एशिया में नए युद्ध की आहट, ताइवान के आसमान में दिखे 21 चीनी फाइटर जेट – भारत संपर्क

मिडिल ईस्ट और यूरोप के बाद एशिया में नए युद्ध की आहट सुनाई देने लगी है. इस वॉर का कारण बनने वाला है चीन. ताइवान पर कब्जे को लेकर चीन ने अपने अभियान को गति दे दी है. इसकी बानगी मंगलवार को तब देखने को मिली जब ताइवान के आसमान में एक दो नहीं बल्कि 21 चीनी फाइटर जेट दिखाई दिए. चीन की इस हरकत के बाद ताइवान ने भी जवाब की तैयारी कर ली है.
दक्षिण चीन सागर में अपने प्रभुत्व को बढ़ाने के लिए चीन कभी भी ताइवान पर हमला कर सकता है. इसके लिए ड्रैगन लगातार ताइवान में घुसपैठ कर रहा है. मंगलवार को चीनी फाइटर जेटों ने ताइवान की सीमा में घुसपैठ की और यहां एक फैक्ट्री में भी धमाका हुआ. यह धमाका कैसे हुआ ये साफ नहीं हो सका है, हालांकि ताइवान इसमें चीन का ही हाथ मान रहा है.
ताइवान के लिए खतरा बन रहा चीन
ताइवान के लिए चीन लगातार बड़ा खतरा बनता जा रहा है. इससे निजात पाना राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के लिए मुश्किल होता जा रहा है. इसका एक कारण है ट्रंप का वो रुख, जो ताइवान की सुरक्षा की गारंटी को कमजोर करता है. क्योंकि, ट्रंप की भूमिका सिर्फ हथियार सप्लायर की हो चुकी है.जिसका फायदा उठाकर चीन ने आक्रामक रुख अपना लिया है.
26 फाइटर जेट ने भरी उड़ान, 21 ने की घुसपैठ
15 जुलाई को सुबह 6 बजे एक बार फिर चीन के प्लेन ने घुसपैठ की दावे के तहत चीन के 26 फाइटर जेट्स ताइवान के आसपास उड़ान भरते देखे गए थे. इनके अलावा चीन की नेवी के 7 जहाज भी इसी क्षेत्र में गश्त कर रहे थे. जबकि चीन का 1 एयरक्राफ्ट कैरियर भी ताइवान ने मध्य रेखा के पास देखा इनमें से 21 फाइटर प्लेन ने ताइवान की उत्तरी, दक्षिण-पश्चिम और पूर्वी सीमा का उल्लंघन कर घुसपैठ की. इसके बाद ताइवान की सेना एक्टिव हो गई. न सिर्फ सीमावर्ती क्षेत्र में ताइवान सेना ने कूच किया, बल्कि, चीन से बचाव का अभ्यास भी आरंभ कर किया.
साउथ चाइना सी में अभ्यास कर रहा चीन
दरअसल चीन पिछले 7 दिन से साउथ चाइना सी में हान कुआंग एक्सरसाइज़ कर रहा है, और ये घुसपैठ भी इसी एक्सरसाइज़ के दौरान हुई है, इसलिए ताइवान ने भी सीमा पर एंटी लैंडिंग अभ्यास शुरू कर दिया. इस अभ्यास में स्टिंगर मिसाइल से लैस सैनिक शामिल हुए मेट्रो रूट से रसद सप्लाई के लिए भी तैयारी की गई. वहीं सतह पर चीन के एम्फिबियस को ध्वस्त करने की ट्रेनिंग की गई. इसके अलावा किसी भी स्थिति से निपटने के लिए एयरफोर्स को तैयार किया जा रहा है, जिसके लिए रनवे की मरम्मत भी शुरू हो गई है.
ताइवान की फैक्ट्री में धमाका
चीन की घुसपैठ के दौरान ही, ताइवान के काऊशुंग में द्वीप के पहले बड़े बैटरी प्लांट में धमाका हुआ है. इस फैक्ट्री में लिथियम बैटरी बनाई जाती थी, इसलिए ये एक हादसा माना गया है, लेकिन आशंका चीन की किसी गतिविधि की है. इसके बाद ताइवान में जंग की तैयारी शुरू हो गई.हैरानी की बात ये है कि, इस तैयारी में अमेरिका शामिल नहीं है.