jane dermatomyositis kya hai aur kya hai iska treatment.- जानिए दुर्लभ…

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jane dermatomyositis kya hai aur kya hai iska treatment.- जानिए दुर्लभ…

दंगल की चाइल्ड एक्ट्रेस सुहानी भटनागर की पिछले दिनों मात्र 19 वर्ष की उम्र में मृत्यु हो गई। वे दुर्लभ बीमारी डर्माटोमायोसिटिस से पीड़ित थीं। क्या है यह रोग और क्या इसका इलाज सम्भव है? आइए जानते हैं इसके बारे में सब कुछ।

वीकएंड पर हम सभी ने एक दुखद खबर सुनी। आमिर खान की फिल्म दंगल में छोटी बबीता का किरदार अदा करने वाली सुहानी भटनागर का निधन हो गया। अभी वे सिर्फ 19 वर्ष की थीं और अपनी पढ़ाई कर रहीं थीं। शनिवार को दंगल के प्रोड्यूसर और एक्टर आमिर खान ने अपने ट्विटर हैंडल पर सुहानी के निधन पर दुख प्रकट किया था। असल में सुहानी एक दुर्लभ बीमारी डर्माटोमायोसिटिस से पीड़ित हो गई थीं। जिसका पता बहुत देर से चलता है। जिसके कारण इसका उपचार असंभव हो जाता है। वास्तव में डर्माटोमायोसिटिस (dermatomyositis) एक दुर्लभ बीमारी है, जिसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है।

जानिए क्या हुआ सुहानी के साथ (Suhani Bhatnagar death cause)

दंगल अभिनेत्री सुहानी भटनागर को 7 फरवरी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था। बहुत अधिक कम्प्लीकेशन के कारण 16 फरवरी को डर्माटोमायोसिटिस के कारण उनकी मृत्यु भी हो गई। डर्माटोमायोसिटिस का अब तक सटीक कारण जाना नहीं जा चुका है। डॉक्टर यह मानते हैं कि मांसपेशियों के वायरल इन्फेक्शन के कारण यह हो सकता है। जब शरीर अपनी मांसपेशियों और शरीर के अन्य ऊतकों में ऑटोएंटीबॉडी विकसित करता है, तो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में समस्या होने लगती है। यह बैक्टीरियल इन्फेक्शन, कभी-कभी वैक्सीनेशन, यूवी रेडिएशन यहाँ तक कि पोलूटेंट के कारण भी यह हो सकता है।

क्या हो सकते हैं डर्माटोमायोसिटिस के कारण (dermatomyositis causes)

19 साल की सुहानी के केस में डॉक्टर मान रहे थे कि उन्हें दवा के कारण रिएक्शन हुआ होगा, जिसके कारण शरीर में तरल पदार्थ जमा होने की समस्या हो गई। डर्मेटोमायोसिटिस के सटीक कारण का पता लगाना मुश्किल है। मांसपेशियों के वायरल संक्रमण या ऑटो इम्यून डिजीज के अलावा, जिन लोगों में पेट, फेफड़े या शरीर के अन्य हिस्सों में कैंसर है, उनमें यह स्थिति विकसित हो सकती है।

ऑटोइम्यून मायोसिटिस (Auto Immune disease) 

ऑटोइम्यून मायोसिटिस के लिए वायरस ट्रिगर करने का काम कर सकते हैं। एचआईवी वायरस, जो एड्स का कारण बनता है, वाले लोगों में भी मायोसिटिस विकसित हो सकता है। एचटीएलवी-1 नाम के वायरस वाले लोगों में यह हो सकता है। कभी-कभी कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्टैटिन जैसी दवाओं के कारण भी हो सकता है। इसमें मरीज का वजन कम होने लगता है। इस रोग की जांच करने पर इसका पता चल पाता है। यह बहुत ही दुर्लभ बीमारी है, जो प्रत्येक 1 लाख की आबादी पर 2-3 लोगों को होती है।

dermatomyositis muscles me viral infection ke karan ho sakta hai.
ऑटोइम्यून मायोसिटिस के लिए वायरस ट्रिगर करने का काम कर सकते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

किन अंगों को प्रभावित करता है डर्माटोमायोसिटिस (dermatomyositis effect on body)

डर्मेटोमायोसिटिस में कंधों, ऊपरी बांहों, हिप्स, जांघों और गर्दन की मांसपेशियां सबसे अधिक कमज़ोर हो जाती हैं। इसमें जोड़ों का दर्द, हृदय और फेफड़ों की मांसपेशियों के ऊतकों में सूजन हो सकता है। साथ ही अन्य अंगों के ब्लड वेसल्स में भी सूजन भी हो सकती है।

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कितने समय तक रहता है डर्मेटोमायोसिटिस (how long does dermatomyositis last)?

डर्माटोमायोसिटिस लगभग पांच वर्षों के बाद रिमिशन या इनएक्टिविटी पीरियड में प्रवेश कर सकता है। अक्सर यह स्थिति क्रोनिक बन जाती है। इसका कोई इलाज नहीं है। ज्यादातर लोगों को लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए किसी न किसी प्रकार के उपचार की आवश्यकता होती है। जैसे दवा या फिजिकल थेरेपी काम कर सकती है।

Muscle pain mei dilaaye raahat ye tips
मांसपेशियों के वायरल इन्फेक्शन के कारण यह हो सकता है। चित्र: अडोबी स्टॉक

क्या यह बीमारी ठीक हो सकती है (is dermatomyositis curable or not)?

डर्मेटोमायोसिटिस दुर्लभ और गंभीर बीमारी है। यह कई मामलों में घातक हो सकती है। जितनी जल्दी हो सके निदान और उपचार शुरू करना जरूरी है। इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को अक्सर लॉन्ग टर्म -कभी-कभी जीवन भर दवाओं और ट्रीटमेंट से मैनेज किया जा सकता है। उपचार से स्किन और मांसपेशियों की ताकत और कार्यप्रणाली में सुधार हो सकता है।

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