मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 4 हाथियों की हुई मौत, 6 की हालत गंभ… – भारत संपर्क
मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर, खितौली और पनपथा रेंज की सीमा में 4 जंगली हाथियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. वहीं दूसरी तरफ 6 हाथी बिमार है. ग्रामीणों का कहना है कि कोदो और कुटकी की फसल खाने के चलते हाथियों की मौत हो गई है और जो बीमार हैं उनका इलाज करने के लिए जबलपुर के डाक्टरों की टीम पहुंची है.
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया कि खितौली कोर, पतौर कोर और पनपथा बफर का एरिया है, यह ट्राय जंक्शन एरिया कहलाता है. यहां से गांव भी पास में लगे हुए हैं. हाथियों की मौत को लेकर उन्होंने कहा, हम जांच कर रहे हैं, डॉक्टरों की टीम भी आ गई है, अभी तक 4 हाथियों की मौत हो चुकी है.
हाथियों के मूवमेंट पर रखी जाती है नजर
डिप्टी डायरेक्टर प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया, यह 13 हाथियों का झुंड था बाकी अभी जंगल में दिख रहे हैं अभी 6 हाथियों का इलाज चल रहा है. प्रतिदिन हमारी टीमें पेट्रोलिंग करती हैं और साथ में हमारे गांव वालों के दल भी बने हुए हैं जो लगातार हाथियों की मूवमेंट पर नजर रखते हैं, हमारे व्हाट्सएप ग्रुप भी बने हुए हैं, कल का इनका मूवमेंट बताया गया था कि बगैहा, बडवाही होते हुए सलखनिया गांव गए थे.
हाथियों की कैसे हुए मौत?
अगर ग्रामीणों की माने तो इनकी मौत और जो हालत खराब हुई है वह कोदो और कुटकी की फसल खाने से हुई है. हाथियों को कोदो और कुटकी भारी नुकसान पहुंचाती है. हालांकि, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में 60 से 70 जंगली हाथियों का दल अलग-अलग झुंड में अलग-अलग क्षेत्र में रहता है.
भारत में कितने हाथी मौजूद
हर साल 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है. साल 2017 में हाथियों की भारत में जनगणना हुई थी, जिसके मुताबिक, भारत में लगभग 29,964 हाथी मौजूद हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में दुनिया की 60 प्रतिशत से अधिक जंगली एशियाई हाथियों की आबादी रहती है. पूरे देश में 31 हाथी रिजर्व हैं, जो 14 राज्यों और 76,508 वर्ग किलोमीटर में फैले हैं.
इनपुट- सुरेन्द्र त्रिपाठी