जिंदगी फाउंडेशन के 20 गरीब पृष्ठभूमि के छात्रों ने NEET क्वालीफाई कर रचा इतिहास…

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जिंदगी फाउंडेशन के 20 गरीब पृष्ठभूमि के छात्रों ने NEET क्वालीफाई कर रचा इतिहास…
जिंदगी फाउंडेशन के 20 गरीब पृष्ठभूमि के छात्रों ने NEET क्वालीफाई कर रचा इतिहास

सांकेतिक तस्वीरImage Credit source: freepik

जिंदगी में कुछ भी नामुमकिन नहीं होता, बस हौसला और हिम्मत चाहिए. जिसके साथ आप बड़ी से बड़ी मुश्किलों को पार कर अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं. जिंदगी फाउंडेशन के छात्रों ने भी तमाम कठिनाइयों को सामना कर वो मुकाम हासिल किया है जिसका सपना हर कोई देखता है. गरीब पृष्ठभूमि से आने वाले सभी 20 छात्रों ने डॉक्टर बनने के अपने सपने को साकार कर लिया है. छात्रों ने देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक NEET के लिए क्वालीफाई कर लिया है. पहली बार उड़ीसा से बाहर के छात्र भी जिदगी फाउंडेशन के बैच में शामिल होकर हुए सफल है.

एक छोटे किसान और दिहाड़ी मजदूर के बेटे जगदीश महापात्रा को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. बेटे की पढ़ाई के लिए माता पिता ने कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने पढ़ाई के लिए ऋण भी लिया. लेकिन शुरू में जगदीश NEET को पास करने में असफल रहे. निराश जरूर हुए लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. जिंदगी फाउंडेशन के मार्गदर्शन में उन्होंने NEET 2024 में 705 अंक हासिल किए. अब जगदीश को आसानी से देश के एक प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिल जाएगा.

तमाम परेशानियों का किया सामना

कुछ ऐसी ही कहानी है प्रियब्रत देहुरी की. जिनका जीवन काफी संघर्ष भरा रहा. पिता की बीमारी और बाद में उनकी मौत ने उसके सामने मुश्किलों का पहाड़ खड़ा कर दिया. इस दौरान उनकी मां को पेट भरने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी. इन परेशानियों से प्रियब्रत का डॉक्टर बनने का सपना टूटा नहीं बल्कि वो और भी पक्का हो गया. जिंदगी फाउंडेशन के प्रयास और समर्थन से उन्होंने NEET में 700 अंक प्राप्त किए.

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जिंदगी फाउंडेशन ने की मदद

NEET 2024 में सफलता हासिल करने वाली संपदा मुदुली की राह भी आसान नहीं थी. पिता की विकलांगता और खुद की किडनी की समस्या की वजह से उन्होंने कई परेशानियों का सामना किया. इस दौरान उनके मन में डॉक्टर बनने चाह उठी. जिसमें जिंदगी फाउंडेशन ने हर कदम पर उनका साथ दिया और उनके सपने को पूरा करने में उनकी मदद की.

वहीं एक दिहाड़ी मजदूर की बेटी गायत्री दास की कहानी भी संघर्षों से भरी है. वो एक ऐसे गांव में रहती थीं जहां चिकित्सा सुविधाएं नहीं थी. उन्होंने डॉक्टर बनने का सपना देखा, जिसमें उनकी मदद जिंदगी फाउंडेशन ने की. उन्होंने बताया कि फाउंडेशन ने उन्हें सभी जरूरी मदद के साथ ही संसाधन भी उपलब्ध कराए. जिसकी बदौलत उन्होंने एग्जाम क्लियर किया.

बिहार के खगड़िया के रहने वाले अभिषेक कुमार को अपने पिता की मृत्यु के बाद काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. घर को चलाने के लिए उनकी मां लोगों के घरों में काम करती थी. अभिषेक के बड़े भाई ने अपने छोटे भाई के डॉक्टर बनने के सपने को साकार करने के लिए अपनी पढ़ाई छोड़ दिया. और आखिरकार जिंदगी फाउंडेशन की मदद से उनका डॉक्टर बनने का सपना साकार हो गया.

गरीब छात्रों की मदद करता है जिंदगी फाउंडेशन

अजय बहादुर सिंह द्वारा स्थापित जिंदगी फाउंडेशन गरीब छात्रों को मुफ्त मेडिकल कोचिंग, अध्ययन सामग्री और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान करता है. अजय बहादुर जिन्होंने खुद आर्थिक तंगी का सामना किया. वो डॉक्टर बनना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका. उसके बाद उन्होंने 2017 में जिंदगी फाउंडेशन की स्थापना की. अब तक 123 छात्रों ने फाउंडेशन के समर्थन से NEET में सफलता हासिल की है.

अजय बहादुर सिंह का कहना है कि जिंदगी फाउंडेशन की पृष्ठभूमि उनकी जिंदगी से जुड़ी हुई है. उन्होंने बताया कि आर्थिक तंगी की वजह से उनका डॉक्टर बनने का सपना साकार नहीं हो पाया. वही सपना वो इन छात्रों की आखों में देखते हैं और उसे पूरा करने में मदद करते हैं. उनका कहना है कि छात्रों की सफलता के जरिए वो अपने सपने को पूरा कर रहे हैं.

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