करीब तक पहुंचा था. अमेरिकी पक्ष का दावा है कि ये मिशन एंटी-नारकोटिक्स यानी नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए थे, लेकिन कराकस का कहना है कि यह सब सरकार बदलने की साजिश का हिस्सा है.
मादुरो की शांति की पुकार
बढ़ते दबाव के बीच मादुरो ने गुरुवार को एक यूनियन बैठक में शांति की अपील की. उन्होंने कहा- यस पीस, यस पीस फॉरएवर… नो क्रेजी वॉर, प्लीज़! मादुरो का कहना है कि अमेरिका की कार्रवाई उनके देश की संप्रभुता पर हमला है. वहीं वेनेज़ुएला के रक्षा मंत्री व्लादिमीर पाद्रीनो ने भी चेतावनी दी कि CIA की किसी भी गुप्त कार्रवाई को असफल कर दिया जाएगा.
अमेरिका कर रहा है ग्राउंड ऑपरेशन की तैयारी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब खुलकर संकेत दिए हैं कि वेनेज़ुएला में जल्द ही जमीनी कार्रवाई की जा सकती है. ट्रंप के हालिया बयानों से यह साफ झलक रहा है कि अमेरिका, निकोलस मादुरो की सरकार को गिराने की तैयारी में है. अमेरिकी सेना हाल के हफ्तों में लगातार कैरिबियन क्षेत्र में सक्रिय दिख रही है. पहले B-52 और अब B-1B बमवर्षकों की उड़ानें यह संकेत दे रही हैं कि अमेरिका पूरी तैयारी में है.
दूसरी ओर, सितंबर से शुरू हुई अमेरिकी हवाई और नौसैनिक कार्रवाइयों में अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है. इन हमलों में अमेरिका ने आठ नावों और एक सेमी-सबमर्सिबल पोत को निशाना बनाया है, लेकिन अब तक कोई ठोस सबूत नहीं दिया गया कि वे ड्रग तस्करी से जुड़े थे.
