मुस्लिम देश कतर के लिए कवच बने ट्रंप, मिडिल ईस्ट के लिए क्या हैं इसके मायने? – भारत संपर्क

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मुस्लिम देश कतर के लिए कवच बने ट्रंप, मिडिल ईस्ट के लिए क्या हैं इसके मायने? – भारत संपर्क
मुस्लिम देश कतर के लिए कवच बने ट्रंप, मिडिल ईस्ट के लिए क्या हैं इसके मायने?

डोनाल्ड ट्रंप

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मिडिल ईस्ट के देश कतर को लेकर नरम रुख दिखाया है. जहां एक तरफ गाजा डील की चर्चा हो रही है. वहीं, इसी बीच हाल ही में ट्रंप ने कतर को लेकर एक आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत अमेरिका ने कतर को सुरक्षा की गारंटी देने का वादा किया है.

इस आदेश में लिखा है कि अमेरिका, कतर की भूमि, संप्रभुता या अहम बुनियादी ढांचे पर किसी भी हमले को, अमेरिका की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा मानेगा. ऐसे किसी हमले की स्थिति में, अमेरिका सभी वैध और उपयुक्त कदम उठाएगा. जिनमें कूटनीतिक, आर्थिक और जरूरत पड़ने पर सैन्य कार्रवाई भी शामिल होगी. ताकि अमेरिका और कतर के हितों की रक्षा की जा सके और शांति और स्थिरता बहाल की जा सके.

इजराइल के अटैक के बाद ट्रंप ने उठाया कदम

ट्रंप ने इस आदेश पर हस्ताक्षर कतर पर हुई इजराइली एयरस्ट्राइक के बाद किया है. 9 सितंबर को इजराइल ने दोहा पर हमास नेताओं को निशाना बनाने के लिए अटैक किया था. हालांकि, इजराइल के पीएम नेतन्याहू ने इस कदम के लिए माफी मांगी. यह हमला हमास को निशाना बनाने के लिए किया गया था, लेकिन इसमें एक कतरी सुरक्षा अधिकारी की मौत हो गई थी.

क्यों पड़ा नरम रुख

डोनाल्ड ट्रंप कतर को लेकर हमेशा से इतने नरम नहीं थे. उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में, कतर को उच्च स्तर पर आतंकवाद का फंडर कहकर आलोचना की थी. लेकिन, 8 साल में उनके नजरिए में काफी बदलाव आया है. अब वो उस देश के समर्थन में कदम उठा रहे हैं, जिसने उन्हें एक मुफ्त लक्जरी जेट भी दिया है.

अमेरिका और दोहा के बीच साल 2017 से संबंधों में काफी बदलाव आया है. साल 2022 में राष्ट्रपति जो बाइडेन के नेतृत्व में कतर अमेरिका का एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी (non-NATO ally) बन गया. कतर में अल उदैद एयर बेस है, जो अमेरिका का मिडिल ईस्ट में सबसे बड़े बेसों में से एक है और अमेरिकी सेंट्रल कमांड संचालन के लिए अहम हब है.

कतर अपनी प्राकृतिक गैस (Natural Gas) की वजह से बहुत अमीर देश बन गया है. यह अमेरिका का एक अहम सैन्य साथी है. कतर का ट्रंप के साथ भी करीबी रिश्ता है.

अप्रैल में, ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन ने कतर में ट्रंप-ब्रांडेड गोल्फ रिसॉर्ट बनाने की योजना की घोषणा की थी, जिसे कतर के सॉवरेन वेल्थ फंड की ओर से समर्थित एक फर्म ने सहायता दी थी.

कतर ने किया स्वागत

कतर ने राष्ट्रपति के कार्यकारी आदेश का स्वागत करते हुए बयान जारी किया कि यह आदेश दोहा और वॉशिंगटन के बीच मजबूत और लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को दर्शाता है.

कतर और इजराइल के लिए क्या मतलब?

क़तर अमेरिका का एक प्रमुख सहयोगी है और यहां अल-उदैद एयर बेस, क्षेत्र का सबसे बड़ा अमेरिकी सैन्य बेस, स्थित है. कतर का नेतृत्व ट्रंप के करीब माना जाता है. हाल ही में कतर पर दो हमले हुए हैं. जून में, ईरान ने अल-उदैद को निशाना बनाया.

पिछले महीने, इजराइल ने हमास नेताओं को निशाना बनाते हुए हवाई हमले किए, जिसमें छह लोग मारे गए, जिनमें एक कतरी सुरक्षा अधिकारी भी शामिल था.

यह हमला कतर और उसके खाड़ी पड़ोसियों में गुस्सा पैदा कर गया, जो अपनी सुरक्षा के लिए अमेरिका पर निर्भर हैं. ट्रंप का आदेश कतर के लिए एक बड़ा कूटनीतिक और रणनीतिक जीत माना जा रहा है. एलिजाबेथ डेंट के अनुसार, यह संकेत देता है कि अमेरिका कतर की मध्यस्थता क्षमता को कितना महत्व देता है.

सुरक्षा गारंटी कतर की क्षेत्रीय भूमिका को मजबूत करती है, क्योंकि यह अमेरिका के दुश्मनों जैसे हमास, ईरान और अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के साथ मध्यस्थता करता रहा है.

इजराइल के लिए गाजा युद्ध के दौरान इजराइल ने लेबनान, ईरान और यमन पर बड़े पैमाने पर हमले किए, लेकिन इस आदेश के बाद कतर पर भविष्य में हमला करना अमेरिकी प्रतिक्रिया के उच्च जोखिम के साथ जुड़ा होगा.

मिडिल ईस्ट पर क्या होगा असर

कतर अब अमेरिका की सुरक्षा के तहत है और कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बाकी खाड़ी देश- जैसे कुवैत, बहरीन, यूएई, ओमान और सऊदी अरब—भी इसी तरह की सुरक्षा गारंटी की मांग कर सकते हैं. इससे अमेरिका की विदेशी प्रतिबद्धताओं और खासकर मिडिल ईस्ट में दायित्व बढ़ सकते हैं.

सऊदी अरब लंबे समय से अमेरिका से आधिकारिक रक्षा संधि चाहता रहा है, जिसे बाइडन प्रशासन ने इजराइल के साथ संबंध बनाने की शर्त पर आगे बढ़ाया था, लेकिन 2023 में हमास के हमले के बाद यह रुक गया था.

विशेषज्ञों के अनुसार, कतर को दी गई सुरक्षा गारंटी भविष्य के हमलों को रोकने में मदद कर सकती है, लेकिन चूंकि कतर हाल ही में दो बार हमला झेल चुका है, यह गारंटी अमेरिका को किसी भविष्य के संघर्ष में खींच सकती है.

कुछ का तर्क है कि सुरक्षा गारंटी से हमले कम होंगे और अमेरिकी राष्ट्रीय हित की रक्षा होगी. लेकिन, आलोचक मानते हैं कि ऐसी गारंटियां कतर को जोखिम में डाल सकती हैं और उसे ऐसे कदम उठाने का साहस दे सकती हैं, जो बिना अमेरिकी समर्थन के वो नहीं उठाता.

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