दिग्गज कंपनियों को छोड़ छोटे फंड में क्यों पैसा लगा रहे…- भारत संपर्क

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दिग्गज कंपनियों को छोड़ छोटे फंड में क्यों पैसा लगा रहे…- भारत संपर्क
दिग्गज कंपनियों को छोड़ छोटे फंड में क्यों पैसा लगा रहे निवेशक, ये है कारण

सांकेतिक तस्वीर

आजकल आजकल निवेश के अलग-अलग विकल्प मौजूद हैं, लेकिन म्यूचुअल फंड में निवेश को लेकर लोगों की दिलचस्पी हाल के दिनों में बढ़ी है. लोग अब दिग्गज कंपनियों को छोड़कर स्मॉल कैप फंड्स में ज्यादा निवेश कर रहे हैं. साल 2023 म्यूचुअल फंडों के लिए शानदार साबित हुआ है. म्यूचुअल फंडों की नजर से देखें तो इस माध्यम से निवेश करने वाले निवेशकों को शानदार कमाई हुई है. लेकिन लोग दिग्गज कंपनियों या लार्ज कैप को छोड़कर छोटी कंपनियों या फंड्स में क्यों पैसा लगा रहे हैं…आइए जानते हैं.

ये है कारण

वैल्यू रिसर्च के CEO धीरेंद्र कुमार के मुताबिक, स्मॉलकैप स्टॉक अपने लार्जकैप काउंटरपार्ट्स की तुलना में अधिक वोलेटाइल होते हैं. इसलिए इसमें लॉन्गटर्म व्यू होना जरूरी है. मिड कैप-स्मॉल कैप फंड्स ने 2023 में 40-45 पर्सेंट रिटर्न दिया है. इस जोरदार परफॉरमेंस के बाद जिस गति से पैसा आ रहा है, वह चिंता पैदा करता है.

रेगुलेटर SEBI ने भी रिटेल निवेशकों द्वारा स्मॉलकैप शेयरों और फंड्स में जरूरत से ज्यादा निवेश करने को लेकर चिंता जताई है. जानकारों के मुताबिक, अगर वोलेटिलिटी आती है तो भारी मात्रा में विड्रॉवल हो सकता है. मिड-स्मॉल कैप स्टॉक्स एक्सचेंज पर हेल्दी ट्रेडिंग वॉल्यूम एन्जॉय नहीं करते हैं. कोविड के समय इनका ट्रेडिंग वॉल्यूम बहुत गिर गया था.

Samco Mutual Fund के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2024 में स्मॉल-कैप स्कीम्स की असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) रेकॉर्ड 2.48 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई. जनवरी में यह 2.99 लाख करोड़ रुपये की लार्ज-कैप स्कीम कैटेगरी के AUM का लगभग 83% था, जबकि अगस्त 2021 में यह 44% था.

नहीं कर सकेंगे एकमुश्त निवेश

कोटक महिंद्रा म्यूचुअल फंड ने सोमवार को अपने स्मॉलकैप फंडों में एकमुश्त निवेश को प्रतिबंधित कर दिया. कंपनी के मुताबिक, उनके इस कदम का उद्देश्य मौजूदा यूनिटहोल्डर्स के हितों की रक्षा करना और स्मॉलकैप में हालिया उछाल को देखते हुए इंक्रीमेंटल इन्वेस्टमेंट उचित रूप से करना. AMC ने स्कीम में अतिरिक्त निवेश या स्विच-इन सहित एकमुश्त निवेश के जरिए नई सदस्यता को 2 लाख रुपये प्रति PAN प्रति माह तक सीमित कर दिया है. इसके अलावा SIP, STP और ऐसे अन्य प्रॉडक्ट्स में Rs 25,000 प्रति PAN लिमिट किया है.

2 साल में मिला काफी रिटर्न

White Oak Capital Management के CEO आशीष सौमय्या के मुताबिक, पिछले दो साल में स्मॉल कैप में काफी रिटर्न आ चुका है और अब यह डिस्कशन में है कि यह स्टॉक्स महंगे भी काफी हो चुके हैं. एक साइज के बाद इनमें वैसा ही रिटर्न आए, यह अब डाउटफुल है. स्मॉल कैप में 250 स्टॉक्स हैं और मिड कैप में 150 और इनका साइज भी लिमिटेड है. अगर बहुत सारा पैसा आता है तो फंड हाउस उसे सिलेक्टेड स्टॉक्स में ही डालेंगे. ऐसे में मार्केट के लेवल को देखते हुए फंड हाउस को रिस्ट्रिक्शन करना होता है.

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