कानपुर में बढ़ा यमुना का जलस्तर, गांवों में घुसा पानी, अरहर-मक्का की फसलों … – भारत संपर्क

कानपुर के कई गांव बाढ़ की चपेट में
कानपुर के घाटमपुर सजेती के कई गांव यमुना नदी में जल स्तर बढ़ने से बाढ़ ग्रस्त हो गए हैं. यहां यमुना का जलस्तर 3 मीटर बढ़ जाने से गांवों में पानी घुस गया है, जिसके चलते लोगों को अपने मकान छोड़कर गांंव से निकलना पड़ रहा है. लोग गांव से अपनी घर गृहस्ती का सामान किसी तरीके से बचकर बाहर जा रहे हैं. कोई गांव के बाहर टीन का कमरा बनाकर रहने को मजबूर है, तो कोई मंदिर में शरण लिए हुए है.
कानपुर जिला प्रशासन द्वारा बनाई गई बाढ़ राहत चौकी में भी कुछ लोग पहुंच रहे हैं. शनिवार को सजेती के महुआपुर गांव में अपने घर से सामान लेकर सुरक्षित जगह जा रहे एक परिवार का ढाई साल का मासूम अचानक घर के पीछे दरवाजे से बाहर निकल गया. फिर वो बाढ़ के पानी में बह गया. इसके बाद उसको परिवार वाले ढूंढते रहे.
दो हजार से अधिक लोग प्रभावित
करीब 2 घंटे बाद बच्चा पानी में उतराता मिला, जिसके बाद परिवार वाले उसे लेकर पास के हमीरपुर के अस्पताल गए, जहां पर डॉक्टर ने मासूम का इलाज किया. उसके शरीर में भरा पानी निकाला, लेकिन उसकी हालत नाजुक बनी रही, जिसके चलते आज उसे कानपुर के जिला अस्पताल में रेफर कर दिया गया है. गांवों में आई बाढ़ के कारण दो हजार से अधिक लोग प्रभावित हैं.
कच्चे मकान वालों ने अपने घरों से पलायन कर लिया है. वहीं कुछ पक्के मकान वाले उसकी दूसरी मंजिल पर बने हुए हैं. उनको जिला प्रशासन सुरक्षित स्थान पर जाने को बोल चुका है. बाढ़ के कारण किसानों की अरहर और मक्का जैसी फसलें पूरी तरीके से बर्बाद हो चुकी हैं. एक ओर लाखों का नुकसान तो दूसरी और घर में भरे पानी में किसान परिवार अपनी गृहस्ती समेट रहे हैं.
लोगों की आवाजाही मुश्किल
गांव के संपर्क मार्ग में पानी भरने से लोगों की आवाजाही भी मुश्किल हो गई है. हजारों बीघा फसल पानी में डूबी हुई है. यमुना के तटवर्ती गांव कटरी, गड़ाथा, आमिरते पुर, हरदौली, मऊ, नखत अकबरपुर बीरबल सहित कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं. गांव में मौजूद पशुओं को भी सुरक्षित निकाला जा रहा है. उन्हें भी सुरक्षित स्थान तक पहुंचा जा रहा है.
इसी बीच सांसद देवेंद्र सिंह भोला और घाटमपुर के एसडीएम अविचल प्रताप सिंह ने बाढ़ राहत सामग्री ले जाकर ग्रामीणों में वितरित की. सांसद ने एसडीएम से ग्रामीणों की हर संभव मदद के आदेश दिए हैं. साथ ही पानी उतरने के बाद संपत्ति और फसलों के नुकसान का आकलन कर उन्हें रिपोर्ट भेजने को कहा है. देवेंद्र सिंह भोले ने कहा कि किसानों और ग्रामीणों को उनके नुकसान का उचित मुआवजा दिलाया जाएगा.
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