95 स्कूलों में 2707 छात्र-छात्राओं ने दी परख परीक्षा- भारत संपर्क
95 स्कूलों में 2707 छात्र-छात्राओं ने दी परख परीक्षा
कोरबा। परख राष्ट्रीय सर्वे के तहत परख परीक्षा (सर्वे) ली गई। कोरबा जिले में भी परख परीक्षा का आयोजन हुआ। जिले के प्राइवेट, शासकीय और केंद्रीय विद्यालय मिलाकर 95 स्कूलों में यह राष्ट्रीय परीक्षा आयोजित की गई। जिसमें तीसरी, छठवीं और नवमीं के सलेक्टेट 2707 छात्र-छात्राओं ने एग्जाम दिया।
यह परीक्षा काम्पिटशन एग्जाम की तर्ज पर ली जाती है। जिसमें ओएमआर सीट बच्चों को दिया जाता है और हर प्रश्न के चार जवाब होते हैं जैसे सीजीपीएससी। एक तरह से तीसरी क्लास के बच्चों के लिए यह नया अनुभव होता है। एक तरह से बच्चों को काम्पिटशन एग्जाम के बारे में भी सीखने को मिलता है। परीक्षा दिलाने से पूर्व इसका मॉक टेस्ट भी स्कूलों में लिया गया था ताकि बच्चे ओएमआर सीट कैसे भरते हैं यह सीखे। परख सर्वे में बच्चों के अलावा शिक्षक और एचएम की भी एक तरह से परीक्षा होती है। क्योंकि एफआई के द्वारा उनसे भी सवाल पूछे गए। इससे उनकी तैयारी भी परखी गई। तीसरी और छठवीं के बच्चों की परीक्षा डेढ़ घंटे और नवमीं के बच्चों की परीक्षा 2 घंटे समय अवधि रही। इसमें पाठ्यक्रम में पढ़ाए जा रहे गणित, विज्ञान, हिंदी भाषा पाठ्यक्रम से ही सवाल पूछे गए। परीक्षा के लिए 124 एफआई (इन्वेस्टिगेशन आफिसर) और 95 ऑब्जर्वर की ड्यूटी लगाई गई थी। डाइट प्राचार्य रामहरि सराफ ने बताया कि परख परीक्षा जिले में शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। कुल 2704 बच्चों ने सर्वे परीक्षा में भागीदारी निभाई।
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बच्चों के साथ शिक्षकों की भी परीक्षा
बता दें, इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य बच्चों की पढ़ाई क्षमता को पता लगाना होता है कि बच्चे अपने क्लास में कितना सीख रहे हैं और उनका पढ़ाई का स्तर कैसा है। इसलिए हर साल एनसीआरईटी के द्वारा पूरे देशभर में इस परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इससे पहले तो बच्चों की पढ़ाई का स्तर सामने आता है और दूसरा शिक्षकों की भी दक्षता सामने आती है कि शिक्षकों के द्वारा बच्चों को किस तरह पढ़ाया जा रहा है और बच्चे वास्तव में कितना सीख रहे हैं। इस सर्वे का रिजल्ट जारी होता है जिसमें पता चलता है कि किस जिले में शिक्षा का स्तर ऊपर है और कहां खराब।इसी के आधार पर शासन आगे की रणनीति तैयार की जाती है।